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________________ Son Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya S a garmur yamandir खियों का दय भी दुष्ट होता है। जैसे तृणों से ढका हुआ कूप मप्रकाश युक्त होता है ससी तरह माया से ढका हुमा इन का हदय पुरुषों के द्वारा जाना नहीं जाता है। जैसे मृग को पकड़ने वाला व्याध अनेक कपटों का प्रयोग करके मृग को पा लेता है उसी तरह विविध प्रकार के कपटों का प्रयोग करके खियाँ पुरुषों को फँसा लेती हैं। स्त्रियों का हृदय किसी भी प्रकार से जाना नहीं जा सकता है। जैसे फण्डे को अग्नि वाहक होती है उसी तरह स्त्रियाँ भी पुरुष के अन्तः करण को दुःखाग्नि द्वारा जलाने वाली होती है। जैसे पर्वत का विषम मार्ग समतल नहीं होता है उसी तरह इनका हदय भी सम नहीं होता है किन्तु विषम यानी अत्यन्त चश्चल होता है। जैसे भूतों से प्रस्त पुरुष का आचरण चञ्चल होता है, कहीं भी वह ठहरता नहीं है। इसी तरह इन त्रियों का चित्त भी किसी एक वस्तु पर स्थिर नही रहता है। जैसे दुष्ट व्रण के अन्दर का प्रदेश दूषित होता है उसी तरह इनका भी हत्य पित होता है। कृष्या सर्प के तुल्य ही खियाँ भी विश्वास के योग्य नहीं हैं। खियाँ अपने कपट को छिपा कर रखती है जैसे महामारी अपनी मारकशक्ति को छिपाये रखती है। सन्ध्याकाल में जैसे बोकी देर तक मेघों में रक्त वर्ण उत्पन्न होता है, उसी तरह इनमें भी थोड़ी देर के लिये राग नत्पन्न होता। जैसे समुद्र की तरंगें स्वभावतः चन्चल होती हैं इसी तरह खियों का चित्त भी स्वभावतः चञ्चल होता है। जैसे मछली को पीछे की भोर लौटाना सरल नहीं होता उसी तरह स्त्रियों को भी उनके हठ से निवृत्त करना सरल नहीं होता है। वानर के समान स्त्रियों का चित्त चनक्ष होता है। मृत्यु में और स्त्री में कोई भेद नही है। जैसे दुर्भिक्षकाल दया से शन्य होता अथवा सर्प जैसे निर्दय होता है उसी तरह स्त्रियाँ भी निर्दय होती हैं। जैसे परुणदेवभपने हाथ में पाश लिये रहता है, उसी तरह खियाँ पुरुषों को फंसाने के लिए सदा ही काम का पाश लिये रहती है। जन जिस तरह स्वभाव से ही नीचगामी होता है उसी तरह स्त्रियाँ भी नीचानुरागिणी होती हैं। For Private And Personal use only
SR No.020790
Book TitleTandulvaicharik Prakirnakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmbikadutta Oza
PublisherSadhumargi Jain Hitkarini Samstha
Publication Year1950
Total Pages103
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_tandulvaicharik
File Size12 MB
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