________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुरसुंदरीचरिशं। // 26 // | बुद्धीया // 210 // शत्ति निविटा तत्तो पासिय में लजियाव मेणयंति / ताहे समप्पिओ से तंबोलो सहरिसं गहिओ // 211 // गहि al तइओ यत्थाए भणियं केणेसो पेसिओ म्ह तंबोलो 1 / मे भणियं तह सुंदरि ! मणोहरेणं पिययमेणं // 212 // तीए भणियं कन्ना अहंति परिच्छेओ। | कह मज्झ पिययमो भद्दे 11 / मे भणियं नणु होही अह सा अफुडक्खरं भणइ // 213|| कह मामि! अंउनाए एत्तियमेवाणि | मज्झ पुनाणि / जं सो भचा होही सणमिपि अइदुलहं // 214 // एत्तियमेतं भणिउं अंसुजलुप्फुण्णलोयणा झत्ति / नीसास | मोत्तूणं गयचेट्ठा सा पुणो जाया // 215 / / तत्तो सहीहि भणियं साहेजसु तस्स निग्घिणमणस्स / जहदिढ हि सरूवं इमीए अइग| रुयपेम्माए // 216 // | अमं च / जइ कहवि ताव बोर्लइ रयणी कुसलेण ता पभायम्मि / उजाणम्मि गयाए दायव्वं दंसणमिमीए // 217 // तसः | णेण जीवइ न अनहा एस निच्छओ अम्ह / एवं बहुहा भणिया समागया तुम्ह पासम्मि // 218 // एवं चूयलयाए भणियं सोऊण Gll तीए वुत्ततं / दुगुणतरो मे जाओ तधिरहे गरुयसंतावो // 219 / / जइ मैरिही सा बाला कहवि हु गुरुविरहताविया हंदि।। एएण | निमित्तेण ता मज्झवि आगयं मरणं // 220 // अहवा सिणेहजुत्ता जइ सा ता कीस मज्झ पडिवयणं / नवि दिनं ता मन्ने मंदसिणेहा उ मह उवरि // 221 // जइवि हु सा निन्नेहा तहवि मणं मज्झ तीए विरहम्मि। पजलियजलणसमुज्जलजालालिद्ध्व पडिहाइ // 222 / / *नयणेहिं पुलइया सा ताई चिय दहउ एस पियविरहो। हियएण किमवरद्धं जेण तयं नियं दहइ ? // 223 / / अन्नण कयं अन्नो न पष्टवा / 3 मनाक् / 3 सख्या आमन्त्रणेऽव्ययम् / 4 अपुण्यायाः। 5 उप्फुण=पूर्णम् / 6 गच्छति। 7 मरिष्यति / 8 निःस्नेहा। 1 आलिद्ध // 26 // all आश्लिष्टम् / 1. रठा / For Private and Personal Use Only