SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 59
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ** * ** | अम्हे पुण पाहुणया अयाणुया एत्थ वत्थुम्मि / / 196 // अह भणइ भाणुवेगो अम्हेवि हु नेव जाणिमो किंचि / तो भणइ सोमलया | सांस्यं एरिसं वयणं // 197 // हरिऊण तीए हिययं दिट्ठीवाणेहिं पहरियं अंगे। तुडिगयजीय काउं तं संपइ अयाणुओ जाओ॥१९८॥ | कंठगयजीवियासा तुह विरहे मरइ नत्थि संदेहो। अयण अवलंबिय तं चिट्ठसि निद्दओ भद्द! // 199 // अनं च / जो जत्थ जणो निवसइ रक्खइ सो आयरेण तं गेहं / तीए मणम्मि वसंतो किं निय! तं मणं दहसि // 20 // | हरिऊण तीए हिययं संपइ चोरोव्व निन्हवेमाणो। न हु छुट्टसि सुयणु! तुम किंचि उवायं विचिंतेसु / / 201 // तत्तो य मए भणियं अम्मे! तं चेव साहसु उवायं / एवं चवत्थियम्मि जं जुत्तं अम्ह काउंजे // 202 // भणियं सोमलयाए चित्तं पत्तं व पंचयनिमिचं / पट्टवसु जेण चित्तं संधीरेइ सा तयं दटुं // 203 // ततो य मए लिहिया पत्ते नलिणीओतीए पउमम्मि / मोत्तूण सेसकुसुमे निली| यमाणो अली लिहिओ॥२०४॥ हिंदंठे य तस्स लिहिया एसा गाहा उन्बुन्नयरसेण / नियभावसूयणपरा पच्छन्नत्था तया कुमर! | // 205 // तह कहवि परिद्ववियं अलिणो नलिणीए परिमलं हियए। लेयणुप्पयणं जह तस्स केवलं सेसकुसुमेसु // 206 // तं च बहु पत्तमझे काउं तो पेसिओ सतंबोलो। चूयलयाए हत्थे दोवि गया तीए पासम्मि // 207 // ततो खणंतराओ चूयलया आगया इमं भणइ / एत्तो विणिग्गया है पत्ता य कमेण तग्गेहे // 208 // मत्तव्य मुच्छिया इव गिलिया इव सुयणु! गुरुपिसाएण। दिट्ठा उ कणगमाला विसममवत्थंतरं पत्ता // 209 / / तीए सहीहिं भणियं समागया चित्तवेगइत्ति / अह सा तुह नामक्खरायमणलद्ध| 1 अज्ञाताः / 2 असूयया सहितम् / 3 अजनत्वम् पशुत्वम् / 4 निर्दयः / 5 निर्नवान: अपलपन् / छुब्यसे-मुच्यसे / . अम्मा-अम्बा। 8 प्रत्ययःविश्वासः। 9 संधीर-सम्यग् धैर्यमायाति / 10 हेतु-अधः / 11 उबुन्नओ-उलूटः / 12 लयनोत्पतनम् अवस्थानोरप्लवने / 13 आयन्नणं=आकर्णनम् श्रवणम् / ** ** *18 For Private and Personal Use Only
SR No.020776
Book TitleSursundari Chariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhaneshwarmuni
Publisher
Publication Year
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy