________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुरसुंदरी- चरि। // 19 // चूलियासिहरो // 12 // सिद्धाययणपरिट्ठियजिणविबच्चणनिमित्तमितीहि / विविहविबुहावलीहिं विणायमाणंबराऽऽभोगो // 13 // कयलीहरडिएहिं पइमज्झण्हं वणे वणे बहुसो / कताबिइजविजाहरेहिं किजतसंगीओ // 14 // अइमहुरभारईए ठाणे ठाणम्मि चारण- परिच्छेओ। *|| मुणीहिं / पारद्धदेसणेहिं पडिबोहिजंतजंतुगणो // 15 // पुन्वावरसागरपाविएण होऊण मज्झदेसम्मि / पिसुणेणव जेण कओ दुभावो | | भरहवासस्स // 16 // सुविसालदक्खिणुत्तरविभत्त सेढीदुगेण सोहिल्लो। ऑसियसब्बिड्डीओ वेयड्डो नाम सेलोत्ति // 17 // नवभिः | कुलकम् / तत्थत्थि दक्षिणाए सेढीए खयरलोयपडिपुत्रं / भमिरच्यरंगणागणनेउरझंकाररवमुहलं // 18 // उत्तुंगमगरतोरणअसमाण दुवारदेससोहेहिं / निच विरायमाणं विजाहरभवणवंदेहिं // 19 // सयलतइलोकलच्छीनियनिलयं रयणसंचयं नाम / नगरं नयरगु| गड्ढे पमुदियनरनारीसंघायं // 20 // तिसृभिः कुलकम् / तम्मि य पुरम्मि बहुविहविजाहरसयसहस्ससंकिन्ने / परिवसइ गुणनिहाणो | पवणगई नाम वरखयरो॥२१॥ विनाणविणयजुत्ता पणो अच्चंतवच्छलसहावा / नियपरिमलजियबउला बउलवई नाम से भब्जा | // 22 // तीए सह विसयसोक्खं अणुहवमाणस्स तस्स कालेण / अहमेगएव पुत्तो उप्पन्नो कयमणाणंदो // 23 // जम्मदिणे चिय पुर-| नरचित्तचमुक्कारकारयं मज्झ / वद्धावणयं पिउणा कारावियमसमहरिसेणं // 24 // कमसो य वारसाहे वोलीणे मज्झ जणणिजणएहिं। गुरुतुट्टीए पइडियमहिहाणं चित्तवेगोत्ति // 25 // वोलीणेसु य कइवयवरिसेसु अहं महंतबुद्धिस्स / अज्झावयस्स मुंहतिहिरिक्खम्मि 1 अर्चनम् पूजनम् / 2 आवतीभिः आगच्छन्तीभिः / 3 कान्ता द्वितीया येषां तैः स्वस्त्रीसहितैविद्याधरैरित्यर्थः / 4 भारत्या। 5 दुर्भावः द्वयोर्भावः, // 19 // यो वो विर्भाव इति विग्रहेण द्वित्वं च सेढी श्रेणी / 7 आश्रिताः सर्वा ऋद्धयो य वैताढथं सः / 8 खेचरा विद्याधरास्तेषामजनानां स्त्रीणां गणस्य नूपुराणां महाररवैझबारशन्दैर्मुखरम् / 9 वृन्दैः / 10 पत्युः। 11 भभिधानम् / 12 भज्झावओ-अध्यापकः / 13 गुमे-तिथिऋक्षे; ऋक्ष नक्षत्रम् / For Private and Personal Use Only