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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir राया घणवाहणोत्ति तत्थासि / पाणप्पिया से देवी वसन्तसेणत्ति नामेण // 108 // ताण य पुत्तो नरवाहणोति नामेण उकडपयावो। | कमलावइत्तिनामा धूया अचंतरूवबई // 109 // अह अन्नया य राया दाउं नरवाहणस्स नियरजं / कमलावई य भगिणी अणुरूव वरस्स दायव्वा // 110 // इय भणिऊण पुत्तं सुगुरुसमीवम्मि जायसंवेगो। संसारुच्छेयकर सामन्नं उवगओ विहिणा // 111 // | नरवाहणोवि राया रजं पालेइ पणयपडिवक्खं / चिट्ठइ कन्नतेउरमझे कमलावई वि सुहं // 112 // एत्तो य तम्मि नयरे निवसइ वणिओ उ सागरो नाम / रनो बालवयंसो जिणवयणे गाढमणुरत्तो॥११३।। सिरिमइनामा भजा अइप्पिया तस्स सीलसंपन्ना / सिरिदत्तो से पुत्तो सिरिकता तहह्य दुहियत्ति // 114 // सिरिकता अणुदियहं वचई कमलावईए पासम्मि / जाया य गरुयपीई अत्रोत्रं ताण दोहंपि // 115 // इत्थीजणजोगाओ गहियाओ कलाओ बालभावेवि / सगलकलानिउणस्स उ पासम्मि सुमित्तसेणस्स // 116 // रायदुहियाए समयं चित्चाईयाहि विविहकीलाहिं / सिरिकंता कीलेत्ता विगालसमयम्मि एइ गिहं // 117 / / सिरिकताए समय सिणेहसाराए रायधूयाए / बोलीणो बहुकालो नाणाविहकीडणरयाए // 118 // कमसो वढुंतीओ तियसाण वि पत्थणिजरूवाओ। पत्ताओ पढमजोच्चणमणंगसिंगारआवास // 119 / / अह अन्चया य राया मइसागरसागरेहि संजुत्तो / अत्थाणमंडवम्मी आसीणो अच्छई जाव // 120 // नियसहियणसंजुत्ता ताव य कमलावई तहिं आया। भूसणपसाहिअंगी गेंदुयकीलाए कीलंती // 121 / / अह सा भगिणी रना पीईए निवेसिया "निउच्छंगे / ततो दट्टुं तीए रूवं तह जोव्वणमुदग्गं // 122 // भणिओ रमा मंती मइसागर ! * तइय पव्वयंतेण / ताएण अहं भणिओ भगिणी ठाणम्मि दायव्वा // 123 // इहि वरस्स उचिया जाया एसत्ति ता महं कहसु। 1 धूया-दुहिता-पुत्री / 2 बालवयस्यो बालमित्रम् / 3 अतिक्रान्तः / 4 आस्ते। 5 निउच्छंगे-निजोत्सझे / 6 तदा प्रबजता-दीक्षा ग्रहता। For Private and Personal Use Only
SR No.020776
Book TitleSursundari Chariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhaneshwarmuni
Publisher
Publication Year
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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