________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassaqarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org सियवयणो य चित्तवेगो सो। अन्मुट्ठिऊण पणमइ तं देवं परमविणएण ||88 // अह सो सुहासणत्यो तियसो संलवइ भद्द ! तुह all कुसलं / मणिणो य पभावाओ नित्थिना आवया विउला ! // 89 // तो भणइ चित्तवेगो तुम्ह पभावाओ संपेयं कुसलं / ता संपइ मह साहसु महंतकोऊहलं इत्थ // 90 // पुवभवे संबंधो तुमए सह आसि को ममं देव ! 1 / केण व कजेण तुमं आसि गओ उच्छुगो | तइया // 11 // तत्तो य भणइ तियसो इमेण कजेण आगओ सुयणु ! सा एगमणो होउं साहिजतं निसामेहि // 12 // | जंबुद्दीवे इहई एरवए अत्थि आरिए देसे / विजयवई नामेणं नयरी सुरनयरिसंकासा // 93 // तीएवि सुविक्खाओ धणभूई नाम * आसि सत्थाहो / दक्खिनदयाजुत्तो उज्जुत्तो जइणधम्मम्मि // 94 // चंदोव्व कलानिलओ गयव्य निच्च पयट्टवरदाणो / अणुयर्तिय * मित्तो वासरोव्व बुहलोयमणइट्ठो // 15 // तस्स य पसंतरूवा पइव्वया सच्चसीलदयजुत्ता / भजा सुंदरदेहा सुंदरिनामा सुविक्खाया // 96 // विमलं सावगधम्म सम्मं अह ताण पालयंताणं / वच्चंति वासराई सुसाहुजणभत्तिजुत्ताणं // 97 // अह अन्नया कयाइवि पहाण | सुविणेहिं सूइयं तणयं / सा सुंदरी पसूया पभूयसुहलक्खणाइन्न / / 98 // निजियअणंगरूवं तेएण य दिणयरस्स सारिच्छं / सोम ससिबि पिर्व जिणिंदधम्मंव सुहजणयं / / 99 / / अह तस्स बारसाहे वोलीणे निययजणणिजणएहिं / गरुयपमोएण कयं विहिणा नाम *सुधम्मोत्ति // 100 // धणवाहणाभिहाणो बीओ कालेण से सुओ जाओ। सोवि हु सुधम्मनामो जाओ अह अट्ठवारिसओ // 101 // | तीए य पुरवरीए विहरंतो अन्नया समोयरिओ / समणसयसेवियकमो सुदंसणो नाम आयरिओ॥१०२॥ अप्पडिबद्धविहारी चउदस 1 अभ्युत्थाय / 2 सांप्रतं संप्रति / 3 अत्र / 4 आर्ये / 5 संकाशा-तुल्या / 6 सत्थाहो सार्थवाहः / 7 दानं त्यागः, मदश्च / 8 सत्कृतमित्रः, Ilalell वासरपझे मित्रः सूर्यः धनभूतिपक्षे मित्राणि सुहृदः / 9 पिव-इवाऽव्ययमिदम् / 1. अष्टवार्षिकः / For Private and Personal Use Only