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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | आसित्ति // 97 // तीए सह घिसयसोक्खं निसेवमाणस्स मेहनायस्स / जाओ सुओ सुरूवो नामेणं असणिवेगोत्ति // 98 // अन्भसि यकलानियरो साहियविजो गुणाण आवासो। जणयाण कयाणंदो कमसो सो जोवणं पत्तो // 99 // एत्तो य दक्षिणाए इमीए | सेढीए कुंजरावते / एयम्मि पेव नयरे चंदगई आसि वरखयरो॥१००॥ तस्स य मणवल्लहिया महिला नामेण मयणरेहत्ति / कालेण || वाण पुत्तो अमियगई नाम संजाओ // 101 // धूया चंपयगोरा चंपयमालति तदणुसंजाया। पत्ता य जोवणं सा विजाहरकुमरम| णहरणं // 102 // अह सा चंपगमाला वरिया सुरनंदणम्मि नयरम्मि / मंतिसुयअसणिवेगस्स, सायरं तेण परिणीया // 1.3 // नीया | नियए नयरे सह तीए सो विसालनयणाए / परपीईए जुत्तो भुंजइ माणुस्सए भोगे॥१०४॥ अह अनया कयाइवि मंतिपयं देवि' | असणिवेगस्स / निययतणयस्स तत्तो विरत्तचित्तो महासत्तो॥१०५।। रबा पहजणेणं सहिओ संजायगरुयसंवेगो / सुगुरूण पायME मूले पव्वइओ मेहनाओ सो॥१०६॥ खयरो वि असणिवेगो चंपगमालाए हिययदइयाए / समयं गिहवासफलं अणुहवई विसय| सोक्खंति // 107 // अह चंपगमालाए कमेण पुचा ओ पंच उप्पन्ना / ताणं पिययम ! निसुणसु कमेण एयाई नामाई // 108 // | वजगई वाउगई चंदो तह चंदणो सुसीहो य / पंचण्डं पुचाणं उवरि धृया अहं जाया // 109 // जम्मदिणे मह पिउणा सुयजम्मम| हूसवाओ अब्भहिओ / काराविओ सहरिसं महोच्छवो गरुयनेहेण // 110 // वत्ते य बारसाहे नामं तु पियंगुमंजरी मज्झ / विहियं कमेण | अहयं देहोर्वचएण बटुंता // 111|| जणयाण कयाणंदा लालिजंता य धाइपेणगेण / पत्ता कुमारिभाव कयपरियणलोयणाणंदा // 112 // | युग्मम् // जुबईजणजोग्गाओ नवाईया कलाओ सयलाओ। गहियाओ कमेण तओ पत्ता हं जोव्वणं पढमं // 113 // सुसिणिद्धस 1 पराउत्कष्टा / 2 दत्त्वा / 3 य / 4 उपचया वृद्धिः / 5 पण पञ्चकम् / For Private and Personal Use Only
SR No.020776
Book TitleSursundari Chariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhaneshwarmuni
Publisher
Publication Year
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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