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विजयकुमारसरूवप्परूवगनामो अट्ठमुद्देसो।
सुदंसणा-हसीलवई पवहणे चडिया ॥११२॥ नियजणणिजणयबंधवनयरजणं सहियणं च खामेवि । सीलवईए' सहिया सुदंसणा चरियम्मिशतत्थ आरुहिया ॥११३॥ सा तत्थ सहइ सुहया सीलवईए समं सुहमईए । पवरविमाणारूढा लच्छिव सरस्सईइ समं
४॥११४॥ सिट्ठी य उसभदत्तो नरवइणो चंदलेहदेवीए। विणएण कयपणामो चडिओ नियए गरुयपोए ॥११५॥ इय ॥२९॥
पुणरवि पुण दंसणपणामजणियजणमणचमुक्कारा। रायसुया भरुयच्छे सिंहलदीवाओ संचलिया ॥११६॥ इय सुदपरिसणकहाए बुहकप्पलयाइ मंडवनिहाए । सिरिचंदलेहदेवीविबोहओ सत्तमुद्देसो ॥११७॥ [ इइ सत्तमुद्देसो]
अह अट्ठमुद्देसो। है। इत्तो भाउय! काहलकंसालहुडुक्कढक्कभेरीणं । भंभामउंदमद्दलपडुपडहपवंचिपणवाणं ॥१॥ वाइजंताण तहा पूरिजंताण
जमलसंखाणं । उच्छलिओ गहिररवो जयजयरवपूरियदियंतो ॥२॥ गायति महुरसरगायणाउ गेयं चउविहं सुहयं । नचंति सारसिंगारसंगया चारुतरुणीओ ॥३॥ अह तेसु पवहणेसुं सज्जा निजामया करिजंति । उब्भिज्जति महंता कूयखंभा
गयणलग्गा ॥४॥ ताडिजंति सिढवरा संसारिजंति हरिणिगंठीओ। हरिणीओ बज्झिजंति उक्खिविजंति नंगरया ॥५॥ माधवलधयचिंधचमरा उब्भीकिज्जति बहुसियपडाया । तह सुहुमवाउवट्टा वित्थारिजति घणवण्णा ॥६॥ निजामएहिं बहुसो हा दिवसे दक्खेहिं दिसिविदिसिभाओ । जोइज्जइ धुवचकं निसाइ तह निच्चलं सययं ॥७॥ संकेयलक्खणत्थं परुप्परं तह य किण्हरयणीए । दरिसिजति पुणो पुणो लोयाणं जलणसरियाओ॥८॥ अप्फालिजंति तूरं कत्थइ गुरुमच्छमगरभयज
राजते। २ ज्वलणसरिका:-अग्निविशेषकी मालायें दीवाडांडियो इति भाषायाम् ।
560560356155530505
॥२९॥
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