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धूम्रशिखा वाम भागमा जनारी छे पण दक्षिण-जमणा आवर्तवाली छे, कोईक धूम्रशिखा दक्षिण भागमा जनारी छे पण डावा आवर्तवाली तेमज कोईक धूम्रशिखा दक्षिण भागमा जनारी अने दक्षिण आवर्तवाळी छे (१०), ए दृष्टांत चार प्रकारनी स्त्रीओ कहेली छे, ते आ प्रमाणे-कोईक स्त्री प्रतिकूल स्वभाववाली अने प्रतिकूल वर्तनवाली छे, कोईक स्त्री प्रतिकूल |x स्वभाववाली छे पण अनुकूल वर्तनवाली छे, कोईक स्त्री अनुकूल स्वभाववाली छे पण प्रतिकूल वर्तनवाली छे तेमज कोईक स्त्री अनुकूल स्वभाव अने अनुकूल वर्तनबाली छ (११), चार प्रकारनी अग्निशिखाओ कहेली छे, ते आ प्रमाणेकोईएक अग्निशिखा वाम भागमा जनारी अने वाम आवत्तवाळी छे, कोईक अग्निशिखा वामभागमां जनारी अने दक्षिण आवर्तवाळी छे. एवी रीते धूम्रशिखानी माफक चोभंगी समजवी (१२), आ दृष्टांते चार प्रकारनी स्त्रीओ कहेली छे, ते आ प्रमाणे-प्रतिकूल स्वभाववाळी अने प्रतिकूल वर्तनवाळी, एम चार भांगा अगियारमा सूत्र प्रमाणे समजवा (१३), चार प्रकारे वातमंडलिका कहेली छे, ते आ प्रमाण-कोईक वायुनी मंडलिका (घूमरीबडे वायु ऊंचो चडवो ते ) वामभागमा छे अने वाम आवर्तवाळी छे, एम पूर्वनी माफक चोभंगी जाणवी (१४), आ दृष्टांत चार प्रकारनी स्त्रीओ कहेली छे, ते आ प्रमाणे-काईक स्त्री प्रतिकूल स्वभाव अने प्रतिकूल वर्तनवाली छे. एवी रीते पूर्वनी माफक चतुभंगी जाणवी (१५), चार प्रकारना वनखंडो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-कोईक वनखंड वाम (डाबा) भागमा छे अने वाम आवर्तवाळो-वायुथी उपर दिशा सन्मुख वळे छे. एंवी रीते पूर्वनी माफक चतुभंगी समजवी (१६), आ दृष्टांत चार प्रकारना पुरुषो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-कोईक पुरुष प्रतिकूल स्वभाववाको अने प्रतिकूळ वर्तनवाळो छे, कोईक प्रतिकूल स्वभाववाळो छे पण अनुकूल वर्तनवाळो छ, कोईक अनुकूल
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