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परिमाणवालं ए अर्थ समजबो. पल्योपम अने सागरोपमरूप औपमिक सामान्यथी (१) उद्धार, (२) अद्धा अने (३) क्षेत्रभेदथी त्रण प्रकारे छे. वळी एकएकना संव्यवहार अने सूक्ष्म भेदथी बे प्रकार छे. तेमां संव्यवहारपल्यापम-एक योजनना लंबाई, पहोळाई अने ऊंचाईवाळा पल्यने मुंडन पछी एकथी सात अहोरात्र पर्यंतना ऊगेला वालाग्रोथी (ठांसी ठांसी ) भरीने प्रतिसमयमां वालाग्रने काढते छते जेटला काळवडे ते पालो खाली थाय ते काळ संव्यवहारिकउद्धारपल्योपम कहेवाय छे. तेवा दश कोडाकोडी व्यवहारिकपल्योपमनुं एक व्यवहारिकउद्धारसागरोपम कहेवाय छे. ते वालाग्रना ज दृष्टिगोचर अति सूक्ष्म द्रव्यना असंख्यात भाग मात्र सूक्ष्म पनक(निगोदिया जीव)नी अवगाहनाथी असंख्यात गुणरूप अवगाहनावाळा खंडो करीने भरेल पल्य (पालो) समये समये एक एक वालाग्रना अपहार( काढवा )वडे जेटला काळे खाली थाय तेटला काळे सूक्ष्मउद्धारपल्योपम थाय छे. तेवा दश कोडाकोडी सूक्ष्मउद्धार पल्योपमवडे सूक्ष्मउद्धारसागरोपम थाय छे. आ सूक्ष्मउद्धार सागरोपमवडे द्वीप अने समुद्रानी परिसंख्या-गणत्री कराय छे. कह्यु छ केउद्धारसागराणं, अड्डाइज्जाण जत्तिया समया। दुगुणादुगुणपवित्थर, दीवोदहि रज्जु एवइया ॥ १२१
अढी उध्धारसागरोपमना जेटला समयो छे तेटला द्वीप अने समुद्रो छे. ते अनुक्रमे एक एकथी बमणा बमणा
१. उत्तरकुरुक्षेत्रना युगलीआना वालाग्रो लेवा एम जंबूद्वीपपन्नतिमां कहेल छे. ग्रन्थांतरमा सामान्य वालाग्र शब्द छे अने क्षेत्रसमासमां वालाग्रना खंड करवा एम पण कहेलुं छे.
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