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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 946 संस्कृत साहित्य के - भास/ कालिदास/ शूद्रक/ इतिहास में (?) का बाणभट्ट/ . समय निर्विवाद है947 सुप्रसिद्ध मुकुंदमालास्तोत्र - मैसूर/ तंजौर/ विजयनगर/ के रचयिता कुलशेखर त्रिवांकुर/ (?) के राजा माने जाते 930 संस्कृत काव्यसृष्टि में - महाकाव्य/गीतिकाव्य/ भावाभिव्यक्ति की दृष्टिसे गद्यकाव्य/चम्पूकाव्य। सर्वोत्तम काव्यप्रकार (?) है931 मेघदूत की समस्यापूर्ति - पार्वाभ्युदय/ नेमिदूत/ (?) काव्य में नहीं है- शीलदूत/ हंसदूत 932 (?) जैनतेर दूत काव्य है- चन्द्रदूत/ चेतोदूत/ सिध्ददूत/ पवनदूत । 933 मेघदूतसमस्यापूर्तिपरक - पार्वाभ्युदय/ नेमिदूत/ काव्यों में (?) अग्रगण्य शीलदूत/ मेघदूत समस्यालेख 934 पाश्र्वाभ्युदय के लेखक - राष्टकूटवंशी अमोघवर्ष/ जिनसेन (द्वितीय) यादवशी राजा कृष्ण/ चौहान (?) राजा के समकालीन वंशी हम्मीर/ कादम्बवंशी कामदेव 935 मुक्तक काव्यों के लेखकों - भर्तृहरि/अमरुक। में (?) की प्रशंसा भल्लट/ गोवर्धनाचार्य । आनन्दवर्धनाचार्य ने की है937 अमरुकशतक का विषय - नीति/ वैराग्य/शृंगार/ भक्ति। 938 भल्लटशतक के उदाहरण- मम्मट/ क्षेमेन्द्र/ (?) ने उध्दृत किए है- आनंदवर्धन/ अभिनवगुप्त । 939 साहित्यशास्त्र के आकार - काव्यादर्श/ ध्वन्यालोक/ ग्रंथों में (?) की गणना काव्यप्रकाश/रसंगगाधर नहीं होती940 प्राकृतभाषीय कवियों का - अनुष्टुप/ गाथा/ प्रिय छंद (?) है- उपजाति/ मणिबन्ध/ 941 गाथासप्रशती के संग्राहक- प्रतिष्ठानपुर/ करवीर/ हाल (?) के अधिपति नान्दीकट/ गोमंतक 948 वैष्णव स्तोत्रों में (?) - यामुनाचार्यकृत 'स्त्रोत्ररत्न' उपाधि से आलवंदार स्तोत्र/ प्रसिद्ध है लीलाशुककृत कृष्णकर्णामृत सोमेश्वरकृत रामशतक/ मधुसूदन सरस्वतीकृत आनंद-मंदाकिनी। 949 वेदान्तदेशिककृत (?) - अच्युतशतक/ वरदराजस्तोत्र प्राकृत गाथात्मक है पंचाशत्/ पादुकासहस्र/ यतिराजसप्तति। 950 स्तोत्रकाव्य के रचयिताओं- दक्षिणभारत/ पूर्वांचल/ में बहुसंख्य कवि (?) उत्तरप्रदेश/ महाराष्ट्र । 942 आर्यासप्तशतीकार - वंगनरेश लक्ष्मणसेन) गोवर्धनाचार्य और उत्कलनरेश गजपति/ गीतगोविंदकार जयदेव कामरूपनरेश भाग्यचंद्र/ (?) के आश्रित थे- मैसूर नरेश चिक्क देवराय । 943 पुष्पदन्तकृत शिव महिम्नः - मंदाक्रान्ता/शिखारिणी/ स्तोत्र (?) वृत्त में है- वसन्ततिलका/स्रग्धरा । 944 मयूरभट्ट का सूर्यशतक - शार्दूलविक्रीडित/ और बाणभट्ट का स्त्रग्धरा/ अश्वधाटी/ चण्डीशतक (?) वृत्त में हरिणीप्लुता। रचित है945 (?) श्री शंकराचार्य के - बाणभट्ट/ हर्षवर्धन/ समकालीन साहित्यिक हेमचंद्र/भट्टिस्वामी/ नहीं माने जाते है 951 (?) स्तोत्र के गायन से - सूर्यशतक/ चण्डीशतक/ नारायण भट्टात्रि वातरोग गंगालहरी/ नारायणीयम् से मुक्त हुए952 दक्षिण भारत का - नारायणीयम्/रामाष्टप्रास/ सर्वाधिक लोकप्रिय स्तोत्र लक्ष्मीसहस्र/ पादुकासहस्र। (?) माना जाता है953 सहस्र श्लोकात्मक - पद्मनाम/गुरुवायूर/ नारायणीयम् स्तोत्र का अय्यप्पन/ कालडी। गायन कविने केरल के (?) मंदिर में किया954 नारायणीय-स्तोत्रकार के - धातुकाव्य/प्रक्रियासर्वस्व, द्वारा रचित 18 ग्रंथों में मानमेयोदय/ पुष्पोद्भेद। व्याकरण शास्त्र विषयक (?) ग्रंथ है955 संस्कृत साहित्यमें अहंकार- बाणभट्ट/ भवभूति/ पूर्ण गर्वोक्तियों के लिए जगन्नाथ पंडित/ जयदेव। (?) प्रसद्धि है956 शौनककृत बृहद्देवता में - वाक्/ श्रध्दा/ मेधा/ गार्गी। उल्लिखित 27 ऋषिकाओं में (?) की गणना नहीं होती957 बृहदेवता में निर्दिष्ट - लोपामुद्रा/ अरुंधती/ ऋषिकाओं की नामावली अनसूया/ मैत्रेयी। में (?) का नामनिर्देश है 958 श्रीतंत्र में निर्दिष्ट पांच - राजचक्र/देवचक्र। दश है संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी / 33 For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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