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946 संस्कृत साहित्य के - भास/ कालिदास/ शूद्रक/
इतिहास में (?) का बाणभट्ट/ .
समय निर्विवाद है947 सुप्रसिद्ध मुकुंदमालास्तोत्र - मैसूर/ तंजौर/ विजयनगर/
के रचयिता कुलशेखर त्रिवांकुर/ (?) के राजा माने जाते
930 संस्कृत काव्यसृष्टि में - महाकाव्य/गीतिकाव्य/
भावाभिव्यक्ति की दृष्टिसे गद्यकाव्य/चम्पूकाव्य। सर्वोत्तम काव्यप्रकार
(?) है931 मेघदूत की समस्यापूर्ति - पार्वाभ्युदय/ नेमिदूत/
(?) काव्य में नहीं है- शीलदूत/ हंसदूत 932 (?) जैनतेर दूत काव्य है- चन्द्रदूत/ चेतोदूत/
सिध्ददूत/ पवनदूत । 933 मेघदूतसमस्यापूर्तिपरक - पार्वाभ्युदय/ नेमिदूत/ काव्यों में (?) अग्रगण्य शीलदूत/ मेघदूत
समस्यालेख 934 पाश्र्वाभ्युदय के लेखक - राष्टकूटवंशी अमोघवर्ष/
जिनसेन (द्वितीय) यादवशी राजा कृष्ण/ चौहान (?) राजा के समकालीन वंशी हम्मीर/
कादम्बवंशी कामदेव 935 मुक्तक काव्यों के लेखकों - भर्तृहरि/अमरुक।
में (?) की प्रशंसा भल्लट/ गोवर्धनाचार्य । आनन्दवर्धनाचार्य ने
की है937 अमरुकशतक का विषय - नीति/ वैराग्य/शृंगार/
भक्ति। 938 भल्लटशतक के उदाहरण- मम्मट/ क्षेमेन्द्र/
(?) ने उध्दृत किए है- आनंदवर्धन/ अभिनवगुप्त । 939 साहित्यशास्त्र के आकार - काव्यादर्श/ ध्वन्यालोक/
ग्रंथों में (?) की गणना काव्यप्रकाश/रसंगगाधर
नहीं होती940 प्राकृतभाषीय कवियों का - अनुष्टुप/ गाथा/
प्रिय छंद (?) है- उपजाति/ मणिबन्ध/ 941 गाथासप्रशती के संग्राहक- प्रतिष्ठानपुर/ करवीर/
हाल (?) के अधिपति नान्दीकट/ गोमंतक
948 वैष्णव स्तोत्रों में (?) - यामुनाचार्यकृत
'स्त्रोत्ररत्न' उपाधि से आलवंदार स्तोत्र/ प्रसिद्ध है
लीलाशुककृत कृष्णकर्णामृत सोमेश्वरकृत रामशतक/ मधुसूदन सरस्वतीकृत
आनंद-मंदाकिनी। 949 वेदान्तदेशिककृत (?) - अच्युतशतक/ वरदराजस्तोत्र प्राकृत गाथात्मक है पंचाशत्/ पादुकासहस्र/
यतिराजसप्तति। 950 स्तोत्रकाव्य के रचयिताओं- दक्षिणभारत/ पूर्वांचल/
में बहुसंख्य कवि (?) उत्तरप्रदेश/ महाराष्ट्र ।
942 आर्यासप्तशतीकार - वंगनरेश लक्ष्मणसेन)
गोवर्धनाचार्य और उत्कलनरेश गजपति/ गीतगोविंदकार जयदेव कामरूपनरेश भाग्यचंद्र/
(?) के आश्रित थे- मैसूर नरेश चिक्क देवराय । 943 पुष्पदन्तकृत शिव महिम्नः - मंदाक्रान्ता/शिखारिणी/
स्तोत्र (?) वृत्त में है- वसन्ततिलका/स्रग्धरा । 944 मयूरभट्ट का सूर्यशतक - शार्दूलविक्रीडित/
और बाणभट्ट का स्त्रग्धरा/ अश्वधाटी/ चण्डीशतक (?) वृत्त में हरिणीप्लुता।
रचित है945 (?) श्री शंकराचार्य के - बाणभट्ट/ हर्षवर्धन/
समकालीन साहित्यिक हेमचंद्र/भट्टिस्वामी/ नहीं माने जाते है
951 (?) स्तोत्र के गायन से - सूर्यशतक/ चण्डीशतक/
नारायण भट्टात्रि वातरोग गंगालहरी/ नारायणीयम्
से मुक्त हुए952 दक्षिण भारत का - नारायणीयम्/रामाष्टप्रास/
सर्वाधिक लोकप्रिय स्तोत्र लक्ष्मीसहस्र/ पादुकासहस्र।
(?) माना जाता है953 सहस्र श्लोकात्मक - पद्मनाम/गुरुवायूर/
नारायणीयम् स्तोत्र का अय्यप्पन/ कालडी। गायन कविने केरल के
(?) मंदिर में किया954 नारायणीय-स्तोत्रकार के - धातुकाव्य/प्रक्रियासर्वस्व,
द्वारा रचित 18 ग्रंथों में मानमेयोदय/ पुष्पोद्भेद। व्याकरण शास्त्र विषयक
(?) ग्रंथ है955 संस्कृत साहित्यमें अहंकार- बाणभट्ट/ भवभूति/
पूर्ण गर्वोक्तियों के लिए जगन्नाथ पंडित/ जयदेव।
(?) प्रसद्धि है956 शौनककृत बृहद्देवता में - वाक्/ श्रध्दा/ मेधा/ गार्गी।
उल्लिखित 27 ऋषिकाओं में (?) की
गणना नहीं होती957 बृहदेवता में निर्दिष्ट - लोपामुद्रा/ अरुंधती/
ऋषिकाओं की नामावली अनसूया/ मैत्रेयी।
में (?) का नामनिर्देश है 958 श्रीतंत्र में निर्दिष्ट पांच - राजचक्र/देवचक्र।
दश है
संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी / 33
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