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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (?) द्वारा हुआ है 907 रामचरित काव्य में (?) - बंगाल/ बिहार/ उत्कल/ का इतिहास वर्णित है- नेपाल । 908 राघवपाण्डवीय काव्य के - लक्ष्मी/ शिव/ धनंजय/ वीर - प्रत्येक सर्ग के अन्त में (?) का नाम अङ्कित 921 संस्कृत साहित्य का प्राचीनतम सूक्तिसंग्रह 922 सुभाषितरत्नकोष का अपरनाम (?) है हार्वर्ड प्राच्य ग्रंथमाला/ वाणी विलास/ भारतीय विद्याभवन - सुभाषितरत्नकोष/ सदुक्तिकर्णामृत/ सुक्तिमुक्तावली/ शाङ्गधरपद्धति। - सूक्तिमुक्तावली/ सुभाषित रत्नसन्दोह/ सूक्तिरत्नाकर/ कवीन्द्रवचनसमुच्चय। - सुभाषितसुधानिधि/ सुभाषित-रत्नभांडागार। सुभाषित-रत्नसन्दोह/ पद्यामृततरंगिणी। 923 सुभाषितों का महत्तम संग्रहग्रंथ (?) है 909 राघवपाण्डवीयकार - पाल/ कादम्ब/नायक/ कविराजसूरि के काकतीय। आश्रयदाता कामदेव (?) वंशीय नृपति थे910 प्रसिद्ध टीकालेखक - आन्ध्र/ तमिळनाडू/ केरल/ कोलाचल मल्लिनाथ कर्णाटक (?) प्रदेश के (?) निवासी थे911 पार्वती-रुक्मिणीयम् के - आहवमल्ल/सोमदेव/ लेखक विद्यामाधव विक्रमांकदेव/ जयसिंह । चालुक्यवंशीय (?) राजा के सभापंडित थे912 चालुक्यवंशीय सोमदेव - 10/11/12/13 । का समय (?) वीं शताब्दी था913 चिदम्बरकवि के - शिव/ विष्णु/ सुब्रह्मण्य/ पंचकल्याण चम्पू में नल/ (?) विवाह की कथा गुंफित नहीं है914 रामकृष्ण विलोमकाव्य - वेंकटाधरी/ दैवज्ञसूर्य। के लेखक (?) थे- चिदम्बरकवि/ हरदत्तसूरि। 915 सप्तसन्धान महाकाव्य के - मेघविजय/ चिदंबर/ लेखक (?) थे- हरदत्तसूरि/ कविराजसूरि । 924 सुभाषितरत्नभाण्डागार की - 10/6/4/31 श्लोकसंध्या (?) हजार से अधिक है925 सूक्तिमुक्तावली के - करिवाहिनीपति/ संपादक भानुकवि के अश्ववाहिनीपति/ आश्रयदाता जल्हण, सांधिविग्रहिक देवगिरी के यादवंशी प्रधानामात्य कृष्णराज के (?) थे926 मेघदूत और माघकाव्य - काश्मीर/सौराष्ट्र। के टीकाकार वल्लभदेव महाराष्ट्र/ बंगाल। (?) के निवासी थे927 शागधरपद्धति का - डॉ. पीटरसन्। प्रकाशन (?) ने किया- डॉ. लुडविक स्टर्नबाख/ एडगर्टन/ डॉ. टॉनी/ 928 सायणाचार्य के पुरुषार्थ - वाल्मीकि/ वेदव्यास/ सुधानिधि में (?) पंचमहाकाव्य/ वेदत्रयी/ के सुभाषितों का संकलन 916 मेघविजय कविने अपने - माघ/ किरात/ नैषध/ देवानन्द काव्य में (?) मेघदूत । काव्य के श्लोकों की अंतिम पंक्ति की समस्या पूर्ति की है917 मेघविजयगणी (?) - अकबर/ जहांगिर/ यवनराज द्वारा सम्मानित आदिलशाह/ अल्लाउद्दीन 929 नारोजी पंडितकृत - 38/48/58/68 सूक्तिमालिका में केवल दशावतार विषयक सुभाषित दो सौ से (?) अधिक है थे 918 शृंगारशतक के लेखकों - भर्तृहरि/ नरहरि/ जनार्दनभट्ट में (?) नहीं है- उत्प्रेक्षावल्लभ । 919 बिल्हणकाव्य की नायिका - राजस्थान/गुजरात/ चन्द्रलेखा के पिता काश्मीर/ मालवा । वीरसिंह (?) के राजा थे 920 खड्गशतक का प्रकाशन - काव्यमाला/ 929 केवल शृंगार विषयक - राम याज्ञिककृत एक सहस्र से अधिक शृंगारालाप/ रुद्रभट्टकृत सुभाषितों का संग्रह शृंगारतिलक/ सामराज दीक्षितकृत शृंगारामृतलहरी कामराजदीक्षितकृत शृंगारकलिका। 32 / संस्कृत वाङ्मय प्रश्रोत्तरी For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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