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(?) द्वारा हुआ है
907 रामचरित काव्य में (?) - बंगाल/ बिहार/ उत्कल/
का इतिहास वर्णित है- नेपाल । 908 राघवपाण्डवीय काव्य के - लक्ष्मी/ शिव/ धनंजय/ वीर - प्रत्येक सर्ग के अन्त में
(?) का नाम अङ्कित
921 संस्कृत साहित्य का
प्राचीनतम सूक्तिसंग्रह
922 सुभाषितरत्नकोष का
अपरनाम (?) है
हार्वर्ड प्राच्य ग्रंथमाला/ वाणी विलास/ भारतीय विद्याभवन - सुभाषितरत्नकोष/ सदुक्तिकर्णामृत/ सुक्तिमुक्तावली/ शाङ्गधरपद्धति। - सूक्तिमुक्तावली/ सुभाषित रत्नसन्दोह/ सूक्तिरत्नाकर/
कवीन्द्रवचनसमुच्चय। - सुभाषितसुधानिधि/
सुभाषित-रत्नभांडागार। सुभाषित-रत्नसन्दोह/ पद्यामृततरंगिणी।
923 सुभाषितों का महत्तम
संग्रहग्रंथ (?) है
909 राघवपाण्डवीयकार - पाल/ कादम्ब/नायक/
कविराजसूरि के काकतीय। आश्रयदाता कामदेव
(?) वंशीय नृपति थे910 प्रसिद्ध टीकालेखक - आन्ध्र/ तमिळनाडू/ केरल/
कोलाचल मल्लिनाथ कर्णाटक (?) प्रदेश के (?)
निवासी थे911 पार्वती-रुक्मिणीयम् के - आहवमल्ल/सोमदेव/
लेखक विद्यामाधव विक्रमांकदेव/ जयसिंह । चालुक्यवंशीय (?)
राजा के सभापंडित थे912 चालुक्यवंशीय सोमदेव - 10/11/12/13 ।
का समय (?) वीं
शताब्दी था913 चिदम्बरकवि के - शिव/ विष्णु/ सुब्रह्मण्य/
पंचकल्याण चम्पू में नल/ (?) विवाह की कथा
गुंफित नहीं है914 रामकृष्ण विलोमकाव्य - वेंकटाधरी/ दैवज्ञसूर्य।
के लेखक (?) थे- चिदम्बरकवि/ हरदत्तसूरि। 915 सप्तसन्धान महाकाव्य के - मेघविजय/ चिदंबर/
लेखक (?) थे- हरदत्तसूरि/ कविराजसूरि ।
924 सुभाषितरत्नभाण्डागार की - 10/6/4/31
श्लोकसंध्या (?) हजार
से अधिक है925 सूक्तिमुक्तावली के - करिवाहिनीपति/
संपादक भानुकवि के अश्ववाहिनीपति/ आश्रयदाता जल्हण, सांधिविग्रहिक देवगिरी के यादवंशी प्रधानामात्य
कृष्णराज के (?) थे926 मेघदूत और माघकाव्य - काश्मीर/सौराष्ट्र।
के टीकाकार वल्लभदेव महाराष्ट्र/ बंगाल।
(?) के निवासी थे927 शागधरपद्धति का - डॉ. पीटरसन्। प्रकाशन (?) ने किया- डॉ. लुडविक स्टर्नबाख/
एडगर्टन/ डॉ. टॉनी/ 928 सायणाचार्य के पुरुषार्थ - वाल्मीकि/ वेदव्यास/
सुधानिधि में (?) पंचमहाकाव्य/ वेदत्रयी/ के सुभाषितों का संकलन
916 मेघविजय कविने अपने - माघ/ किरात/ नैषध/
देवानन्द काव्य में (?) मेघदूत । काव्य के श्लोकों की अंतिम पंक्ति की समस्या
पूर्ति की है917 मेघविजयगणी (?) - अकबर/ जहांगिर/
यवनराज द्वारा सम्मानित आदिलशाह/ अल्लाउद्दीन
929 नारोजी पंडितकृत - 38/48/58/68
सूक्तिमालिका में केवल दशावतार विषयक सुभाषित दो सौ से (?) अधिक है
थे
918 शृंगारशतक के लेखकों - भर्तृहरि/ नरहरि/ जनार्दनभट्ट
में (?) नहीं है- उत्प्रेक्षावल्लभ । 919 बिल्हणकाव्य की नायिका - राजस्थान/गुजरात/
चन्द्रलेखा के पिता काश्मीर/ मालवा ।
वीरसिंह (?) के राजा थे 920 खड्गशतक का प्रकाशन - काव्यमाला/
929 केवल शृंगार विषयक - राम याज्ञिककृत
एक सहस्र से अधिक शृंगारालाप/ रुद्रभट्टकृत सुभाषितों का संग्रह शृंगारतिलक/ सामराज
दीक्षितकृत शृंगारामृतलहरी कामराजदीक्षितकृत शृंगारकलिका।
32 / संस्कृत वाङ्मय प्रश्रोत्तरी
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