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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्करण प्रकाशित। प्रतिज्ञाकौटिल्यम् (नाटक) - जग्गु बकुलभूषण। 1968 में बंगलूर से प्रकाशित। भारतीय-देशभक्तचरितम् (गद्य) - डॉ. के.एस.नागराजन् । बंगलूर निवासी। यदुवंशचरितम् (गद्य)- श्रीजग्गु बकुलभूषण । बंगलोर निवासी। शबरीविलासम् (6 सर्ग) - डॉ. के.एस. नागराजन । बंगलूर निवासी। स्कन्दपुराण की कथा पर आधारित। श्रीन्यायसुधामण्डनप्रकाश - श्री. के.एस. कट्टी। (1963)। श्रीगुरुगौरवम् (काव्य) - 15 सर्ग। जलिहल श्रीनिवासाचार्य। धारवाडनिवासी (1971)। श्रीमत्कुमारगीता - पुदुराजाकवि, मूरुसाविरमठ, हुबळी 19641 श्रीलवलीपरिणयम् (10 सर्ग) - डा. के.एस. नागराजन् बंगलूर निवासी (1975) श्रीशंभुलिंगेश्वरविजयचम्पू (द्वादशतरंगात्मक) - पंढरीनाथाचार्य गलगली। केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त। ब्राह्मणमठ, (बीजापूर) द्वारा 1982 में प्रकाशित। श्री.शैल जगद्गुरुचरितम् (19 सर्गात्मक) - नारायणशास्त्री। जे.एन. पुस्तक भण्डार, बंगलूर द्वारा प्रकाशित (1953)। सप्तरात्रोत्सवचम्पू - 14 उल्लास। श्रीपंचमुखी राघवेन्द्राचार्य। धारवाड निवासी (1977) सुदामचरितम् (10 सर्ग) - शालिग्राम चन्द्रराव। धारवाड-निवासी (1957)। केरलोदयम् (महाकाव्य) - डॉ.के.एन. एजुतच्चन। 1977 । केशवीयम् (अनूदित महाकाव्य) - के.पी. नारायण पिशरोटी। गीता प्रेस- त्रिचूर द्वारा प्रकाशित (1972) कौस्तुभम् (काव्य) - श्री रामवर्मा वरिणकोयिल ताम्पूरान् 19641 क्रिस्तुभागवतम् (महाकाव्य) - प्रो. पी.सी. देवसिया। त्रिवेन्द्रम निवासी। साहित्य अकादमी पुरस्कारप्राप्त। 1977 में प्रकाशित। गिरिगीता - के.पी. उरुमीस मास्टर। त्रिवेन्द्रम् निवासी। 'सरमन् ऑन द माऊंटन' का अनुवाद। गीतांजलि (मूल बंगाली) - अनुवादक- गोपाल पिल्ले। चिदात्मिकास्तव - डॉ. पी.के. नारायण पिल्ले। (1950)। ज्ञानपानम् - एन. डी. कृष्ण उनी । दर्शन विषयक अनूदित ग्रंथ। तीर्थपादपुराणम्- प्रा. ए. व्ही. शंकरन् । केरल शासन सांस्कृतिक विभाग द्वारा प्रकाशित। देवशतकम् - नारायण गुरु।। द्वादशी (स्तोत्रकाव्य) - एन. डी. कृष्णन् उन्नी। त्रिचूर में प्रकाशित (1984) धर्मशास्तृस्तव - डॉ. पी.के. नारायण पिल्ले। (1974) ध्वन्यालोकलोचन-व्याख्या (उज्जीवनी) - प्रा. एस. नीलकण्ठशास्त्री। केरल वि.वि. प्रकाशन (1981) नलिनी (उपन्यास) - म.म. रामन् पिल्ले । त्रिवेंद्रम से प्रकाशित । नलोदन्त (काव्य) - व्ही. एस. व्ही. गुरुस्वामी शास्त्रिगल। नयाग्राप्रपात (कविता) - श्री. एन.व्ही. कृष्ण वारियर, कोट्टायम निवासी (1976) नवभारतम् (महाकाव्य) - श्रीमथुकलम् श्रीधर (1978) नायकाभरणम् (महाकाव्य) - श्रीमुथुकूलम् श्रीधर (1978)। नायकोपाख्यानम् - गिरिमूलपुरम् (के. महेश्वरन् नायर, (1976) नारायणीयामृतम् (स्तोत्र) - सी.पी. कृष्णन् एलायुथ। त्रिचूर में प्रकाशित (1976) नैषधम् - श्रीमती श्रीदेवी कुट्टी ताम्पुराट्टि। पुराणत्रयीश-भुजंगप्रयातम् (स्तोत्र) - पी. नारायण नम्बूतीरी। प्रेमलहरी (स्तोत्र) - के. भास्कर पिल्ले। 1977 । प्रेमसंगीतम् (अनूदित काव्य) - गोपाल पिल्ले (1965) भामापरिणय - श्रीमती श्रीदेवी कुट्टि ताम्पुराट्टि। मणिकण्ठ्य म् (चम्पूकाव्य) - प्रो. ए.व्ही. शंकरन्। मधुरापुरीविजयम् - श्रीमती श्रीदेवी कुट्टी ताम्पुराट्टि । मयूरदूतम् (अनूदित) - डॉ. पी. के. नारायण पिल्ले। महाकविकृतयः (अनूदित काव्यसंग्रह) (मूल- मल्यालम केरल अयोमणि - ओट्टर उन्नी नम्बुतिरीपाद। केरल। आत्मोपदेशशतकम् (मूल-मलयालम् काव्य) - अनुवादकएन.डी. कृष्णन् उनी। एकभारतम् (नाटक) - भारत पिशरोटी। कामधेनु पब्लिकेशनत्रिचूर (1978) कनकचन्द्रिका (मूल-मलयालम् कविताएं) - अनुवादकएम्.पी. अय्यर । त्रिवेन्द्रम निवासी। कण्णकी-कोवलम् - अनुवादक सी नारायण नायर। (1955) (मूल- शिलप्पदिकारकम् तमिल महाकाव्य) कन्याकुमारी भजे (स्तोत्र) - डॉ. पी. के. नारायण पिल्ले (1957)। कात्यायनीव्रतम् (अनुवाद) - प्रा. एस. नीलकण्ठशास्त्री। त्रिवेन्द्रम- निवासी। (1967)। केरलभाषा- कविविवर्त- ई. व्ही. रामन् नम्बुतिरी। त्रिवेन्द्रम निवासी 19471 442 / संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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