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श्राद्धनिर्णयदीपिका - ले. पराशरगोत्री तिरुमल कवि । श्रद्धनसिंह ले. नृसिंह।
श्राद्धपद्धति ले क्षेमराज पिता कुलमणि । सन 1748 में लिखित ।
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2) ले. नीलकण्ठ |
3) ले. शंकर । पिता रत्नाकर। शांडिल्यगोत्री । 4) ले. दयाशंकर । 5) ले - विश्वनाथभट्ट । 6 ) 7) ले पशुपति । ब्राह्मणसर्वस्वकार हलायुध भाई) ने इस पर टीका लिखी है।
9 ) ले. हेमाद्रि (चतुवर्ग चिन्तामणिकार) ।
10 ) ले. - गोविन्द पंडित । पिता राम पंडित । 11) ले. नारायण भट्ट आर्डे ।
8) ले. रघुनाथ। पिता माधव । ग्रंथ का अपरनाम श्राद्धादर्शपद्धति भी है। यह ग्रंथ हेमाद्रि के ग्रंथ पर आधारित है।
श्राद्धप्रकरणम् - ले. -लोल्लट । 2) ले. नरोत्तमदेव ।
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श्राद्धप्रदीप - ले. धनराज पिता- गोवर्धन। ई. 18 वीं शती । ले. वर्धमान । 2) ले. - कृष्णमित्राचार्य । 3) 4) ले. प्रद्युतशर्मा (श्रीदेशीय हाकादिदी का स्वामी) पिता श्रीधर शर्मा 5) ले. म.म. मदनमनोहर पिता मधुसूदन। यजुर्वेदियों के लिये । 6 ) ले. - रुद्रधर । 7 ) ले. शंकर मिश्र । पिता- भवनाथ सन्मिश्र ।
श्राद्धप्रभा
. - रामकृष्ण ।
ले. - श्राद्धप्रयोग ले. रामभट्ट पिता विनाथ
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2) ले. गोपालसूरि 3) ले कमलावर अ) आपस्तंवीय आ) बोधायनीय, इ) भारद्वाजीय ई) मैत्रायणीय, ड) सत्याषाढीय, उ) आश्वलायनीय ।
ले. - दामोदर । (लेखक के
4) ले. - नारायणभट्ट । लेखक के प्रयोगरत्न का एक अंश । 5) ले. दयाशंकर ।
श्राद्धप्रयोगचिन्तामणि ले. अनुपसिंह । श्राद्धप्रयोगपद्धति (कात्यायनीया ) श्राद्धमंजरी - ले. मुकुन्दलाल ।
2) ले. बापूभट्ट केळकर फणशी (जि. रत्नागिरि- महाराष्ट्र) के निवासी । आनंदाश्रम ( पुणे ) द्वारा मुद्रित । सन 1810 में लिखित ।
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नीलकण्ठ । आर. घारपुरे द्वारा मुद्रित । नन्द पण्डित |
श्राद्धमयूख ले. श्राद्धमीमांसा ले. श्राद्धरत्न- महोदधि ले. विष्णुशर्मा यज्ञदत्त के पुत्र । श्राद्धवर्णनम् ले हरिराम । श्राद्धविधिले कोकिल इसमें वृद्धि श्राद्ध आणि विविध
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380 / संस्कृत वाङ्मय कोश ग्रंथ खण्ड
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ले. काशी दीक्षित |
श्राद्धों का विवेचन है।
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2) माध्यन्दिनीय । ले दुण्ढि । श्राद्धविवेक
ले. ढोंदू मिश्र । पिता- प्राणकृष्ण ।
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2) ले. - रुद्रधर । पिता- लक्ष्मीधर । वाराणसी में मुद्रित । श्राद्धविवेक ले. - शूलपाणि । मधुसूदन स्मृतिरत्न ( महामहोपाध्याय) द्वारा कलकत्ता में मुद्रित । टीका (1) टिप्पनी अच्युत चक्रवर्ती द्वारा (2) अर्थकौमुदी गोविन्दानन्द द्वारा (3) भावार्थदीप - जगदीश द्वारा (4) श्रीकृष्ण द्वारा बंगला लिपि में कलकत्ता में सन 1880 ई. में मुद्रित । ( 5 ) नीलकण्ठ द्वारा (6) श्रीधर के पुत्र श्रीनाथ (आचार्य चूडामणि) द्वारा । (7) श्रद्धादिकौमुदी, महामहोपाध्याय रामकृष्ण न्यायालंकार
द्वारा ।
श्राद्धव्यवस्था संक्षेप- ले. चिन्तामणि । श्राद्धसागर - ले. कुल्लूकभट्ट । ई. 12 वीं शती ! 2) ले. नारायण आर्डे ई. 17 वीं शती । श्राद्धवार ले. कमलाकर ।
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2) नृसिंहप्रसाद का एक अंश । श्राद्धसौख्यम् - टोडरानन्द का अंश । श्राद्धहेमाद्रि - चतुवर्गचिन्तामणि का श्राद्ध विषयक प्रकरण । श्रद्धांगतर्पणनिर्णय ले रामकृष्ण।
श्राद्धांग भास्कर आधृत। माध्यन्दिनी शाखा के लिये ।
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श्रद्धादर्श ले महेश्वर मिश्र श्राद्धादिविवेककौमुदी - ले. रामकृष्ण । श्राद्धाधिकार - ले. विष्णुदत्त ।
श्राद्धाधिकारिनिर्णयले गोपाल न्यायपंचानन । श्राद्धाशौचीयदर्पण ले. नागोजी भट्ट । काले उपनाम । श्रद्धोपयोगिवचनम् ले अनन्तभट्ट
श्रावकाचार ले. अमितगति। ई. 11 वीं शती। जैनाचार्य । श्रावणद्वादशीकथा ले. श्रुतसागरसूरि जैनाचार्य इ. 16 वीं शती ।
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श्रावणीकर्म ले. हिरण्यकेशीय। ले. गोपीनाथ दीक्षित । श्रावकाचार - सारोद्धार ले. पद्मनन्दी । जैनाचार्य। ई. 13 वीं शती ।
ले. विष्णुशर्मा । यज्ञदत्त के पुत्र । कर्क पर
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श्री- यह पत्रिका सन 1932 में श्रीनगर काश्मीर से पण्डित नित्यानन्द शास्त्री के सम्पादकत्व में संस्कृत परिषद् की ओर से प्रकाशित की गई। यह पत्रिका चैत्र, आषाढ, आश्विन और पौष मास में प्रकाशित की जाती थी। इसका प्रकाशन 12 वर्षो तक होता रहा। कुल 32 पृष्ठों वाली इस पत्रिका में आर्य संस्कृति की रक्षा और संस्कृत विद्या के प्रचार की दृष्टि