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श्वेताश्वदानविधि - ले.- कमलाकर । श्रमगीता - ले.. श्रीधर भास्कर वर्णेकर। इसमें महात्मा गांधी
और उनके सहयोगी जवाहरलाल नेहरु, वल्लभभाई पटेल, डॉ. राधाकृष्णन, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और राजगोपालाचारियर के बीच संवाद में गांधीजी के भाषण में शरीरश्रम का महत्त्व प्रतिपादन किया है। अध्यात्मकेंद्र, ब्रह्मपुरी (विदर्भ) द्वारा सन 1984 में द्वितीय आवृत्ति प्रकाशित। श्लोक संख्या- 118 । श्रवणद्वादशीनिर्णय - ले.-गोपालदेशिक । श्रवणरामायणम् - इंद्र-जनक संवादात्मक। परंपरा के अनुसार इसकी श्लोकसंख्या- सवालाख कहीं जाती है। श्रवणानन्दम् - वेंकटाध्वरी। श्राद्धकर्म - ले.- याज्ञिकदेव। महादेव के पुत्र । श्राद्धकला - भवदेव शर्मा के स्मृतिचंद्र का पाचवां भाग। कल्पतरु द्वारा उपस्थापित श्राद्ध की परिभाषा दी हुई है। "पितृतुष्टिम् उद्दिश्य द्रव्यत्यागो ब्राह्मण स्वीकारपर्यन्तम् श्राद्धम्"। यह श्राद्ध की व्याख्या दी है। श्राद्धकलिका (या श्राद्धपद्धति) - ले. रघुनाथ ।। इसमें भट्टनारायण को नमस्कार किया गया है। कालादर्श, धर्मप्रवृत्ति, निर्णयामृत, जयन्तस्वामी, हेमाद्रि, हरदत्त एवं स्मृतिरत्नाकर के उद्धरण पाये जाते हैं। श्राद्धकलिकाविवरणम् - ले.- विश्वरूपाचार्य । श्राद्धकल्प - ले.- दत्त उपाध्याय। ई. 13-14 वीं शती। श्राद्धकल्प - 1) काशीनाथ कृत 1, 2) भर्तृयज्ञ कृत 1, 3) वाचस्पतिकृत (अपर नाम पितृभक्तितरंगिणी। 4) श्रीदत्त कृत (छन्दोगश्राद्ध नाम भी है) हेमाद्रि द्वारा रचित चतुवर्गचिन्तामणि की इसमें चर्चा है। श्राद्धकल्प - कात्यायनीय या श्राद्धकल्पसूत्र या नवकण्डिकाश्राद्धसूत्र। 9 अध्यायों में कई टीकाओं के साथ गुजराती प्रेस में मुद्रित। टीका 1) प्रयोग- पद्धति, 2) श्राद्ध विधिभाष्य कर्कद्वारा गुजराती प्रेस 3) श्राद्धकाशिक विष्णुमिश्रसुत कृष्णमिश्र द्वारा। 4) श्राद्धसूत्रार्थमंजरी, वामनपुत्र गदाधर द्वारा 5) संकर्षण के पुत्र नीलासुर द्वारा, गोविन्दराज एवं शंखधर का उल्लेख है, श्राद्धकाशिका द्वारा वर्णित ।
2) मानवगृह्य का एक परिशिष्ट। 3) गोभिलीय, टीका महायश द्वारा 4) मैत्रायणीय । 5) अथर्ववेद का 44 वां परिशिष्ट । श्राद्धकल्पदीप - ले.- होरिल त्रिपाठी। श्राद्धकल्पलता - ले.- नंदपंडित। ई. 16-17 वीं शती।
2) ले.- गोविन्द पंडित (नंदपंडित द्वारा उल्लिखित)। श्राद्धकल्पसार - ले.-शंकरभट्ट। ई. 17 वीं शती।। पिता-नारायणभट्ट। टीका- लेखक द्वारा। श्राद्धकल्पसूत्रम् - ले. कात्यायन ।
श्राद्धकृत्यप्रदीप - ले.- होरिल । श्राद्धकाण्डम् - ले.-भट्टोजी। श्राद्धकाण्डम् - ले. वैद्यनाथ दीक्षित। स्मृतिमुक्ताफल का एक भाग। श्राद्धकारिका - ले.- केशव जीवानन्द शर्मा । श्राद्धकाशिका - ले.-कृष्ण। पिता- विष्णु मिश्र। ई. 14-15 वीं शती। श्राद्धकौमुदी (या श्राद्धक्रियाकौमुदी) - ले.-गोविन्दानन्द । श्राद्धगणपति (या श्राद्धसंग्रह) - ले. रामकृष्ण। कोण्डभट्ट के पुत्र। श्राद्धचंद्रिका - ले.-1) भारद्वाज गोत्रज महादेवात्मज दिवाकर । लेखक के धर्मशास्त्र-सुधानिधि का एक अंश। उसके पुत्र वैद्यनाथ द्वारा एक अनुक्रमणिका प्रस्तुत की गई है। 1680 ई. । 2) ले. नन्दन। 3) ले. रामचंद्र भट्ट। 4) ले. चण्डेश्वर के शिष्य रुद्रधर । 5) श्रीनाथ आचार्य चूडामणि श्रीकराचार्य के पुत्र । श्राद्धचिन्तामणि - ले.-शिवराम। श्रीविश्राम शुक्ल के पुत्र । प्रयोगपद्धति या सुबोधिनी भी नाम है। लेखक के कृत्यचिन्तामणि में श्राद्ध के भाग का निष्कर्ष भी इसमें दिया हुआ है। श्राद्धचिन्तामणि - ले.-वाचस्पति मिश्र। वाराणसी में शक 1814 में मुद्रित। इस पर महामहोपाध्याय वामदेव द्वारा भावदीपिका नामक टीका लिखी है। श्राद्धतत्त्वम् - ले.- रघु। टीका- 1) विवृति, राधावल्लभ के पुत्र काशीराम वाचस्पति द्वारा कलकत्ता में बंगला लिपि में मुद्रित 2) भावार्थदीपिका गंगाधर चक्रवर्ती द्वारा । 3) श्राद्धतत्त्वार्थ, जयदेव विद्यावागीश के पुत्र विष्णुराम सिद्धान्तवागीश द्वारा । उन्होंने प्रायश्चित्त तत्त्व पर भी टीका लिखी है। श्राद्धदर्पण - ले.- मधुसूदन । श्राध्ददीधिति - ले.-कृष्णभट्ट। श्राद्धदीप - ले.-दिव्यसिंह। श्राद्धदीप (या प्रदीप) - ले.-जयकृष्ण भट्टाचार्य। इसके कल्पतरु की आलोचना भी है। श्राद्धदीपकलिका - ले.-शूलपाणि। श्राद्धदीपिका - ले.- श्रीभीम जिन्हे कांचिविल्लीय अर्थात् राढीय ब्राह्मण कहा गया है। सामवेद के अनुयायियों के लिए। 2) ले.- गोविन्द पंडित। 3) ले.- काशी दीक्षित याज्ञिक। पिता- सदाशिव। कात्यायन सूत्र एवं कर्कभाष्य पर आधारित । 4) ले.- श्रीनाथ आचार्य चूडामणि। पिता- श्रीकराचार्य। ई. 1475-1525। सामवेद अनुयायियों के लिए। श्राद्धनिर्णय - ले.-चंद्रचूड। 2) ले.- सुदर्शन।
संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड / 379
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