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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कवष ऐलूष प्रभूवसु आंगिरस सप्तगुआंगिरस बृहदुक्थ वामदेव गय प्लात वसुकर्ण वासुक्त आयास्य आंगिरस स्यूमरश्मि सौचीक मूर्धन्वत् आंगिरस -30 से 34 -35, 36 -47 -54 से 56 -63, 64 65,66 -67,68 -77, 78 -79,80 रक्षोहा ब्राह्म -162 वित्री काश्यप -163 प्रेचता आंगिरस -164 ऋषभ वैराज -166 शबर काक्षीवत -167 विभ्राज सौर्य -170 संवर्त आंगिरस (या वीतहव्य) -172 (उषासूक्त) ऊर्ध्वग्रावा -175 पतंग प्राजापत्य -177 अरिष्टनेमि ताऱ्या -178 प्रतर्दन -179 जय ऐन्द्र -180 प्रजावान् प्राजापत्य -183 वत्स आग्नेय -187 श्येन आग्नेय -188 संवनन आंगिरस - 191 (मधुसुक्त) -88 -89 रेणु -90 (पुरुषसूक्त) -96 -97 -98 -100 -101 अवांतर मंत्रद्रष्टा ऋषिगण -102 -105 -105 ऋषि -107 - 109 - 111 - 112 - 113 नारायणऋषि बरु आंगिरस भिषग्आथर्वण देवापि वन (या वनक) वैखानस वान्दन दुवस्यु वुध सौम्य मुद्गल दुर्मित्र सुमित्र कौत्स दिव्य आंगिरस जुहू (स्त्री) अष्टादंष्ट्र वैरूप नभः प्रभेदन शतप्रभेदन वैरुप धर्मतापस लब ऐन्द्र बृहद्दिव आथर्वण हिरण्यगर्भ प्राजापत्य रात्री भारद्वाजी (स्त्री) विहव्य आंगिरस प्रजापति परमेष्ठी यज्ञ प्राजापत्य सुकीर्ति काक्षीवत शकपूत नार्मेध अत्रि सांख्य सुपर्ण ताक्ष्यपुत्र सुवेदा शैरिषि हिरण्यस्तूप श्रध्दा कामायनी (स्त्री) शास भारद्वाज शिरिबिठ भारद्वाज शची पौलोमी (स्त्री) -114 -119 -120 - 120 (प्रजापतिसूक्त) - वेद कौषीतकी - ऋग्वेद का कौषीतकी ब्राह्मण ऐतरेय महीदास - ऋग्वेद का ऐतरेय ब्राह्मण, . आरण्यक, तथा उपनिषद् वैशम्पायन -कृष्ण यजुर्वेद (अर्थात् निगद या तैत्तिरीय संहिता) मित्रयु - कृष्ण यजुर्वेद की मैत्रायणी संहिता याज्ञवल्क्य - शुक्लयजुर्वेद (वाजसनेयी संहिता) मध्यन्दिन - माध्यंदिन (वाजसनेयी संहिता) कण्व - शुक्ल यजुर्वेद कण्वशाखा उपोदिति गौपलेय - सामवेद आश्वसूक्ति - सामवेद आंगिरस -अर्थववेद। (प्राचीन चरित्रकोश (मराठी) - सिद्धेश्वर शास्त्री चित्रीवकृत तथा भारतीय संस्कृति कोश (कुल 10 खंड) (मराठी) महादेवशास्त्री नोशी कृत- पर आधारित). -127 -128 - 129 (नासदीय सुक्त) -130 -132 -143 से 145 -144 -147 -149 -151 (श्रद्धासूक्त) -152 -155 -159 वेदपाठ की 10 प्रकार की विकृतियाँ प्राचीन काल से वैदिक विद्वानों में प्रचिलत है, उसके प्रवर्तकसंहिता पाठ - भगवान। पदपाठ -रावण। संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथकार खण्ड / 515 For Private and Personal Use Only
SR No.020649
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages591
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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