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पायुभारद्वाज भरद्वाज
-87
- अवशिष्ट संपूर्ण मंडल
श्रुतकाक्ष तिरिश्चि आंगिरस
-92 -95
सप्तम मंडल
नेमभार्गव
-97 -100
नवम मण्डल
द्रष्टा अश्वसूक्ति काण्वायन वसिष्ठ
-सूक्त -14,15 - अवशिष्ठ कुल 104 सूक्त
सूक्त
अष्टम मण्डल
-25
-सूक्त -2,3
द्रष्टा मधुच्छन्दा असित काश्यप दृळहच्युत इध्मवाह नमेध गोतम श्यावाश्व रहूगण आंगिरस बृहन्मति आंगिरस अयास्य आंगिरस कपि अवत्सार काश्यप अमहीयु आंगिरस निध्रुव काण्व भृग + जमदग्नि कश्यप वात्सप्री भालंदन
-26 -27 से 29 -31,67 -32 -37, 38 -39,40 -46 से 46 -47,49,75 से 79 -53 से 60 -61 -63
-10, 48,51,54 -12 -13 -13,14 -16 से 18 -23 से 26 -26
-65 -64,67
-68
-70
द्रष्टा मेघातिथि देवातिथि ब्रह्मातिथि वत्सकाव्य आयुकाण्व शशकर्ण काण्व प्रगाथ काण्व पर्वत काण्व नारद काण्व गोषूक्ति काण्वायन इरिबिठि काण्व विश्वमनस् वैयश्व व्यश्व आंगिरस कश्यप नीपातिथि श्यामाश्व नाभाक्त विरूप आंगिरस त्रिशोक काण्व वश अश्व्य श्रुष्टिगु काण्व (वालखिल्यसूक्त) मेध्य काण्व कलि प्रागाथ मान्य मैत्रावरुणि पुरुहन्या आंगिरस पुरुमीळ्ह आंगिरस (या सूदीप्ति आंगिरस) सप्तवध्री आत्रेय विरूप आंगिरस विश्वक् कार्ष्णि नमेध
-74 -96
35 से 38
39 से 42 -43, 44
कक्षीवान् पब्रिय प्रतर्दन मृळीक वासिष्ठ कर्णश्रुत वासिष्ठ प्रजापति वाच्य पर्वत काण्व ऊरु आंगिरस अनानत पारुच्छेप
-45
-46
-97 -101 -104, 105 .108 -111
-51
53,57,58
दशम मण्डल
-67 -70 -71
-सूक्त
-13
-73
द्रष्टा कश्यप दमन भृगु + मथित + च्यवन विमद ऐन्द्र प्राजापत्य (या वसुकृत वासुक्त) वसुक्र ऐन्द्र
-16 -19 - 20 से 26
-75 -86 -89,90,98,99
- 27 से 29
514/ संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथकार खण्ड
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