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आफ लिटरेचर के वैदिक वाङ्मय प्रकरण का संस्कृत अनुवाद। (2) सरस्वती महल (तंजौर) के हस्तलिखित ग्रंथों का 19 खंडों में प्रकाशन। शाहजी महाराज - जन्म-ई. 1672 में। तंजौर के राजा। शासनकाल-1684-1711 ई.। अनेक कवियों के आश्रयदाता। छत्रपति शिवाजी महाराज के सौतेले भाई व्यंकोजी (एकोजी) के पुत्र।
संस्कृत कृतियां - चन्द्रशेखर-विलास, शृंगारमंजरी तथा पंचभाषा-विलास नामक यक्षगान ।
हिन्दी कृतियां - विश्वातीतविलास तथा राधा-वंशीधर विलास नामक यक्षगान। 'शब्द-रत्न-समन्वय कोश, शब्दार्थ-संग्रह।
आपने तेलगु और मराठी में भी कतिपय रचनाएं की हैं। शिंगभूपाल • ई. 14 वीं सदी। संगीत व नाट्यशास्त्र के
आचार्य। आंध्र मंडलाधिपति । विंध्याचल से श्रीशैल तक के प्रदेश के अधिपति। राजाचल राजधानी। पिता का नाम अनंत या अन्नपोत । अन्वेषकों के अनुसार शिंगभूपाल और सिंगम नायडू, एक ही व्यक्ति के दो नाम हैं।
“संगीत-रत्नाकर" पर आपने “संगीत-सुधाकर" नामक टीका लिखी है। नामशेष हो चुके अनेक प्राचीन ग्रंथकारों के अवतरण इसमें मिलते हैं। नाट्यशास्त्र के अनेक उपादेय विषयों की चर्चा करने वाला आपका यह ग्रंथ अनुपम है। रसार्णवसुधाकर, रंजकोल्लास, रसिकोल्लास एवं भावोल्लास नामक तीन विलासों में यह ग्रंथ विभाजित है। शिौयंगार - रचनाएं - कृष्णकथारहस्यम्, श्रीकृष्णराजचम्पू, यदुशैलचम्पू, चित्रकूटोद्यान (यमक काव्य) आदि। शितिकण्ठ वाचस्पति (म.म.) - ई. 20 वीं शती। कृतिअलङ्कार-दर्पण (काव्यशास्त्रीय ग्रंथ)। शिव - अठारहवीं शती। यमुनातट पर व्रजप्रदेश में रानेर नगर के निवासी। "विवेकचन्द्रोदय" नामक नाटक के रचयिता।। शिवकुमार शास्त्री - काशी-निवासी। जन्म ई. 1848 में, मृत्यु 1919 में। माता-मतिराणी, पिता-रामसेवक मित्र। इन्होंने दरभंगा राजवंश का वर्णन, अपने काव्य "लक्षीधरप्रताप" में किया है। इनकी अन्य काव्य-कृति "यतीन्द्रजीवन-चरितम्" में, योगी भास्करानन्द का चरित्र वर्णित है। शिवदत्त त्रिपाठी (पं) - 20 ई. वीं शती का पूर्वार्ध । पुष्कर (अजमेर) के निवासी। रचनाएं- 1) श्रीकृष्णचरित, 2) गद्यभारत (2 भाग), 3) गद्यरामायण, 4) आस्तिकस्मृति, 5) दुर्वासस्तृप्तिस्वीकारनाटक, 6) श्रीदुर्गाचरित्र, 7) श्रीसामामृतसिन्धु, 8) सूर्यशतक, 9) विवाहदिग्दर्शन, 10) वृषभदेवचरित, 11) दाधीचारिगजांकुश, 12) नीतिवाक्यरत्नावली, 13) गोलाभदर्शन, 14) हिन्दूहितवार्ता इत्यादि । शिव दीक्षित - महाभारत की नीलकण्ठी टीकाकार के वंशज।
ई. 18 वीं शती। रचना- धर्म-तत्त्वप्रकाश । शिवनारायण दास - ई. 13 वीं शती। उत्कल के राजा गजपति नरसिंह देव का आश्रय प्राप्त। नन्दिघोष-विजय (कमलाविलास) नामक पांच अंकी नाटक के प्रणेता। शिवनारायण दास (सरस्वतीकण्ठाभरण) - ई. 17 वीं शती। बंगाल के निवासी। पिता-दुर्गादास । काव्यप्रकाश की "दीपिका" नामक टीका के कर्ता। शिवप्रसाद भारद्वाज - ई. 20 वीं शती। एम.ए., एम.ओ.एल. । विश्वेश्वरानंद संस्थान, साधु आश्रम, होशियारपुर में प्राध्यापक।
कृतियां - साक्षात्कार (भाण), अजेय भारत (नभोनाट्य), केसरी-चंक्रम (ध्वनिरूपक) तथा कतिपय पद्य व निबन्ध रचनाएं। शिवराम कवि - ई. 19-20 वीं शती। इन्होंने चार काव्यों में रामचरित्र प्रस्तुत किया है- (1) हनुमत्काव्य, (2) हनुमद्विजय, (3) रावणवध और (4) सुरेन्द्रचरितकाव्य (इसमें अहिल्योद्धार की कथा वर्णित है)। शिवराम, पाण्डे - प्रयाग-निवासी। रचनाएं- एडवर्डशोकप्रकाशन (ई. 1910)। एडवर्ड-राज्याभिषेकदरबारम् (1903 ई.), जार्जराज्याभिषेक (ई. 1911 और जार्जाभिषेकदरबार । शिवराम शास्त्री - शतावधानी विद्वान् । रचना-दिल्लीप्रभा (सन् 1911 के दिल्ली -दरबार का काव्यमय वर्णन)। शिवरामेन्द्र सरस्वती - "महाभाष्य-रत्नाकर' के लेखक।
औफेक्ट द्वारा उल्लिखित । अन्य रचनाएं- सिद्धान्त-कौमुदी-रत्नाकर (टीका ग्रंथ)। शिवशरण शर्मा (डा.) - पिता-सत्यनारायण द्विवेदी। माता-सौभाग्यवती। कान्यकुब्ज ब्राह्मण। जन्मस्थल-भैरमपुर, जिला-फतेहपुर, उत्तरप्रदेश। जन्म-सन् 1929 में। वाराणसी तथा प्रयाग में अध्ययन। शासकीय स्नातक महाविद्यालय, दतिया (मध्यप्रदेश) में संस्कृत-प्राध्यापक। श्रीमद्भागवतानुशीलन, कालिदास और उनका मेघदूत ये दो हिंदी प्रबंध होने के बाद आधुनिक विषयों पर जागरणम् नामक संस्कृत गीति काव्यों का आपका संग्रह, सन् 1963 में प्रकाशित हुआ है। शिवसागर त्रिपाठी - ई. 20 वीं शती। राजस्थान वि.वि. जयपुर में संस्कृत के व्याख्याता । कृतियां-गान्धी-गौरव, प्राणाहुति (एकांकी) आदि। शिवस्वामी - ई. 9 वीं सदी। एक संस्कृत कवि। काश्मीर में निवास। पिता-भट्टार्य स्वामी शैवमतानुयायी थे। चंद्रमित्र नामक बौद्ध पंडित की प्रेरणा से अवदान कथा पर आधारित "कफिणाभ्युदय" नामक महाकाव्य की रचना की। __ इनका "प्रोक्तव्याकरण" उपलब्ध नहीं है। इन्होंने अपने व्याकरण पर वृत्ति भी लिखी है, धातुपाठ का भी प्रवचन किया है। ये शिवयोगी से भिन्न व्यक्ति हैं। शिवस्वामी बौद्ध हैं। समय वि.सं. की 9 वीं शती। शिवयोगी वैदिक धर्मावलम्बी,
472 / संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथकार खण्ड
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