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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir काफी ( २२२ ) काचो काकी-(ना०) चाची। गले का कोमा । गलशुडी। काकी-सासू-(न0) चचिया सास । कागलो-(न०) कोपा । काग । काकी-सुसरो-(न०) चचिया ससुर । कागाबाटी-(ना०) एक घास । काको-(न०) १. चाचा । २. पिता।। कागारोळ-(ना०) १. रोना-पीटना। २. काकोदर-(न०) सर्प । साँप । __ शोर । कोलाहल । काकोदरी-(ना०) सपिणी । सापणी। कागोळ-(ना०) श्राद्ध कर्म में पितरों के काखबिलाई-(ना०) बगल का फोड़ा । निमित्त दी जाने वाली काकबलि । ___ कॅखौरी । काखोळाई। कागबलि। काखोळाई-दे० काखबिलाई। कागोलड़-(ना०) मेघ घटा के आगे-आगे काग-(न०( १. कोप्रा २. शीशी का ढक्कन। चलने वाले सफेद बादल । कोरण । कॉर्क। काच-(न०) १. दर्पण । प्राइना । २. काँच । काग उडावणी-(न0) अवगुणी और झग- ३. एक नेत्र रोग । मोतियाबिंद । ड़ालू पुत्रवधु की ओर से सासू के लिये काचड़कूटो-(वि०) चुगलखोर । कहा जाने वाला अपमान जनक सांकेतिक काचड़ो-(न०) १. निंदा । बुराई । २. नाम । चुगली। कागरण-(ना०) बाजरी की फसल का एक काचर-(न०) ककड़ी । कचरी । रोग। काचर-कूचर-(न०) १. खाने की फुटकर कागद-(न०) १. चिठ्ठी। पत्र । पत्री। चीजें । २. हलका खाना । घटिया खाना । २. कागज । ३. चना-चबेना । अटरम-पटरम । कागदवाई-(ना०) पत्र-व्यवहार । चिट्ठी- काचरी-(ना०) सुपारी या नींबू के आकार पत्री का उत्तर-प्रत्युत्तर । __ का छोटा कचरी फल । कचरी । कागदियो-(न०) १. छोटी चिट्ठी । काचरो-नि०) १. ककड़ी। २. छोटी और पुरजा । २. कागज का टुकड़ा। गोल ककड़ी। कागदी-(वि०) पतली छालवाला जैसे- काचा कानांरो-(मुहा०)१. सुनी-सुनाई बात कागदी नींबू । कागदी बदाम । २. जो को बिना विचारे सच्ची मान लेने वाला। जल्दी टूट-फूट जाय । ३. नाजुक । (न0) कान का कच्चा । बहकावे में आने वाला। कागज बेचने वाला। काची गार-(ना०) १. मिट्टी का गारा । कागदी जवान-(ग0) जवान उम्र का २. कीचड़। निर्बल व्यक्ति । काची मौत-(ना0) जवान की मृत्यु । युवाकागदी नींबू-(न०) पतली छाल का अधिक मृत्यु । रस वाला ऊँची जाति का नींबू । काचो-(वि०) १. कच्चा। बिना पका। कागदी बदाम-(ना०) पतले छिलके की अपक्व । २. जिसके तैयार होने में कसर और अधिक मीठी ऊँची जाति की बादाम। हो। ३. बिना रस का। जिसमें रस कागभुसंड-(न०) काकभुशुडि । उत्पन्न न हुआ हो। ४. जो आँच पर कागमुखो-(न०) कौए की चोंच के समान पका न हो। ५. कच्ची मिट्टी का बना। पीछे से चौड़ा और आगे से सँकड़ा (मकान)। ६. अशक्त । कमजोर । ७. अन-अभ्यस्त । कागलियो-(न०) गले के भीतर की घंटी। ८. कायर । ६. असत्य । १०. खराब । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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