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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir काचो-कयो ( २२३ ) काजळी-तीज बुरा । ११. व्यर्थ । १२. अधूरा। (न०) भाषा। (न०)१.घोड़ा। २.कच्छी घोड़ा। कच्चापन । कचाई। काछी जोड़-रो-(न०) १. कच्छ का ऊंट । काचो-कवैयो-(वि०) अल्पायु का। कच्चा २. ऊंट । मौर कुवयस्क । काछेल-दे० काछराय । काचा-पाको-(वि०) १. कच्चा-पक्का। काछेली-दे० काछराय । अर्धदग्ध । काछेलो-(न0) कच्छ का रहने वाला काचो-पोचो-(वि०)१. डरपोक । २.साहस- चारण । कच्छ देश का चारण । हीन । नाहिम्मत । ३. अनुभवहीन । २. चारणों की श्रेक शाखा । काचोमतो-(न०) १. ढिल-मिल विचार। काज-(न०) १. कार्य। काम । २. प्रयोजन । २. अस्थिर मन । ३. कायरता। उद्देश्य । ३. व्यवसाय । ४. बटन फँसाने काछ-(ना०)१. जाँघ । साथळ । २.लंगोट। के लिये कोट. कुरता मादि में बनाया ३. लांग । (न०) १. कच्छ देश । जाने वाला छेद। ५. मृत्यु भोज । मौसर। काछ जती-(वि०) लंगोट का सच्चा। ग्रोसर । (अव्य०) लिये । कारण । निमित्त । वास्ते । जितेन्द्रिय । काछरगो-(क्रि०) १. युद्ध करना । २. नाश काज-किरियावर-(न०) प्रौसर-मौसर करना। ३. कमर कसना। ४. लंगोट (मृत्यु भोज), भात भरना (माहेरा), लगाना । (न०) कछोटा । छोटी घोती। दहेज, बड़े-बड़े दान, न्याति भोज, ब्रह्मभोज काछद्रढो-(वि०) जितेन्द्रिय । (न०) ब्रह्म और आर्थिक सहायता इत्यादि श्रेष्ठ कर्म । कीत्ति-कर्म। कारी। काज-किरियावरो-(वि०) औसर-मौसर काछ-पंचाळ-(ना०) १. एक लोक देवी। आदि महाभोज करने वाला। २. भात २. सैणी देवी । ३. कच्छ की एक देवी । भरने वाला। माहेरा भरने वाला । काछबियो-(न०) १. लोकगीतों का एक ३. बड़े बड़े दान और आर्थिक सहायता नायक । २. एक प्रसिद्ध लोकगीत । दे० करने वाला । महान् उदार । महादानी । काछबो। काजथंभ-(वि०) १. प्रधान कार्यकर्ता । काछबो-(न०) १. कछुप्रा। २. थरपारकर २. कार्य कुशल । (न०) १. पुण्य कार्य । जिले के उमरकोट में हुआ एक लोक धर्म काम । २. वीर मृत्यु । ३. मरणोप्रसिद्ध काछब नामक राजा । ३. एक त्सव ४. कीत्तिस्तम्भ । ५. स्मारक । लोकगीत का नायक । काछवियो । ४. काजळ-(न०) १. कज्जल । दीपक का काछबा से संबंधित एक लोकगीत। घुआ। २. काजल से तैयार किया हुआ काछराय-(ना०)कच्छ देश की सैरणी देवी। अंजन । काछ-वाच-निकळक-(वि०) जिसने ब्रह्म- काजळियो-(न०) १. काले रंग से रंगा चर्य पालन करने में और सत्य भाषण हुआ प्रोढ़ना । २ अक लोक-गीत । करने में कलंक नहीं लगने दिया हो। ३. अंजन। काछियो-(न०) धोती अथवा लहंगे के नीचे काजळी-(ना०) १. धुए की कालिख । पहिनने का एक वस्त्र । कलौंछ । २. काजली तीज । काछी-(वि०) १. कच्छ देश का । कच्छ काजळी-तीज-(ना०) १. कजली तीज । निवासी । (ना०) कच्छ की भाषा । कच्छी २. भादौं वदि तीज को मनाया जाने For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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