________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
बा
www. kobatirth.org
( २५८ )
-
वेतन भोगी या स्वार्थ सेवी ब्राह्मण । —जूल, जोनी'ब्रह्मयोनी' जोग'बायोग'तत'ब्रह्मतत्व' तत्व -पु० ब्रह्म संबंधी सत्पज्ञान :-तीरथ पु० नर्मदा तट का एक प्राचीन तीर्थ - तेज-पु० ब्रह्म का तेज, प्रकाश | ब्रह्मचर्य के कारण मुख का प्रोज, धामा, कांति ब्राह्मण के मुख का तेज । ब्राह्मण का क्रोध आवेश । दंड - पु० ब्राह्मण का शाप । ब्राह्मण या योगी के हाथ का डंडा । ब्राह्मण पर किया जाने वाला दंड महादेव, शिव ब्राह्मण की प्रशंसा । -डी-त्री० ब्राह्मी नामक जड़ी जयंती दान-पु० विद्या दान वेद पढ़ाने की क्रिया । शता पु० वेद पढ़ाने वाला प्राचार्य विन- पु० ब्रह्मा का एक दिन । - देव पु० ब्रह्मा । ब्राह्मण । देस्य पु० राक्षस वृत्ति वाला ब्राह्मण । - दोस- पु० ब्रह्महत्या व इसका दोष । - बोली- वि० [० ब्रह्म हत्या का दोषी । ब्राह्मण का हत्यारा । - द्रोही - वि० ब्राह्मण से वैर रखने वाला । नास्तिक | --द्वार पु० खोपडी के मध्य का रंध्र । ब्रह्मरंध | ब्रह्मा का द्वार । - धिया स्त्री० ब्रह्मा की पुत्री । सरस्वती । -नाम-पु० विष्णु निस्ठ वि० ब्रह्मज्ञान में लोन ब्रह्मज्ञानी । ब्राह्मणभक्त ।-पद-पु० मोक्ष मुक्ति । ब्रह्मत्व । ब्राह्मणत्व | - पास पु० ब्रह्मा का एक प्रस्त्र । पुत्तर, पुत्रपु० नारद । मरीचि । वसिष्ठ । मनु । सनकादिक । ब्राह्मण का पुत्र । मान सरोवर से निकलने वाला एक नद। एक प्रकार का विषाक्त कंद । - पुत्री - स्त्री० सरस्वती । सरस्वती नदी । वाराही कद ।—पुर- पु० ब्रह्माजी का लोक । हृदय । पुराण- पु० अठारह पुराणों में से एक-पुरीस्त्री० ब्रह्मा की पुरी, वाराणसी ब्राह्मणों का मोहल्ला । -- फांस 'ब्रह्मपास' ।-बळ पु० तपस्या का बल । ब्रह्म की शक्ति भट्ट पु० ब्राह्मणों की एक उपाधि । भाटों की एक शाखा । — भूत-पु० मर कर प्रेत योनि में गया ब्राह्मण । ब्रह्म में लीन । —भोज-पु० ब्राह्मणों का सामूहिक भोजन । —महूरत, मुहरत, मूहूरत- पु० सूर्योदय से पूर्व का समय । तड़का। प्रातःकाल । —योग- पु० प्राध्या त्मिक ज्ञान की उपलब्धि । ब्रह्म के मिलने का योग । १८ मात्राों की एक ताल। -योनि- वि० ब्रह्म से उत्पन्न । - पु० ब्रह्म का ध्यान गया जी के पास का एक तीर्थं । सरस्वती । - रंध्र -पु० मानव मस्तिष्क का गुप्त छेद, दशवां द्वार । 'योग के अनुसार एक कमल । - राकस, राक्षस-पु० शिव का एक गण । मर कर प्रेत योनि को प्राप्त ब्राह्मण । ---रात, रात्र, रात्रि-स्त्री० रात के अंतिम चार दण्ड ब्रह्म
-
की एक रात शुकदेव वशवमुनि राति १० । । याज्ञवल्क्य बृहस्पति से प्राक्रांत एक श्रवरण नामक नक्षत्र | परशुराम का एक नाम रिसी पु० ब्राह्मण जाति का ऋषि
1
1
वसिष्ठ श्रादि मन्त्र दृष्टा ऋषि ऋषियों की उपाधि या i श्रेणी - रूप पु० वणिक छन्द विशेष—रेख, लेख-पु० भाग्य के लेख । प्रारब्ध । सत्य एवं युक्ति संगत लेख । - लोक-पु० ब्रह्मा के निवास स्थान का लोक । मोक्ष । - वध - पु० ब्रह्म हत्या । - वांणी स्त्री० वेद । वाचा - पु० वेद वाक्य । सत्य व प्रटल शब्द । ब्राह्मण के बोल । -वाह पु० ब्रह्मचर्य की मर्यादा ब्राह्मणों की गवाही। -बाद- पु० वेदपाठ। श्रद्वतवाद का सिद्धान्त । ब्रह्ममय सृष्टि मानने का दर्शन । - वादिनी-स्त्री० गायत्री -वादी पु० ब्रह्मवाद के दर्शन को मानने वाला व वादी । वेदपाठी । वेदान्ती । - विद्या स्त्री० ब्रह्म के पह चान की विद्या दुर्गा बेला पु० ब्रह्मज्ञानी ऋषि -वेवरत, वैवरत पु० ब्रह्मा का विवर्त जगत | कृष्ण भक्ति संबंधी प्रष्टादश पुराणों में से एक। श्रीकृष्ण । - सभा स्त्री० ब्रह्मा की सभा, दरबार । ब्राह्मणों का न्यायालय । -समाज-पु० राजा राममोहनराय द्वारा प्रचलित एक सम्प्रदाय ब्राह्मणों का समाज सर पु० एक प्राचीन तीर्थं । - सिद्धांत-पु० ज्योतिष की एक सिद्धान्त पद्धति । सिर- पु० एक अस्त्र विशेष । -स्तनपु० नारदादि सप्तऋषि गए महादेव हेतु विशेष - सुता स्त्री० सरस्वती । पृ० कामदेव | विष्णु की एक मूर्ति विशेष - सूत, सूत्र- पु० जनेऊ यज्ञोपवीत । वेदान्त का एक मुख्य ग्रंथ । -हत्या, हित्या-पु० ब्राह्मण की हत्या । महा पाप । - ह्रदय पु० शुद्ध हृदय । प्रथम वर्ग के १६ नक्षत्रों में से एक ।
-
ह्या पनिरुद्ध
-
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ब्रह्मकूरच पु० [सं० ब्रह्मकूचंम् ] रजस्वला के स्पर्श-दोष को मिटाने का व्रत, प्रायश्चित ।
- - 1
ब्रह्मचारी
ब्रह्मग्य वि० [सं० ब्रह्मज्ञ] १ वेदांत तस्व को जानने वाला । वेदज्ञ । ज्ञानी । २ जिसे ब्रह्म का बोध हो । ३ विष्णु । ४ कार्तिकेय ।
ब्रह्मचरज, ब्रह्मचरज्ञ्ज, ब्रह्मचर्य ब्रह्मचार पु० [सं० ब्रह्मचर्य ] १ मनुष्य जीवन की प्रारंभिक अवस्था जब वह भोगों से दूर रह कर विद्याध्ययन करता है । २ जीवन के चार आश्रमों में से एक। ३ संभोग व मैथुन से बचने का व्रत । ४ योग में एक प्रकार का यम । ५ वीर्य रक्षण की साधना । ब्रह्मचारण्य - देखो 'ब्रह्मचारिणी' |
ब्रह्मचारि देखो 'ब्रह्मचारी' ।
For Private And Personal Use Only
T
ब्रह्मचारिति (जी) स्त्री० [सं०] १ ब्रह्मचर्य व्रत पालने वाली स्त्री । २ सती स्त्री । ३ पार्वती ४ दुर्गा ५ सरस्वती । ब्रह्मचारी - वि० [सं०] १ जो ब्रह्मचर्यं श्राश्रम में हो । २ जो