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बह्मणी
। २५९ )
ब्रह्मचर्य व्रत धारण करके सात्विक जीवन व्यतीत करता | ब्राहमी-देखो 'ब्राह्मो' । हो। ३ जिसे ब्रह्म का बोध या ज्ञान हो। ४ जिसने कभी | ब्राह्मण-पु० [सं०] (स्त्री० ब्राह्मणी) १ पुरुष समाज के चार स्त्री प्रसंग न किया हो, जितेन्द्रिय । ५ वेदाध्ययन करने वों में से प्रथम वर्ण । इस वर्ण का व्यक्ति, द्विज, विप्र । वाला । ६ विद्यार्थी । ७ शिव, महादेव । ८ स्वामि कात्ति- २ यज्ञ कराने वाला। ३ ब्रह्मवादी । ४ वेदों का एक भाग। केय, स्कन्द ।
५ विष्णु । ६ शिव । ७ अग्नि ।--भोजन-पु० ब्राह्मणों को ब्रह्मणी-१ देखो 'ब्रह्माणी' । २ देखो ब्राह्मणी'।
दिया जाने वाला भोजन । ब्रह्मतत.ब्रह्मत्व-पु० [सं०ब्रह्मत्व] १ शुद्ध ब्रह्म का भाव । २ ब्रह्म | ब्राह्मणत्व-पु० [सं०] १ ब्राह्मण होने का भाव या दशा । २ ब्राह्मण
मय या ब्रह्म में लीन होने की अवस्था । ३ ब्रह्मा नामक का धर्म या प्राचरण । ३ ब्राह्मण के गुण, प्रतिभा। ऋत्विज होने की अवस्था । ४ ब्राह्मणत्व ।
। ब्राह्मणी-स्त्री० [सं०] १ भारंगी का नामान्तर । २ ब्राह्मण ब्रह्मांड, ब्रह्मांडि-पु० [सं०] १ सृष्टि एवं अन्तरिक्ष में माने गये | स्त्री। ३ गाथा छंद का भेद ।
अनन्त लोकों का समूह । २ अन्तरिक्ष, आकाश । ३ कपाल | बाह्ममुहूरत-देखो 'ब्रह्ममुहूरत' ।।
खोपड़ी। ४ समुद्र । ५ स्वर्ण का एक महादान । | ब्राह्मी-स्त्री० [सं०] १ ब्रह्मकी मूर्ति मति शक्ति । २ शिव की ब्रह्मांण-देखो 'ब्रह्म'।
पाठ मातृकामों में से एक । ३ सरस्वती।४ दुर्गा । ब्रह्मांणी-स्त्री० [सं०] १ ब्रह्मा की स्त्री। २ सरस्वती, शारदा। ५ वाणी।६ रोहिणी नक्षत्र । ब्रह्म विवाह से परिणिता
३ ब्रह्म की शक्ति, दुर्गा, पार्वती, देवी । ४ ज्योतिष की । स्त्री। ब्रह्म की पत्नी। भारत की एक प्राचीन लिपि। एक देवी विशेष । ५ रेणु गंधा नामक द्रव्य, पीतल । १० एक प्रसिद्ध प्रौषधि । ११ एक नदी का नाम । ६ उड़ीसा की एक नदी।
विखा-देखो 'वखा'। ब्रह्मा-पु० [सं०] १ सृष्टि की रचना के लिये बनाया ब्रह्म का | बित-देखो 'वत्ति'।'
एक सगुण रूप । चतुरानन, विधाता । २ यज्ञ का एक | बिद, विवि-देखो "विरुद' । ऋत्विज । ३ टगण के पाठवें भेद का नाम ।
बिहनट-देखो 'बहनट'। ब्रह्माक्षर-पु० [सं०] १ मोंकार, प्रणव । २ वर्ण माला का बिहसपत-देखो 'ब्रहस्पति' ।
प्रथम अक्षर । ३ प्रारंभिक ज्ञान ।।. . बिह्म-देखो 'ब्रह्म'। ब्रह्मानद-पु० [सं०] ब्रह्मज्ञान का मानन्द।।
श्रीख-देखो 'बीख'। ब्रह्माव-पु० [सं०] पाशीर्वाद, माशीष ।
बीड़, बीड़ा-देखो 'ब्रीड़ा'। ब्रह्मावत-पु० [सं० ब्रह्मापुत्र] नारद मुनि ।
ब्रोवरणौ (बो)-क्रि० [सं० धूम्] १ कहना । २ बोलना । ब्रह्मावरत-पु. [सं० ब्रह्मावर्त] सरस्वती एवं दशदति नदियों के । ३ पुकारना । ४ उत्तर देना। बीच के प्रदेश का प्राचीन नाम।
बहबहार-देखो 'भ्र। ब्रह्मावरि-पु. एक ब्रह्मास्त्र जो रावण के पास था।
बेता-१ देखो 'व्रतासुर'। २ देखो 'वत्र'। ब्रह्मासन-पु० [सं०] १ ब्रह्म का ध्यान व चितन के लिये लगाया जाने वाला प्रासन । २ तंत्रोक्त देव पूजा का प्रासन ।
ब्रमर-देखो 'ब्रह्मांड'। ब्रह्मास्त्र-पु० [सं०] १ सभी प्रस्त्रों में श्रेष्ठ एक अस्त्र ।। ग्लोच-देखो 'बलोच'।
२ ब्रह्मा की शक्ति से परिचालित एक अस्त्र । ३ सन्निपात | ब्लोचिस्तान (स्थान)-देखो 'बलोचिस्तान' । की एक प्रौषधि ।
व्हार-१ देखो 'बाहर' । २ देखो 'बहार'। बहिस्ता-स्त्री० [सं० ब्रह्मिष्ठा] दुर्गा, देवी ।
व्हाल-देखो 'बहाल' । ब्रह्मी-खो 'ब्राह्मी'।
व्हाळी-१ देखो 'वा'को' । २ देखो 'वाळो' । बाम-देखो 'ब्रह्म। ब्रामण-देखो 'ब्राह्मण' --भोजन-'ब्राह्मण भोजन'।
म्हालो-देखो 'वालो'। बात-देखो 'बात'।
व्हेनड़, बहेनर-देखो 'बहन' । ब्राहमण-देखो 'ब्राह्मण'।
म्ही-देखो 'बहुत'।
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