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समग्य
( २५७ )
ब्रह्म
...'ब्रह्मविद्या' ।-वेता, वेत्ता- ब्रह्मवेता' ।-सुता- ब्रहामण-देखो 'ब्राह्मण' । 'ब्रह्मसुता'।-हत्या-'ब्रह्महत्या'।
ब्रहास-देखो 'वरहास' । ब्रमग्य: बम्मग्य-देखो ब्रह्मग्य' ।
ब्रह्मड-देखो ब्रह्मांड'। सम्मा-देखो 'ब्रह्मा'।
ब्रह्म डी-स्त्री० दुर्गा का एक नाम । नव-पु. १ दान । २ लगन । ३ ईया।
ब्रह्म-पु० [सं० ब्रह्मन्] १ सत्, चित् प्रानन्द से युक्त एव सम्पूर्ण अवरण-देखो 'वण' ।
जड़-चेतन में व्याप्त एक मात्र सत्ता जो सृष्टि का मूल नवणी (बी)-देखो 'श्रवणो' (बो)।
कारण है और अविनाशी है। २ ईश्वर, परमेश्वर । अस-देखो 'वस'।
३ विष्णु । ४ महादेव । ५ ब्रह्मा । ६ सूर्य । ७ चैतन्य । असमांन-देखो 'वसभान'।
८ अन्तरात्मा, जीवात्मा। ९ भोंकार, प्रणव । १० वेद । बसल-देखो 'वसल'।
११ श्रुति । १२ ब्रह्मविद्या । १३ वेदों का ब्राह्मण भाग । अस्की, स्ली-देखो वस्ठी'।
१४ ब्राह्मण । १५ भक्त जन । १६ ब्रह्म विद्या को जानने बहंमचार-देखो 'ब्रह्मचारी'।
वाला । १७ सप्त प्रजापतियों का नामान्तर । १८ बृहस्पति ब्रह-पु. १ इन्द्र । २ देखो "विरह' । ३ देखो 'ब्रहत' ।
का नामान्तर । १९ फलित ज्योतिष में एक शुभ योग । बहत-देखो 'ब्रहत'।
२० छप्पय छंद का एक भेद । २१ प्रार्या गीति का एक भेद । बहती-स्त्री० [सं० वृहितं] १ हाथी की चिंघाड़ । २ एक जड़ी
२२ संगीत में एक ताल । २३ आकाश, पासमान, नभ । बूटी। ३ देखो 'वहती'।
२४ एक की संख्या*। -कन्यका, कन्या-स्त्री० सरस्वती । बहतीपति-देखो 'ब्रहस्पति' ।
-कपाळ-पु. ललाट के मध्य का भाग । -करम-पु. बहद-देखो वहत'।
ब्राह्मण का अनुष्ठेय कर्म, एक यज्ञ विशेष ।-कल्प-पु० बहवभाग (मान, भानु)-देखो 'ब्रहदानु' ।
एक ब्रह्मा का समय । -कवच-पु. एक मन्त्र विशेष । बहदारण्यक-पु० (सं० बृहदारण्यक] दश मुख्य उपनिषदो में से
-कांड-पु० वेद का एक भाग, ज्ञान कांड ।-कास्ठ-पु०
शहतूत का वृक्ष ।-कुछ-पु. एक तीर्थ विशेष । कूरचबहब्रय-पु० [सं० बृहउथ] १ इन्द्र । २ मगध का राजा व जरा
पु० एक व्रत विशेष ।-क्षत्र, खत्री-पु. क्षत्रिय एवं ब्राह्मण - सध का पिता । ३ सामवेद का एक अंश । ४ यज्ञ पात्र ।
से उत्पन्न एक जाति । वैश्य जाति । वस्त्र छपाई का कार्य बहनट, बहनल ब्रहमळा, बहन्नट, बहाना बहन्नळ, ब्रहन्नळा- |
करने वाली एक जाति ।-खा-पु० अत्यन्त गहरा खड्डा । -पु० [सं०. बृहन्नट] अज्ञातवास में अर्जुन का एक नाम ।
संसार ।-गति-स्त्री० मुक्ति, मोक्ष। -गांठ : 'ब्रह्मग्रंथि' । ब्रहमड-देखो ब्रह्मांड'।
-गिनान- 'ब्रह्मग्यांन'।-गिमांनी: 'ब्रह्मग्यांनी' ।-गोळबहमडी-देखो ब्रह्मांडी'।
पु० ब्रह्माण्ड । -यनि-पु. ब्रह्म का बोध । प्रद्वैत सिद्धान्त ब्रहम-१ देखो 'ब्रह्म' । २ देखो 'ब्रह्मा'। ३ देखो 'ब्राह्मण' ।
का बोध । ब्रह्मविद्या । प्रात्म ज्ञान । -यांनी-पु० ब्रह्म का -गिनान='ब्रह्मम्यान' । -गियान-'ब्रह्मग्यांन'।-चरज
बोध रखने वाला । पात्म तत्त्व वेत्ता ।' प्रद्वैतवादी । 'ब्रह्मचरज' ।-धिया= ब्रह्मधिया' ।-पास- ब्रह्मपास' ।
ब्रह्म विद्या को जानने वाला। -प्रवि-स्त्री० जनेऊ की -पुरी'ब्रह्मपुरी' ।-सतन= ब्रह्मसुतन' ।-सुता ब्रह्मसुना'।
प्रमुख गांठ । शरीर की एक ग्रंथि ।-प्रह-पु० ब्रह्मराक्षस । बहमारण-देखो 'ब्रह्मा।
-घाट-पु० पुष्कर तीर्थ के सरोवर का एक घाट । ब्रहमाणी-देखो 'ब्रह्माणी'।
-घात-पु. ब्राह्मण की हत्या, ब्रह्महत्या ।-घातक-वि. ब्रहमांन-देखो 'ब्रह्म'।
ब्राह्मण का हत्यारा । ब्रह्म हत्या का दोषी।-घातिणी (नी)बहमा-देखो 'ब्रह्मा'।
स्त्री० वह रजस्वला स्त्री जिसका दूसरा दिन हो। -वि. बहम्म-देखो 'ब्रह्म'।
ब्राह्मण की हत्यारी ।-धातो = 'ब्रह्मघातक' ।-घोस-पु.
वेद पाठ की ध्वनि । वेदाध्ययन । वेदपाठ ।-चक्र-पु. बहम्मा-देखो 'ब्रह्मा'।
संसार चक्र । -ज-पु. ब्रह्मा । स्वामिकात्तिकेय ।-जळबहम्मापित्त-पु० [सं० ब्रह्मा-पिता] ब्रह्मा के पिता, विष्णु ।
पु० गंगाजल । ताम्रपात्र में रखा जाने वाला जल । छप्पय बहसपति (पती), बहस्पति (तो)-देखो 'ब्रहस्पती'।
छंद का एक भेद । -जार, जारी-पु. ब्राह्मणी के साथ बहस्पतिस्म्रति-स्त्री० [सं० बहस्पति+स्मति] बृहस्पति द्वारा व्यभिचार करने वाला, ब्राह्मणी का उप पति । इन्द्र । - रचित एक स्मृति ।
-जीवी-वि० श्रोत कर्म कराकर निर्वाह करने वाला,
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