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बहुत
बहुवार
बहुत्त-देखो 'बहुत'।
बहुरात-स्त्री० [सं० वधुरात्रि] नव वधू के भागमन पर प्रथम बहुत्तर, बहुत्तरि, बहुत्तरी-देखो 'बोत्तर' ।
रात्रि को किया जाने वाला जागरण । बहुत्तरी-देखो 'बमोत्तरौं'।
| बहुरि-कि०वि० [सं०] १ पुनः, फिर, बार-बार । २ अनन्तर बहुधांन्य-पु० [सं०] १ ब्रह्मा के बीस वर्षों में से बारहवां वर्ष। उपरान्त, बाद में। ३ पीछे। ४ देखो 'बहू'। बहधा-प्रव्य० [सं०1१ कई बार, अनेक बार । २ भांति-भांति | बहुरिणी (णी)-वि० [सं० बहु ऋणी] १ जिस पर अधिक
से, विविध रूपेन। ३ अनेक प्रकार से। ४ कई अवसरों पर। कर्ज हो । २ जो एहसानों से दबा हुमा हो। ५ कई स्थानों पर । ६ अधिकतर, प्रायः ।।
बहुरी-पु० [सं० वाटुक:] १ यज्ञ । २ देखो 'बहुरि' । ३ देखो बहुधीत-वि० [सं० बहु-अधीत] बहुज्ञानी, पंडित, विद्वान । 'बहू' । बहुनामिय, बहुनामी-वि० [सं० बहुनाम्न] जिसके अनेक नाम | बहुरूप-वि० [सं०] १ जिसके अनेक रूप हो । अनेक रूप बनाने __ हों। -पु. १ ईश्वर, परमात्मा। २ शिव, महादेव ।
वाला । २ चितकबरा । -पु० १ परमात्मा, विष्णु । ३ विष्णु । ४ राम । ५ कृष्ण।
२ शिव, महादेव । ३ ब्रह्म। ४ सूर्य । ५ कामदेव । ६ केश । बहुपांव, बहुपाद-पु० [सं० बहुपादः] वट वृक्ष ।
७ गिरगिट, सरट । बहुप्रज-वि० [सं०] जिसके अनेक संतानें हों। -पु० १ सूअर, बहुरूपा-स्त्री० [सं०] १ दुर्गा, देवी । २ अग्मि की सात वराह । २ मूज नामक घास ।
- जिह्वानों में से एक । बहुफळ-पु० [सं० बहुफलः] कदम्ब वृक्ष ।
| बहुरूपियो, बहुरूपी-वि० [सं० बहुरूपिन्] १ अनेक रूपों वाला बहुफळी-स्त्री० एक प्रकार की जंगली गाजर ।'
अनेक रूप बनाने वाला । २ नकल करने वाला । -पु. बहुकूली-पु. अधिक फूलों वाला पौधा विशेष ।
स्वांग बना कर जीविका निर्वाह करने वाला व्यक्ति । बहबंदोळी-पु० नव वधु के स्वागत में संबंधियों द्वारा दिया जाने | बहुळ, बहुल-वि० [सं० बहुल] (स्त्री० बहुली) १ प्रचुर, अधिक वाला भोजन।
विपुल, पर्याप्त, ज्यादा । २ सघन, गाढ़ा । ३ कसा हुमा। बहुबीज-पु० अधिक बीजों वाला फल ।
-पु० १ आकाश । २ सफेद मिर्च । ३ कृष्ण पक्ष ।
४ शिव । ५ अग्नि । बहुबोलौ-देखो 'बहुभासी'।
बहुलता-स्त्री० [सं०] १ 'बहुल' होने की दशा या अवस्था । बहुमखी-वि० [सं० बहुभक्षी] जो अधिक खाता हो। -पु० भीम |
२ अधिकता, प्रचुरता। का एक नामान्तर ।
बहुळा, बहुला-स्त्री० [सं० बहुला] १ गौ, गाय । २ इलायची । बहुभाखी (भासी)-वि० [सं० बहुभाषिन् ] १ अधिक बोलने
३ नील का पौधा । ४ कृत्तिका नक्षत्र । ५ देखो 'बहुल' । वाला । २ प्रलापी, बकवादी, गप्पी । ३ लम्बे-लम्बे भाषण
-चौथ-स्त्री० भादव कृष्णा चतुर्थी की तिथि । -बन,वन-पु० देने वाला।
वृन्दावन के ८४ वनों में से एक । नील के पौधों वाला बहुमान-पु. १ अधिक मान व प्रादर । २ बड़ों द्वारा छोटों
जंगल । को प्रदत्त पुरस्कार। बहुमानी-वि० [सं०] १ जिसका अधिक मान या आदर हो।
या पार हो। बहुलातमज-पु० [सं० बहुला-मात्मज] स्वामि कात्तिकेय । २ प्रतिष्ठित ।
बहुली-स्त्री० १ चौसठ योगिनियों में से एक । २ शाक, व्यंजन बहुमूत्र-पु० [सं०] १ अधिक पेशाब पाने का रोग । २ ऐसे
। प्रादि । ३ देखो 'बहुल' । रोग का रोगी।
बहुळु, बहुलु, बहुळी, बहुलौ-देखो 'बोळी'। बहुमूल-देखो 'बहुमूल्य'।
बहुवड़-देखो 'बहू'। बहुमूळी -स्त्री० [सं० बहु+मुलिन] १ एक जड़ी विशेष ।
बहुवद-देखो ‘बहुवादी'। २ अधिक जड़ों वाला पौधा।
बहुवाद-पु० [सं०] १ भिन्न-भिन्न मत । २ अध्यात्म व दर्शन बहुमूली (मूलौ, मूल्य, मोलो)-वि० [सं० बहुमूल्य १ जो
सो सम्बन्धी विभिन्न सिद्धान्त । ३ एक राजनैतिक सिद्धान्त । मूल्यवान हो, कीमती, ममूल्य । २ अधिक महत्वपूर्ण।
| बहुवादी-वि० [सं० बहुवादिन] १ बहुवाद के सिद्धान्त को मानने बहुय-देखो 'बहुत'।
वाला। २ ऐसा सिद्धान्त बनाने वाला । ३ बहुत बोलने बहुरंगी-वि० [सं० बहुरंगिन्] १ जिसके अनेक रंग हों, विविध |
वाला, बकवादी। रंगों वाला । २ विविध विचारों वाला । ३ जिसके कई बहुवार-अव्य० [सं० बहुवार] १ कई बार, अनेक बार, प्रायः । तरह के शौक हों, मनमौजी, रंगीला ।
२ बार-बार । -पु. १ लिसोड़े का पेड़ । २ उक्त पेड़ का बहुरखउ-१ देखो 'बहरखो' । २ देखो 'बाहुरक्षक' ।
फल ।
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