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बहुवासो
( १९२ ) .
बांकम
बहुवासी-पु० [सं० वधुवास] बहू को ससुराल में मिलने वाला | बहोत-देखो 'बहुत'। कष्ट, त्रास ।
बहोतर-देखो 'बोत्तर'। बहुविध, बहुविधि-क्रि०वि० [सं०बहुविध] १ अनेक प्रकार से, | बहोतरी-देखो 'बमोत्तरी'। रीति या ढंग से । २ अनेक नीतियों से।
बहोनांमी-देखो 'बहुनामी' । बहुव-पु० [सं० द्वे] १ दोनों। २ देखो 'बहुत'।
बहोर, बहोरि (री)-देखो 'बहुरि'। बहुव्रीहि-वि० [सं०] बहुत चावलों वाला । -पु. व्याकरण के | बही-देखो 'बोह'। छः प्रकार के समासों में से एक ।
बहोडणी (बौ)-देखो 'बहोड़णो' (बी)। बहुस त, वह स्रोत-वि० [सं० बहुश्रुत] १ जिसने बहुत कुछ | बहोडारणौ (बौ), बहौड़ावरणौ (बी)-देखो 'बहोड़ाणी' (बी)।
सुना हो । २ अनेक विषयों का जानकर । ३ विद्वान, पंडित। | बहीड़ि-देखो 'बहरि'।
४ वेदों का ज्ञाता । ५ अधिक सुनने वाला । ६ अतिवृद्ध । | बहौत-देखो 'बहुत'। बहुस्वामी-वि० [सं० बहस्वामिन्] १ बहुतों का स्वामी । २ जिस | बहौत्तर-देखो 'बनोत्तर'। के अधीन बहतसी वस्तुएं हों। -पु० ईश्वर ।
बां-स्त्री०१ गाय के रंभाने की ध्वनि । २ बार, दफा । बहू-स्त्री० [सं० वधू] १ धर्म-पत्नी, जोरू । ३ स्त्री, औरत, ३ देखो 'वा' ।
नारी । ३ पुत्र वधू, पतोहू । ४ नव वधू । ५ छोटे सम्बन्धी बांइ-देखो 'बायो। की स्त्री। ६ धार्मिक बुद्धि, सुबुद्धि । [सं० बहु] ७ समूह बांइटो-देखो 'वांइटौ'। -वि०१ दोनों। २ देखो 'बहुत'।
बांई-स्त्री० १ दरवाजे के प्रगल-बगल खड़ा लगाया जाने वाला बहूजी,बहूजीराज-पु०१ राजमाता । २ वृद्धा स्त्रियों के लिये एक
पत्थर । २ देखो 'बायौ' (स्त्री०)।३ देखो 'वाई' । ४ देखो प्रादर सूचक संबोधन। ३ नववधू का आदर सूचक संबोधन 'बांह। बहूतरि, बहूतरी-देखो 'बोतर'।
बाईटो-देखो 'वाइंटो'। .. बहूत-देखो 'बहुत' ।
बांक-पु० [सं० वक्र] १ घुमाव, मोड़ । २ धनुष । ३ टेढ़ापन; बहूदक-पु० [स० बहुउदक] संन्यासियों का एक भेद ।
वक्रता । ४ हथियार चलाने की एक विद्या का नाम । बहूधीत-देखो 'बहुधीत' ।
५ वीरता, बहादुरी, पराक्रम । ६ अभिमान,गर्व । ७ ऐंठन, बहूपमा-स्त्री० [सं०] एक प्रकार का अर्थालंकार ।
मरोड़ । ८ तलवार । ६ तलवार से मिलता-जुलता एक बहूपांव, बहूपाद-देखो 'बहुपाद'।
शस्त्र विशेष । १० घिसते समय लोहे को पकड़ने का उपकबहूय-देखो 'बहुत'।
रण, सिकंजा । ११ रहट में लगने वाली एक लकड़ी विशेष बहूळा (ला)-देखो 'बहुला'।
१२ बैलगाड़ी के थाटे के नीचे का मुड़ा हुमा भाग । १३ बहूवड़-देखो 'बहू'।
जल-पात्र विशेष । १४ कमी, कसर । १५ परसु नामक बहूविध-देखो 'बहुविध'।
कृषि उपकरण । १६औरतों के वस्त्रों में लगाने का तार गोटे बहेड़, बहेड़उ, बहेड़ा, बहेड़ो-देखो 'बेड़ो'।
का एक फीता विशेष । १७ व्यंग। -वि० १ टेढ़ा, तिरछा । बहेटौ-पु० ऊंट ।
२ मुड़ा हुना। रहे रखो-देखो 'बहरखो।
बांकउ-देखो बांकी'। बहेला-देखो 'बाघेला'।
बांकड़-१ देखो 'बांको । २ देखो 'बांक' । बहेलियौ-पु० [सं० वधजीवन्] १ व्याध, शिकारी, बहलिया।
बांकड़मल-वि०१ योद्धा, वीर । २ मल्ल । २ कसाई, बूचर । ३ जल्लाद ।
बांकड़ली-देखो 'बांकी' । बहोडणी (बी)-क्रि० १ लेना, प्राप्त करना । २ रक्षा करना,
बांकड़लौ-देखो 'बांको'। . बचाना । ३ लौटाना, वापस करना । ४ पीछे फेरना,
| बांकड़ी-स्त्री० १ लाठी, लकड़ी। २ धातु के हुक्के में लगने मोड़ना, घुमाना। ५ विसर्जन करना, समाप्त करना।
वाला एक उपकरण । ३ देखो 'बाकी' । ४ देखो 'बांकली'। बहोड़ापो (बी), बहोड़ावरणौ (बौ)-क्रि० १ प्राप्त कराना
बांकड़ो-१ देखो 'बांक' । २ देखो 'बांकी'। लिवाना, । २ रक्षा करवाना, बचवाना। ३ वापस कराना लोटवाना। ४ पीछे फिरवाना, मुड़वाना, घुमवाना ।
बांकनळ, बांकनाळ-देखो बंकनाळ' । ५ विसर्जन कराना, समाप्त कराना।
बांकबसूली-स्त्री० बढ़ई का एक भौजार । बहोडि-देखो 'बहरि'।
बांकम-स्त्री. १ बहादुरी का कार्य । २ शौर्य, पराक्रम ।
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