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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बणारस ( १७२ ) बसीसियो करना । ३० वसूली करना। ३१ निर्वाह कराना।। बतळाव, बतळावरण, बतलावरण-स्त्री० [सं० वार्तन] १ विचार ३२ व्यवस्था करना । ३३ एकत्र करना,जुड़ाना । ३४ नवीन | विमर्श करने की क्रिया या भाव । २ बात । ३ बोल-चाल । संबंध करना । ३५ देखो 'बुणाणी' (बौ)। ४ बात-चीत । ५ होड़, बहस । ६ सम्बोधन । ७ समझौता। बणारस-स्त्री० १एक प्रकार की शक्कर । २ देखो 'बनारस' । ८ दिखलाना या बताना क्रिया। बणारसी-वि० १ उक्त शक्कर का बना। २ देखो 'बनारसी'। बतळावणी (बी)-१ देखो 'बतळाणी' (बो)। २ देखो 'बताणी' बरणाव-पु०१ शृगार,सजावट । २ माभूषण, गहना । ३ शृगार | (बौ) । प्रसाधन । ४ बनावट,रचना। ५ स्वांग। ६ रूप । ७ रचना। बतसर-देखो 'वत्सर'। बणावट-देखो 'बनावट'। बताड़णी (बी), बताणो (बी)-क्रि० १ जानकारी या सूचना बजावटी-देखो 'बनावटी'। देना। २ परिचय देना, जान-पहचान कराना। ३ वर्णन बणावणी (बी)-देखो 'बणाणो' (बी)। करना, कथना । ४ मार्ग दर्शन करना । ५ सलाह या बणास-१ देखो 'बाणास' । २ देखो 'बनास' । सुझाव देना । ६ समझाना । ७ दिखलाना, इंगित करना । बणि-१ देखो 'वणी' । २ देखो 'वण' । ८ शारीरिक चेष्टा या संकेतों से समझाना, दर्शाना । बणिक-देखो 'वणिक'। ६ कहना, बोल देना । १० उपभोग कराना, भुगतवाना। बणिजारा-देखो 'बिणजारा'। ११ सबक सिखाना, मजा चखाना । १२ सतर्क करना, बणिजारियो, बणिजारौ-देखो 'बिणजारौं। सचेत करना। बणियाणी-देखो 'वरिणयांणी'। बतार-पु० नदी या सरोवर का घाट । बणियो-देखो 'वरिणक'। बतावणी (बी)-देखो 'बताणी' (बौ) । बी-१ देखो 'बो'। २ देखो 'बनी'। ३ देखो 'वण'। | बतासौ-पु०१ तलवार की मूठ का एक भाग। २ देखो 'पतासौ'। ४ देखो 'वन'। बति-१ देखो 'बत्ती'। २ देखो 'बात'। बणेटी-देखो 'बनटी'। बतियां-१ देखो 'बात' । २ देखो 'बत्ती'। बणेसुर-पू० [सं० वन-ईश्वर] १ सिंह, शेर । २ हाथी, गज। |बती-१ देखो 'बत्ती'। २ देखो 'बत्ती'।३ देखो 'बात'। बणेटी-देखो 'बनटी'। बतीस-देखो 'बत्तीस' । बणोखड़ी-स्त्री० [सं० वाणि-लकुटी] १ कपास का पौधा । | बतीसौं-देखो 'बत्तीसमौं' । २ इस पौधे के डंठल । बतीसौ-देखो 'बत्तीसो'। बणोड़ो-पु० १ प्रांख का एक फोड़ा, रोग विशेष । २ व्यवधान । -क्रि० वि० बीच में । बतौर-क्रि.वि [फा०] १ तरह से, रीति से । २ रूप में, किसी बनौ-पु. कपास का पौधा। दशा में । तौर पर । ३ सदृश, समान । बतंगड़-पु० बढ़ा-चढ़ा कर कही हुई बात, बात का बड़ा रूप। । वत्त, बत्तड़ी-देखो 'बात'। बत-देखो 'बात' । | बत्ती-स्त्री० [सं० वति] १ दीपक, चिराग ।२ विद्युत से मतक-पु० [सं० वर्तक] १ एक प्रकार का जल पक्षी । जलने वाला चिराग । बल्ब । ३ चिराग में जलने वाला २ शराब रखने की सुराई। -वि. लाल । सूत या रुई। ४ रुई या सूत का मोटा डोरा । ५ मोमबत्ती। बतकाव-देखो 'बतळाव' । ६ अगरबत्ती । ७ छाजन में लगने का घास का पूमाल या बतख-देखो 'बतक'। पाक की लकडियां । ८ बंदूक, तोप मादि का पलीता । ९ धाव में भरने को रुई या कपड की धज्जी । बतगाव-देखो 'बतळाव'। बत्तीस-वि० [सं० द्वाविंशत] तीस और दो।-पु. तीस व दो बतरी-स्त्री. १ रहट के घेरे में लगने वाली लोहे की एक कोल | की संख्या, ३२। विशेष । २ जूए में लगने वाली एक कील । बत्तीसका-देखो 'बत्तीसी' । बतळ-देखो 'वंतळ'। बत्तीसमौ (वौ)-वि० बत्तीस के स्थान वाला, इकत्तीस के बाद बतळाणी (बी), बतलारणी (बी)-क्रि० [सं०वार्तन] १ सम्बोधन | वाला। करना । २ पूछना, प्रश्न करना। ३ हाल चाल पूछना। बत्तीसियो-वि० १ बत्तीस दांतों वाला । २ बत्तीस अंग या ४ बोलना। ५ किसी से भागे होकर बोलना। ६ विचार- भागों वाला । ३ बत्तीस लक्षणों वाला, सर्वगुणी। -पु. विमर्श या बात-चीत करना । ७ देखो 'बताणी' (बी)। । १ एक पक्षी विशेष.। २ देखो 'बत्तीसौ' । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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