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बत्तीसेक
( १७३ ।
बदबू
बत्तीसेक-वि० बत्तीस के लगभग ।
भाग्य वाला । अभागा। हतभाग्य। -किस्मती-स्त्री. बत्तीसी-स्त्री०.१ मनुष्य के मुंह में ऊपर-नीचे स्थित दंत | बुरे भाग्य । प्रभाग्य । -खोर, खोरी-वि० दुष्ट, नीच ।
पंक्तियां । २ बत्तीस दांतों का समूह । ३ एक ही प्रकार की कमीना । हरामी। -स्वाह-वि० बुराई चाहने वाला । बत्तीस वस्तुओं का समूह । ४ बत्तीस छंदों का समूह । अहित चितक । शत्रु, विपक्षी। -चलण (न)-वि० कुमार्ग ५ विवाह के अवसर पर वर-कन्या के ननिहाल वालों को गामी, वेश्यागामी । दुश्चरित्र । -चलणी (नी)-स्त्री० दिया जाने वाल विशेष निमंत्रण । ६ वैवाहिक निमंत्रण, बुरा आचरण । व्यभिचार । वेश्यागमन । -जबांन-वि० कुम-कुम पत्रिका।
गंदी भाषा बोलने वाला। गाली देने वाला । कटुभाषी। बत्तीसौ-वि० (स्त्री० बत्तीसी) १ शक्तिशाली, समर्थ । २ चतुर --जात-वि० नीच कुलोत्पन्न । कमीना, नीच, दुष्ट ।
पंडित । ३ विद्वान । -पु. १ नर बलि के लिये निश्चित बदमाश । -तमीज-वि० अनुचित पाचरण करने वाला। मनुष्य । २ बत्तीस पदार्थों के मिश्रण से बना अफीम । प्रशिष्ट, असभ्य । नीच, ढोट, धष्ट । -तमीजी-स्त्री० ३ बत्तीस सुगंधित पदार्थों से बना धूप । ४ बत्तीस पौष्टिक अशिष्टता । धृष्टता, नीचता । -विमाग-वि० तुनक पदार्थों से बना खाद्य पदार्थ । ५ बत्तीस की संख्या वाला मिजाज, चिड़चिड़ा । अड़ियल । घमण्डी।-दिमागी-स्त्री. वर्ष । ६ एक छन्द विशेष ।
चिड़चिड़ापन । घमण्ड । अड़ियलपन । -नसीव-वि० बसेरो-वि. १ विशेष प्रधिक । २ देखी 'वतेरौं'।
बुरे भाग्य वाला । अभागा । -नसीबी-स्त्री० बुरे भाग्य । बत्थ-देखो 'बाथ'।
प्रभाग । -नीत, नीयत-वि० बुरी नीयत या भावना बत्युविजा-स्त्री. वास्तु विद्या।
वाला । बईमान । लोभी, छलिया । दुष्कर्मी। नीयतीबत्रा-वि० बिखरा हुआ।
स्त्री० बुरी नीयत या भावना। बत्रारि-पु० [सं० वृत्र-परि] इन्द्र ।
बवगांठ-स्त्री० [सं० वर्म-प्रथि] एक प्रथि रोग विशेष । बत्रीसलक्षणो-देखो 'बत्तीसलखणो' ।
बदरणी-१ देखो 'बंधणी' । २ देखो 'बधणो' । बत्सर-देखो 'वत्सर'।
बदरणी (बी)-१ देखो 'वदरणी' (बी) । २ देखो 'बधरणी' (बी)। बथ-देखो 'बाथ'।
बदतर-वि० [फा०] अपेक्षाकृत तुच्छ, हेय, नीच, खराब । बथकड़-पु० १ मल्ल युद्ध । २ देखो 'बाथ ।
दुदुमा-स्त्री० [फा० बद+प्र. दुपा] १ प्रशुभ कामना, बधणौ (बौ)-क्रि० मिलना, प्राप्त होना ।
अशुभ चितन । २ अभिशाप, दुराशीश, शाप । ३ हाय । बपी-पु. [सं० वास्तुकम्] १ अधिकतर गेहूं व जौ के खेतों में
बदन-पु० [अ०] १ शरीर, देह, तन । २ देखो 'वदन'। होने वाला एक पौधा । २ उक्त पौधे का पत्ता।
बदनाम-वि० [फा०] १ कुख्यात । २ अपने प्राचरण के प्रति बधारणौ (बी)-क्रि० १ भिड़ना, युद्ध करना। २ मल्ल युद्ध
अप्रतिष्ठित, बेइज्जत । ३ निन्दित, अपकीति वाला। करना।
बदनामी-स्त्री० [फा०] १ बदनाम होने की अवस्था या भाव । बयुनो, बथुवी-पु. १ एक छंद विशेष । २ देखो 'बथवी'। २ निन्दा, अपकीति । ३ कुख्याति, अप्रतिष्ठा, बेइज्जती । बधूडणी (बौ)-क्रि० १ छानबीन करना, खोज करना । २ळूस- बदनीयत-[सं०] धोखेबाज, कपटी, छल करने वाला।
ठूस कर खाना । ३ इकट्ठा करना । ४ कुश्ती लड़ना, बदनौ-वि० १ बदन का, बदन संबंधी । २ शरीरधारी, धक्का देना। ५ छीनना।
देहधारी । ३ मुहवाला। बघूळ, बळियो, बळी-पु० [सं० वातुल] चक्कर खाती हुई | बदन्न-देखो 'बदन' ।
तेज चलने वाली हवा । वायु का गुल्म । वातचक्र । बदपरहेज-वि० [फा०] कुपथ्य लेने वाला। बथोबथ-देखो 'बाथोबाथ'।
बदपरहेजी-स्त्री० [फा०] १ कुपथ्य का सेवन । २ कुपध्य । बज्य-देखो 'बाथ'।
बदफैल-वि० [फा०] १ बदमाश, उद्दण्ड । २ दुष्कर्मी । .. बद-वि० [फा० बद] १ दुष्ट, नीच, मनहस । २ उपद्रवी, बदफैली-स्त्री० [फा०] १ बदमाशी, उद्दण्डता। २ दुष्कर्म ।
फिसादी। ३ बुरा, खराब । ४ देखो 'वद'। -अमल-वि० ३ व्यभिचार । दुष्कर्म करने वाला। बुरे कर्म करने वाला । -प्रमली-स्त्री.
| बदबखत-वि० [फा०] जिसका वक्त बुरा हो। प्रभागा । कुप्रबंध । अव्यवस्था । बुरा शासन । अराजकता । | बबबसती-स्त्री० [फा०] बुरा वक्त । प्रभाग । -इंतजाम, इंतजामी-स्त्री० अव्यवस्था । अराजकता , बदबू, बदबोई, बदबोय(बोह), बदबो-स्त्री॰ [फा०बदबू] १ बुरी -कार-वि० दुष्कर्मी, कुकर्मी । दुराचारी। -कारी-स्त्री० | गंध, दुर्गन्ध । २ अपकीर्ति, बुराई। -वार-वि०-दुर्गन्ध । कुकर्म । दुराचार । व्यभिचार । -किस्मत-वि० बुरे युक्त ।
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