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फरक
( १३५ )
फरळणी
फरक-पु० [अ०फर्क] १ अन्तर । २ दूरी, फासला। ३ पार्थक्य, फरण-स्त्री० [देश॰] १ घूमने या चक्कर काटने की क्रिया या
पृथकता, अलगाव । ४ भेद, भिन्नता । ५ भेद-भाव, भाव । २ ध्वनि विशेष । ३ स्फुरण। परायापन, दुराव । ६ विभिन्नता, विशेषता। ७ कमी, | फरणफट-क्रि०वि० शीघ्रता से, तेजी से, त्वरा से । न्यूनता । ८ हेर-फेर, परिवर्तन। ९ असर, प्रभाव । फरणाट (फरणाटौ)-स्त्री० १ शीघ्रता, तेजी, तेज गति । १० हिसाब-किताब का अन्तर । ११ एक संख्या से दूसरी २ ध्वनि विशेष । ३ फनफनाहट । संख्या घटाने से निकलने वाला शेष । १२ दो वस्तुओं की फरणाहट-क्रि वि० शीघ्रता से, तेजी से ।। विषमता। १३ सुधार । १४ उन्नति या अवनति की दशा। फरणो (बौ)-देखो 'फिरणो' (बो)। १५ ध्वज, झडा।
फरती-स्त्री० १ वेश्या, रण्डी । २ व्यभिचारिणी स्त्री। फरकणो (बो)-देखो 'फड़कणो' (बो)।
फरद, फरदी-देखो 'फड़द'। फरकारणो (बी)-देखो 'फड़कारणो' (बौ) ।
फरफर-स्त्री० [अनु॰] १ वस्त्रादि के हवा में उड़ने की क्रिया। फरकावरणौ (बी)-देखो 'फड़काणो' (बी)।
२ इस प्रकार उड़ने से उत्पन्न ध्वनि । ३ एक प्रकार का फरकी-देखो 'फिरकी' ।
खाद्य पदार्थ । फरकीवाड़ो, फरकेडो-पु० [देश॰] १ भूमि आदि का हल्का फरफराणौ (बौ)-क्रि० १ वस्त्रादि को हवा में उड़ाना, ध्वज
सूखापन । २ कई दिन की वर्षा के बाद निकलने वाली धूप। का लहराना । २ किसी खाद्य पदार्थ को हल्को पाच फरको-वि० [देश॰] १ हल्का नमकीन, चटपटा, चरपरा । पर सेंकना।
२ हल्का-फुल्का । ३ कम गीला । ५ स्वच्छ, निर्मल । फरफरियो, फरफरौ-वि० (स्त्री० फरफरी) १ मामूली सूखा, -पु० नमकीन खाद्य पदार्थ ।
फरफरा । २ हल्का नमकीन व चटपटा। ३ हल्का-फुल्का । फरक्कणी (बी)-देखो 'फड़करणो' (बौ)।
४ पतला, क्षीण । ५ बनावटी. काल्पनिक । ६ सुडौल । फरगट, फरगटो, फरगट्ट-पु.[देश॰]१ तिरछी चितवन, नजारा। फरमाण, फरमान-पु० [फा० फर्मान] १ राज्याज्ञा, शासन का
२ घोड़े की चाल विशेष । ३ एक प्रकार का लोक नृत्य । हुक्म । २ प्रादेश, प्राज्ञा-पत्र । ३ विनती, मर्ज । ४ तमक । ५ चक्कर, घुमाव, वृत्त ।
फरमांबरदार, फरमांवरदार, फरमांवरदारु-वि० फरड़-देखो 'फडड' । .
[फा० फर्माबरदार] प्रादेश या हुक्म मानने वाला। फरकणी (बी)-क्रि० १ घोड़े, गधे आदि के नाक से तेज श्वास | फरमाइस, फरमाईस-स्त्री० [फा० फार्माइश] १ प्राज्ञा आदेश ।
लेने से ध्वनि होना । २ क्रोध में अनुपयुक्त बातें कहना।। २ इच्छा, मांग। ३ अपान वायु की ध्वनि होना ।
फरमाणौ (बौ)-क्रि० [फा० फर्मान्] १ कहना। २ आज्ञा देना फरड़को, फरहाट, फरहाटौ-पु. १ क्रोध में कही हुई बात, दो। आदेश करना। ३ इच्छा बनाना। ४ मांग करना।
टूक बात । २ घोड़े, गधे प्रादि के नाक की तेज प्रावाज । ५ विनती, अरज करना । ६ कुछ करना । ३ देखो 'फडड' .
फरमाबरदार-देखो 'फरमाबरदार' फरड़ाहक, फरड़ाहट-देखो ‘फड़ड़'
फरमावरणौ (बो)-देखो ‘फरमारणौ' (बौ)। फरड़ी-स्त्री० [देश॰] बालों या सिट्टों सहित काटे हुए |
फरमास-देखो 'फरमाइस' । ___ बाजरी के पौधे ।
फरयाद-देखो ‘फरियाद' ।
फरयादी-देखो 'फरियादो'। फरडो-पु० [देश॰] १ ऊंट का पदाघात । २ डंठल । फरजंद-पु० [फा० फ़र्जन्द] १ पुत्र, लड़का, बेटा । २ संतान । ।
फरर-स्त्री. १. ध्वजा, पताका प्रादि हवा में उड़ने की क्रिया।
२ इस क्रिया से उत्पन्न ध्वनि । ३ देखो 'फररी' । फरज-पु० [फा० फर्ज]१ कर्तव्य, धर्म । २ कर्म, अनिवार्य कर्म । ३ मुसलमानों के अनिवार्य धार्मिक कार्य । ४ ऋणभार ।
| फररणौ (बौ)-देखो ‘फरहरणी' (बो)। ५ काल्पनिक व अनुमानित बात । ६ एहसान ।
फरराट (टो)-स्त्री० फर-फर या सर-सर को ध्वनि । तीव्र [अ० 'फ़र्द] हुक्मनामा, प्रादेश ।
गति का भाव । फरजन, फरजन्न, फजिव-१ देखो 'फरजंद' । २ देखो 'फरज'। फररी-स्त्री० [देश॰] १ छोटी पताका, झण्डी । २ भाले पर लगी
झण्डी। ३ देखो 'परसु' । फरजि, फरजी-वि० [फा० फर्जी] १ जो असली या मूल न
हो, नकली । २ झूठा, असत्य, जाली। ३ कल्पित ।। फररी-पु० १ संकेत, इशारा । २ देखो 'फररी' । ४ नाम मात्र का, सत्ताहीन । -पु० शतरंज का एक मोहग। | फरळणी (बौ)-देखो 'फुरळणी' (बी)।
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