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प्रसंसा
। १२२ )
प्रसिद्धता
प्रससा-स्त्री० [सं० प्रशंसा] १ अच्छे कार्य या गुणों की बड़ाई, | प्रसरणी (बी)-देखो 'पसरणी' (बी)। तारीफ, श्लाघा । २ यश, कीति । ३ स्तुति ।
प्रसव-पु० [सं०] १ प्रजनन क्रिया । २ उत्पत्ति, जन्म । प्रसण-१ देखो 'प्रसन्न' । २ देखो 'प्रस्न' । ३ देखो "पिसण'। ३ बच्चा । ४ पुष्प, फूल । प्रसरणांण. प्रसरणायण-देखो 'पिसण' ।
प्रसवणी (बी)-क्रि० [सं० प्रसवनम्] १ बच्चा उत्पन्न करना, प्रसरणी-स्त्री० [सं० पृश्निः] श्रीकृष्ण की माता देवकी का एक जनना, जन्म देना । २ उत्पन्न करना, पैदा करना। नामान्तर । २ देखो 'प्रस्नि' ।
प्रसस्त-वि० [सं० प्रशस्त] १ प्रशंसनीय । २ प्रशंसित । प्रसरणीप्रम-देखो 'प्रस्निग्रभ'।
३ सर्वोत्तम, श्रेष्ठ । ४ कृत-कृत्य । ५ स्पष्ट, साफ। प्रसत-वि० प्रकट, प्रत्यक्ष, जाहिर । -पु० [सं०पृषत्] १ जल या ६ विस्तृत, चौड़ा।
किसी द्रव पदार्थ को बूद। कतरा। २ दाग, धब्बा। प्रसस्ति-स्त्री० [सं० प्रशस्ति] १ प्रशंसा, बड़ाई। २ यश, ३ चित्तीदार हिरण ।
कीति । ३ कीति के रूप में लिखित पत्र, कविता या गीत । प्रसतर-देखो 'प्रस्तर'।
४ कीर्तिगान, विरुदावली। प्रसतांनो-देखो 'प्रस्थानी'।
प्रसारण-देखो "पिसण'। प्रसतार-देखो प्रस्तार'।
प्रसांत-वि० [सं० प्रशान्त] १ चंचलता रहित, स्थिर, शांत । प्रसताव-देखो 'प्रस्ताव'।
२ शांत व निश्चल वृत्ति वाला । ३ वशीभूत, दमनित । प्रसारण-देखो 'प्रस्थान'।
-पु० एशिया व अमेरिका के बीच का एक महासागर । प्रसद (ध)-स्त्री० [सं० पृषत्] १ नदी। २ देखो 'प्रसिद्ध'। प्रसांति-स्त्री० [सं० प्रशांति शांति, स्थिरता।। ३ देखो 'प्रसिद्धि'।
प्रसाख, प्रसाखा-स्त्री० [सं० प्रशाखा] किसी बड़ी शाखा की प्रसन-१ देखो 'प्रसन्न' । २ देखो 'प्रस्न'। ३ देखो 'पसंद'।
शाखा, उपशाखा। प्रसनता-देखो 'प्रसन्नता'।
प्रसाच-देखो 'पिसाच'। प्रसना-स्त्री० [सं० प्रसन्ना] मदिरा, शराब ।
प्रसाद-पु० [सं०] १ देव प्रतिमा के आगे चढ़ाया जाने वाला प्रसनाइ (ई)-देखो 'प्रसन्नता'।
मीठा पदार्थ प्रादि, नैवेद्य । २ नैवेद्य स्वरूप या साधुनों, प्रसनोतर, प्रसनोत्तर-देखो 'प्रस्नोत्तर'।
भक्तों के भोजनार्थ बनाया हुमा खाद्य पदार्थ । ३ देवता या प्रसन्न-वि० [सं०] १ खुश, हर्षित, प्रानन्दित । २ संतुष्ट । |
गुरु के अनुग्रह से प्राप्त वस्तु। ४ उपकार, भलाई। ३ पवित्र, शुद्ध । ४ निर्मल, स्वच्छ । ५ चमकीला।। ५ अनुग्रह, कृपा। ६ वरदान । ७ कारण। ८ भोजन । ६ साफ, स्पष्ट । ७ सत्य, सही। ८ शुभ। ९ कृपालु ।
९ काव्य का सुबोधगम्य होने का गुण। १० एक मात्रिक १० बोधगम्य । -मुख-वि० जिसका चेहरा खुशी से
छन्द विशेष । ११ देखो 'प्रासाद'। खिला रहता हो । हंसमुख ।
प्रसादक-वि० [सं०] १ अनुग्रह करने वाला। २ मानन्द बढ़ाने प्रसन्नता-स्त्री० [सं०] १ खुशी, हर्ष, आनन्द । २ संतुष्टि ।
व प्रसन्न करने वाला। ३ निर्मलता । ४ कृपा, अनुग्रह ।
प्रसावी-स्त्री. १ नैवेद्य । २ प्रसाद के रूप में प्राप्त वस्तु । प्रसन्नांध-पु० [सं०] घोड़ों का एक रोग।
३ नैवेद्य के रूप में बांटा जाने वाला पदार्थ। ४ तीर्थ प्रसन्नियप्रम-देखो 'प्रस्निगरभ' ।
यात्रा से लौटकर किया जाने वाला बड़ा भोज । प्रसन्नी-वि० प्रसन्न होने वाली, खुश रहने वाली। -स्त्री० प्रसाधन-पु० [सं० प्रसाधनम्] १ सजावट का सामान । [सं० पृश्निः] श्रीकृष्ण की माता का एक नाम ।
२ सजावट । ३ शूगार । ४ शगार की सामग्री। ५ कंघी। प्रसपधन्वा-देखो 'पुस्पधन्वा'।
६ वेश। प्रसम-पु० [सं० प्रसभम्] १ हठ, दुराग्रह । २ छल, कपट । प्रसार-पु० [सं०] फैलाव, विस्तार । प्रसम-पु० [सं० प्रशम] १ शांति । २ शमन, उपशम । प्रसारणौ (बौ)-क्रि० १ स्पर्श कराना, छुमाना। २ देखो प्रसमन-पु० [सं० प्रशमन्] शांति, शमन ।
'पसारणो' (बो)। प्रसर-अव्य० [सं० प्रसर] १ शीघ्र, जल्दी। २ निरंतर, प्रसिटि, प्रसिटी-पु० [सं० प्रेष्ठ] पति।
लगातार । -पु. १ वेग, गति, तेजी। २ निरंतर चाल। प्रसिद्ध-वि० [सं०] १ विख्यात, मशहूर । २ जिसकी ख्याति ३ अभिव द्धि, विकास, प्रगति । ४ विस्तार, फैलाव हो। ३ जिसे ज्यादा लोग जानते हों। ४ देखो 'प्रसिद्धि'। ५ वात, पित्त प्रादि दोषों का संचार, घटाव-बढ़ाव। | प्रसिद्धता-स्त्री० [सं०] १ ख्याति, प्रसिद्धि । २ प्रभावपूर्ण होने ६ व्याप्ति । ७ राशि, समूह । प्रधानता ।
की अवस्था। ३ यश कीति ।
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