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प्रबह
( १२१ )
प्रसंसरणी
प्रबह-पु० [सं०] १ धारा। २ पवन, हवा । ३ सात प्रकार के | प्रवीण-वि० [सं०] १ किसी कार्य में दक्ष, निपुण । २ चतुर, पवनों में से एक।
बुद्धिमान । ३ गाने-बजाने का कलाकार । ४ कार्य का अच्छा प्रबहरण-पु० [सं०प्रवहणम्] १ पर्दादार गाड़ी, पालकी या डोली। जानकार । -पु. १ पंडित । २ कवि । ३ वीणावादक । २ जहाज, नौका, पोत ।
प्रवीणता-स्त्री० निपुणता, चतुराई, दक्षता । बुद्धिमानी । प्रवाण-देखो 'प्रमाण'।
प्रवीत-देखो 'पवित्र'। प्रवाणी-देखो 'परवाणी'।
प्रवीन-देखो 'प्रवीगा'। प्रवाड़-देखो 'प्रवाड़ो'।
प्रवीर-पु० [सं० प्रवीर:] वीर पुरुष, बहादुर व्यक्ति, योद्धा। प्रबाड़मल (मल्ल)-पु० योद्धा, वीर ।
प्रवेस-पु० [सं० प्रवेश] १ किसी के अन्दर जाने की क्रिया या प्रवाडि-स्त्री० प्रदक्षिणा, परिक्रमा ।
भाव । घुसना क्रिया। २ अन्तनिवेस । ३ समावेश । प्रवाडौ, प्रवाड-पु० [सं० प्रवाद] १ युद्ध, लड़ाई, संग्राम । ४ गति, रसाई, जानकारी। ५ दूसरे के काम में दखल ।
२ वीरतापूर्ण कार्य, बहादुरी का काम । ३ शौर्य, पराक्रम । ६ किसी कार्य में संलग्नता। ७ रंगमंच पर पात्र की ४ कीति, यश वर्धक कार्य । ५ कीर्ति, यश। ६ विजय, उपस्थिति । ८ द्वार। ९ सूर्य का किसी राशि में संक्रमण । जीत । ७ दैविक, चमत्कारिक कार्य ।
-द्वार-पु० प्रवेश करने का रास्ता, द्वार । प्रवाद-पु० [सं० प्रवादः] १ वार्तालाप, संवाद । २ बातचीत । प्रवेसक-वि० [सं० प्रवेशक] १ प्रवेश करने या घुसने वाला।
३ अफवाह, जनश्रुति । ४ वर्णन । ५ शब्दोच्चारण। २ प्रवेश कराने या घुसाने वाला। ६ निन्दा।
प्रव्रज्या-स्त्री० [सं०] गृहस्थाश्रम छोड़कर संन्यास लेना। प्रवाळ-देखो 'प्रबाळ'।
प्रवत्त-वि० [सं० प्रवृत्त] १ कहीं लगा हुआ, झुका या मुड़ा प्रवाळक-वि० [सं०] १ लाल, रक्ताभ । २ प्रवाल के रंग का। हुआ । २ किसी में संलग्न । प्रवाळड़ो, प्रवाळियौ-देखो 'प्रबाळ' ।
| प्रवत्ति-स्त्री० [सं० प्रवृत्ति] १ मन की वृत्ति । मनोदशा । प्रवाळी-पु० [सं० प्रवालम्] १ नवीन पत्ते, कोंपल, किसलय । २ वृत्ति का किसी ओर झुकाव, लगाव । ३ प्रवाह, बहाव । २ देखो 'प्रबाळी'।
४ झुकाव । ५ उन्नति, बढ़ती। ६ उत्पत्ति । उद्गम । प्रवास-पु० [सं०] १ परदेश या विदेश में निवास, परदेश-वास । | ७ उदय, प्राकटय । ८ आरंभ । ९ लगन, रुझान । २ देश निर्वासन ।
१० चालचलन, प्राचरण। ११ काम धंधा । १२ भाव, प्रवासी-पु० [सं० प्रवासिन्] १ यात्री, पथिक, बटोही । २ परदेश अर्थ । १३ सांसारिक विषयों में अनुरक्ति। १४ वृत्तान्त, में बसने वाला।
हाल । १५ प्रारब्ध, भाग्य । १६ बोध । १७ हाथी का प्रवाह-पु० [सं०] १ पूर्ण वेग से बहने वाली बड़ी जल धारा ।
मद । १८ जीवनयापन का ढंग । १६ यज्ञ, पूजादि धार्मिक २ जल का बहाव । ३ जल या किसी द्रव पदार्थ के बहाव
कार्य। की तेज गति । ४ नदी। ५ सोता। ६ गति, गमन, चाल ।। प्रवद्ध-वि० [सं० प्रवृद्ध] १ पूर्ण बूढ़ा, वृद्ध । २ वृद्धि युक्त। ७ किसी कार्य प्रादि का निरन्तर चलने वाला क्रम ।
३ फैला हुमा, विस्तृत । ४ अहंकारी, अभिमानी। -पु. ८ स्नान। ९ दान ।
तलवार के ३२ हाथों में से एक । प्रवाहणी (बी)-क्रि० [सं० प्रवाहनम्] १ जल धारा में बहाना। प्रसंग(घ)-पु० [सं०प्रसंङ्ग]१ अनुराग,प्रासक्ति ।२ संसर्ग, संपर्क । २ रुके हुए को गति देना ।
३ संबंध, रिश्ता। ४ मेल-मुलाकात । ५ अनुचित संबंध, प्रवाहिका-स्त्री० [सं०] पेट का एक रोग विशेष ।
लगाव । ६ वार्ता, विषय । ७ विवादग्रस्त व चर्चा का विषय । प्रवाही-वि० [सं० प्रवाहिन्] जो प्रवाह में बह रहा हो। जिसमें
८ संभोग, मैथुन । ६ मौका, अवसर। १० प्रकरण ।
११ हेतु, कारण। प्रवाह हो।
प्रसंगी (घी)-वि० [सं० प्रसंगिन्] १ जिसका प्रसंग चल रहा प्रवित (ति, त, ती)-देखो 'पवित्र' ।
हो। २ प्रसंग युक्त। ३ सम्बन्धी, रिश्तेदार। ४ अनुरक्त, प्रविदारण-पु० [सं० प्रविदारणम्] युद्ध, लड़ाई ।
___ प्रासक्त । ५ संभोग करने वाला। प्रविसरणी (बी)-क्रि० [सं० प्रविश] प्रवेश करना, घुसना । । प्रसंध-प० शरीर की रचना, शरीर का गठन । प्रविस्ट (स्ठ)-पु० [सं० प्रविष्ट ] प्रवेश, दाखला । -वि०१ प्रवेश प्रसंसक-वि० [सं० प्रशंसक] तारीफ या प्रशंसा करने वाला, किया हुमा, घुसा हुमा । २ अन्दर गया हुअा। ३ संलग्न ।
प्रशंसक। ४ समाहित ।
| प्रमंसरणौ (बो)-क्रि० [सं० प्रशंसनम् ] तारीफ या प्रशमा करना ।
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