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प्ररोप
( १२० )
प्रवरतारणो
प्ररोप-पु० [सं०] तीर, बांण ।
प्रलोक-देखो ‘परलोक'। प्ररोह-पु० [स०] अंकुर ।
प्रळोणी (बी)-क्रि० [सं० प्रलोठनम्] १ लौटना-पोटना । प्ररोहणी (बो)-क्रि० [सं० प्ररोहणम्] १ उदय होना, उठना । २ धारण करना। २ अंकुरित होना, उगना।
प्रलोप-पु० [सं०] लोप। प्रलंद-देखो 'पुरंदर।
प्रलोभ-पु० [सं०] अत्यन्त लोभ, अधिक लालच । प्रळब, प्रलंब-वि० [सं० प्रलंब १ नीचे की ओर लटकता हुआ | प्रलोभक-वि० [सं०] अधिक लालच देने या करने वाला।
लंबा। २ बड़ा लम्बा। ३ सुस्त । ४ दीर्घ सूत्री। -पु० प्रलोमन-वि० [सं०] १ लोभ, लालच । २ लालसा, तीव्र इच्छा। १ बलराम द्वारा मारा गया एक दैत्य । २ लटकाव, ३ पाकर्षण । झुलाव । ३ शाखा, डाली। ४ कण्ठहार । ५ फूल माला । प्रळोभी-वि० [सं० प्रलोभिन्] १ लोभी, लालची, लालायित ६ स्त्री के कुच । ७ जस्ता, सीसा ।
रहने वाला। २ आकर्षित होने वाला। प्रलंबन-पु० [सं० प्रलंबनम् ] सहारा, प्रवलंबन ।
प्रळो-देखो 'प्रळय'। प्रलंबी-पु० [सं० प्लवंग] १ बन्दर, मर्कट । २ देखो 'प्रलंब'। प्रल्लय-देखो 'प्रळय'। प्रलंभन-पु० [सं० प्रलंभ] छल, कपट, धोखा ।
प्रल्लाद, प्रल्हाद-देखो 'प्रहलाद' । प्रळ-देखो 'पळ'।
प्रवंग-पु० [सं०] घोड़ा, अश्व । प्रळइ, प्रळउ, प्रलइ, प्रलउ-देखो 'प्रळय' ।
प्रवंचक-वि० [सं०] ठग, धोखेबाज, चोर, धृतं । प्रलपन-पू०[सं०प्रलपनम्] १ वार्तालाप, बातचीत । २ संभाषण । | प्रवंचना-स्त्री० [सं०] ठगी, धोखा, चोरी, धूर्तता। ३ गप्प-शप्प। ४ प्रलाप, बकवाद ।
प्रव-देखो 'परव' । प्रळयकर-वि० [सं०प्रलय-कर] प्रलय मचाने वाला, विनाशकारी।
प्रवचन-पु० [सं०] १ किसी विषय को समझाने के लिए दिया प्रळय-पु० [सं० प्रलय] १ न रहने की स्थिति व अवस्था, लय, विलीन। २ पृथ्वी व दृश्य जगत का जल में विलीनी-1
जाने वाला वक्तव्य । २ व्याख्यात्मक भाषण। ३ धार्मिक
| विषयों का उपदेश । करण । कल्पांत में संसार का नाश। ३ कोई बड़ा विनाश होना। ४ भयंकर प्राकृतिक प्रकोप के कारण जन धन की प्रवत-पु. पानी, जल। भारी क्षति । ५ संहार, विनाश, ध्वंस । ६ साहित्य में एक प्रवदारुण-देखो 'प्रविदारण'। सात्विक अनुभाव। ७ मूर्छा, बेहोशी। ८ मृत्यु, मौत। प्रवयण-पू०[सं०] १ बैल हांकने का डंडा, प्रेरणिका । २ चाबुक । -कार-पू० नाश, विनाश, ध्वंस, संहार ।-काळ-पु. ३ अंकूश । संसार के नाश का समय, कल्पांत। विनाश की घड़ी।
प्रवर-वि० [सं०] १ महिमान्वित । महिमा वाला। २ श्रेष्ठ, -काळी-वि० विनाशकारी। -झळ-पु० प्रलयकाल की
उत्तम । ३ मुख्य, प्रधान। ४ आयु में सबसे बडा । ज्वाला अग्नि । विनाशकारी अग्नि ।
५ वरिष्ठ । -पु० १ गोत्र प्रवर्तक ऋषि । २ पूर्व, पुरुष । प्रळयांतक-पु० [सं०] चौसठ भैरवों में से एक ।
३ संतति, वंशज, संतान । ४ वंश, कुल । ५ अग्नि संस्कार प्रळयानळ-पु० [सं० प्रलय मनिल] प्रलयकाल की वायु ।
का मंत्र विशेष । प्रळाद-देखो 'प्रहलाद'। प्रळाप-पु० [सं० प्रलाप] १ वार्तालाप, संवाद । २ व्यर्थ की| प्रवरत-पु० [सं० प्रवर्त] कार्यारंभ, प्रारंभ । बकवाद । ३ विलाप, रुदन ।
प्रबरतक-वि० [सं० प्रवर्तक] १ किसी कार्य या बात को शुरू प्रळापक-वि० [सं० प्रलापक] प्रलाप करने वाला। विलाप
करने वाला। २ किसी कार्य की प्रेरणा देने वाला। करने वाला। -पु. एक प्रकार का सन्निपात रोग ।
३ किसी मत को चलाने वाला। ४ किसी सिद्धान्त को प्रलेप-पु० [सं० प्रलेपः] १ लेपन, उबटन । २ मरहम ।
प्रचलित करने वाला। ५ कार्य का संचालक । ६ उत्साह प्रळ-देखो 'प्रळय' । -कार='प्रळयकार' । -भळ=
देने वाला । ७ गति देने वाला। नया प्राविष्कार करने 'प्रळयझळ'।
वाला। प्रख्वातार-पु० [सं० प्रलयदातार] महादानी, बड़ा दान करने | प्रवरतणो (बी)-क्रि० [सं० प्रवर्तनम् १ फैलना, प्रवृत्त होना। वाला।
२ लेन-देन में माना, व्यवहार में माना । चलन में माना । प्रळमेघ-पु० [सं० प्रलयमेघ] प्रलय के समय भयंकर वर्षा करने | प्रवरतारणी (बी)-क्रि० [सं० प्रवर्तनम्] १ फैलाना, प्रवर्तन वाले मेध ।
कराना । २ व्यवहार में लाना, चलाना।
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