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प्रसिद्धि
( १२३ )
प्रस्सरणी
प्रसिद्धि-स्त्री० [सं०] १ प्रसिद्ध होने की अवस्था, ख्याति । | प्रस्ताविक-वि० [सं०] प्रस्ताव संबंधी, प्रस्ताव का। -पु. २ यश, कीर्ति । ३ सजावट, शृगार । ४ सफलता।
१ काव्य का एक भेद । फुटकर काव्य । २ पूर्वापर संबंध प्रसिध-१ देखो 'प्रसिद्ध' । २ देखो प्रसिद्धि'।
रहित वार्तालाप । प्रसिधि प्रसिधी-देखो 'प्रसिद्धि'।
प्रस्तावित-वि० [सं०] जिसका प्रस्ताव किया गया हो, जो प्रसुन-देखो 'प्रसून'।
प्रस्ताव के लिये रखा गया हो। प्रसू-स्त्री० [सं०] माता, जननी ।
प्रस्तावू-वि० १ प्रस्ताव के तौर पर कहा हमा। २ प्रस्ताव के प्रसूत--वि० [सं०] १ उत्पन्न, पैदा, जनित । २ संजात । -पु० ढंग का । ३ प्रस्ताविक ।
१ संतान, प्रौलाद । २ देखो 'प्रसूति' । ३ देखो 'प्रसूता'। प्रस्तावो-देखो 'प्रस्ताव' । प्रसूता-स्त्री० [सं०] जच्चा स्त्री।
प्रस्तुत-वि० [सं०] १ तैयार, मौजूद, उपस्थित, वर्तमान । प्रसूति-स्त्री० [सं०प्रसूतिः] १ प्रस्व, जनना क्रिया। २ उद्भव ।। २ जो समीप या सामने हो। ३ प्रारंभ किया हमा। ३ संतान । ४ उत्पत्ति, पैदावार । ५ माता, जननी ।
४ पूर्ण । ५ वरिणत । -पु. प्रस्तुत विषय । प्रसूतिका-स्त्री० [सं०] जच्चा ।
प्रस्तुतांकुर, प्रस्तुतालंकार-पु० [सं०] एक अर्थालंकार । प्रसून-पु० [सं०] १ पुष्प, फूल । २ कमल । ३ कली। ४ फल। प्रस्थान-पु० [सं० प्रस्थानम्] १ कूच । २ गमन, यात्रारंभ, प्रसेणिय, प्रसेपी-स्त्री० घोड़ी।
रवानगी । ३ सेना का कूच, प्रयाण । ४ चढ़ाई । ५ जाना प्रसेद-देखो 'प्रस्वेद'।
क्रिया । प्रसेनजीत-पु० [सं०] एक सूर्यवंशी राजा ।
प्रस्थानौ-पु० [सं० प्रस्थानं] १ यात्रा में साथ ले जाने का प्रसेव-देखो 'प्रस्वेद' ।
सामान । २ किसी मुहूर्त को साधने के लिये उक्त सामान प्रस्कन्न-पु० [सं०] घोड़ों का एक रोग।
को यात्रा से पूर्व कहीं पर रखने की क्रिया । प्रस्ट-देखो 'प्रिस्ट'।
प्रस्थापन-पु० [सं०] १ रवानगी, विदाई । २ स्थापना, सिद्ध प्रस्टवस-स्त्री० [सं० पृष्टवंश] रीढ़ की हड्डी ।
- करना, स्थापित करना। प्रस्टा-वि० [सं० पृष्टा] प्रश्न पूछने वाला।
प्रस्थाव-देखो 'प्रस्ताव'। प्रस्टि-पु० [सं० प्रष्टि] तीन घोड़ों के रथ का एक घोड़ा। प्रस्न-पु० [सं० प्रश्न] १ वह वाक्य या शब्द जो कुछ जानने के प्रस्ठ-देखो 'प्रिस्ठ'।
लिये किसी को कहा गया हो, सवाल । २ वह सवाल प्रस्ठोदय-पु० [सं० पृष्ठोदय] पीठ की पोर उदय होने वाली जिसका जवाब अभीष्ट हो। ३ उत्तर पाने के लिये कही छः राशियां।
गई बात । ४ परीक्षा में पूछने की बातें। ५ समस्या । प्रस्तर-पु० [सं०] १ पत्थर, चट्टान । २ चौरस जगह, मैदान ।। ७ न्यायालय में होने वाले विचारणीय विषय ।
३ सेज, शय्या। ४ फूल-पत्तों की सेज । ५ रत्न । ६ देखो प्रस्नि-स्त्री० [सं० पृश्नि] श्रीकृष्ण की माता देवकी का एक 'प्रस्तार'।
नाम । -गरम-पु. श्रीकृष्ण। -भद्र-पु. श्रीकृष्ण प्रस्तांनो-देखो 'प्रस्थांनो'।
का एक नाम। प्रस्ताऊ-देखो 'प्रस्तावू'।
प्रस्नोतर, प्रस्नोत्तर-पु० [सं० प्रश्नोत्तर] सवाल-जवाब का प्रस्तार-पु० [सं०] १ प्रस्ताव, फैलाव । २ चौरस जमीन, |
सिलसिला। मैदान । ३ पिंगल के नव प्रत्ययों में से प्रथम ।
| प्रस्नोतरी, प्रस्नोत्तरी-स्त्री. १ प्रश्न और उत्तर की सूची या प्रस्ताव-पु० [सं०] १ अवसर, मौका। २ समय । ३ विचारार्थ । पुस्तिका । २ प्रश्न व उत्तर दोनों होने वाली वस्तु ।।
कही जाने वाली बात । ४ चर्चा, जिक्र, वर्णन । ५ प्रकरण, प्रस्रवणी (नी)-स्त्री० [सं० प्रस्रसनी] निरन्तर पानी बहते रहने अध्याय । ६ भूमिका, उपक्रम। ७ प्रारंभ, शुरूपात । वाली योनि (वैद्यक)। ८ सलाह मशविरा। ९ विषय, प्रसंग। १० अभिनय से
प्रस्रगद्वार-पु० [सं० प्रसर्गद्वार] सूर्य । पूर्व का प्रसंग । परिचय।
प्रस्ताव-पु० [सं० प्रश्राव] १ झरना । २ पेशाब, मूत्र । प्रस्तावक-वि० [सं०] १ प्रस्ताव करने वाला। २ प्रस्ताव करने
प्रस्वास-पु० [सं० प्रश्वासः] १ नथने से बाहर पाई हुई श्वास । योग्य ।
२ नथने से सांस निकलने की क्रिया । प्रस्तावना-स्त्री० [सं०] किसी विषय या पुस्तक का प्रारंभिक वक्तव्य, भूमिका।
प्रस्वेद-पु० [सं०] पसीना। प्रस्तावि-देखो 'प्रस्ताव' ।
| प्रस्सरणौ (बो)-देखो 'पसरणौ' (बो)।
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