________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 92) वली शोभाहारिरदनावल्यै नमः // // दर० हीरावली शोभाहारिदंतावली पू० // 18 // इति मुख एव पू०॥ वाणीपरिणतमाणिक्यमूर्ति विलसितरसनायै नमः // 19 // वाणीपरिणतमाणिक्यमूर्ति विलसितरसनां पृ० // 19 // मधुस्नपितमूहिक श्रेयःसंपादिनी गिरायै नमः // 20 // मधु० श्रेयःसम्पादिनीगिरां पू० // 20 // मुख एव पु०॥ कमलमुखकर्परवाटिकामोदस्वासोत्स्वास मंत्रनिमंत्रितागत सौंदर्यमकरंदपानलुब्धकामेश्वर नेत्रमूंगाल्यलकावलि युगलायै नमः // 21 // कमल० कामेश्वरनेत्रमूंगाल्यलकावलियुगलं पू० // 21 // नानारसचातुर्यमाधुर्यादि गुणगणोपेतपिकपेश लालापायै नमः // 22 // नाना० पिकपेशलालापं पू० // 22 // वकेंद्रगोपादर्शदण्डातिसुन्दरचिबुकदेशशोभिन्यै नमः // 23 // वकेंद्र० अतिसुन्दरचिबुकदेशं पू० // 23 // त्रिगा मस्थितिनियमसीमत्रिरेखाविलसित मृणालकंधरायै नमः // 24 // त्रिग्राम० मृणालकंधरां पू० // 24 // कामेशबद्धमांग. ल्यमणिसूत्रलसछीकंठायै नमः // 25 // का० मणिसूत्रलस छीकंठं पू० // 25 // अनौपम्योन्नतस्कंध युगलायै नमः // 26 // अनौपम्योन्नतस्कंधयुगलं पू० // 26 // अनेकमणिप्रवेकभास मानहेमांगदहेमरत्न केयरमणिमयवलयादि सर्वस्वर्णाभरणा कलितसंश्रितेप्सितफलदानदक्षकामेश्वराश्लेषित भुजलतिकायै नमः // 27 // अनेक कामेश्वरश्लेषितभुजलतिकाचतुष्टयं पू० 27 // अनयमणिकूर्षायै नमः // 28 // अनर्घ्य मणिकर्पचतुष्टयं प० // 28 // नानारत्नांचितसुवर्णशणिसुव. For Private and Personal Use Only