________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 91 ) मृगनाभिलसहिदुशरत्पूर्णेन्दुवत्रिकायै नमः // 7 // मृग० शरत्पूर्णेन्दुवक्त्रं प० // 7 // चंद्रार्धोन्नतविशालभालस्थलायें नमः ॥८॥चंद्रा० विशालभालस्थलंपू० // 8 // माणिक्य तिलकालिकविलोचनायै नमः॥ 9 // माणिक्य० विलोचनं पू० 9 // कामकार्मुक-युगलायै नमः१०॥कामकार्मुकभ्रयुग. लं पू०॥१०॥कामभस्मकजलकलाकलिताद्भुतचमत्कारकारि कामसंजीवनभक्ताज्ञानदारिद्रदलनवंजुलडगंचलांचितकरुणा शृंगार रसाश्रयचपलेक्षणयुगलायै नमः // 11 ॥काम करुणाशंगार रसाश्रयमंदवी क्षणचपलेक्षण युगलं पू०११॥ नासाग्रमौक्तिकलसितहीरमुक्तामणिगणान्वितनासाभरणाभू. पित चंपकपुष्याभनासिकायै नमः // 12 // नासाग्र० चंपकपुष्पाभनासिकां पू० // 12 // ताटंकमहः प्रतिबिंब तालकालिशोभित मृदुमंजुमाणिक्यादर्शकपोल युगलायैनमः ॥१३॥ताटंक०मृदुमाणिक्यादर्शकपोलयुगलं पु० // 13 // पुरटांचितमुक्ताफल कर्णपूरहेमखचित हीरपुंजचलत्ताट. कोहकितगारुडपत्राकृति कर्ण युगलायै नमः // 14 // पूर टां० गारुडपत्राकारकर्णयुगलं पू० // 14 // स्वमाधुर्य पराकतामृतमाधुर्यसहजातिरिक्ताधरोष्ठपुटायै नमः॥ 15 // स्व० सहजारुणोष्ठाधरपुटं पू० // 15 // प्रफुल्लित पङ्कजमुखायै नमः // 16 // प्रफुलितपङ्कजमुखं पू० 16 // स्मितचन्द्रिकामुखचन्द्रायै नमः॥ 17 // स्मितचंद्रिकामुखचन्द्रं पू० // 17 // इति मुख एवपूजयेत् // दरदलिसारविन्दुसुन्दरमुखशुद्धविद्यांकुरसूक्ष्म समकांतिकारिहीरा For Private and Personal Use Only