________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 49 ) कारको // 26 // कालिकादिरमात्मानौ जगतां पितरौ वरौ श्रेयोविधाने भास्तां जगतां परमेष्ठिनौ // 27 // वाग्भवाधीश्वरीश्यामा मायेशी कमलालया॥ कामेश्वरी शारदाख्या तत्समष्ठीश्वरो परा // 28 // आद्यलक्ष्मीरितिख्याता नववर्णात्मिका शिवा // नवदुर्गात्मिका चण्डी साक्षाद्ब्रह्मस्वरूपिणी // 29 // पराम्बिका तुरीया सा त्रिपुरा परमेश्वरी॥ ललिता लक्षलिलाव्या लालतां कृपया हि माम् // 30 // नन्दा नन्दतुमा नाम्ना स्वकीयेन सनातनी // रक्तदन्ती स्वरागण मनोमे रज्यतांशिवा // 31 // शाकम्भरी स्वरुपया सुधारूपानपानकैः // नित्यं पुष्णातु मां देवी स्वकीयध्यान हेतवे // 32 // दुर्गा दुर्गमसंसारशत्रुभीतिविनाशिनी // भूयात्सा वरदा मा सती मे चित्तगा सदा // 33 // शता. क्षी शरणापन्नं शतनेत्रैर्विलोक्य माम् // विश्वज्वरविनाशाय दद्यात्से परामृतम् // 34 // यद्याद्वाति पवनोयद्यात्तपते रविः // पातु मां सर्वभयतः सा भीमा भीमशासना // 35 // निजभत्यमनोभङ्ग करे कृत्वा रुपावती // कम्जे निर्भीतिम. धुनि // भामरी हरतु भूमम् // 36 // इतिश्रीपराम्बास्तुतिः समाप्ता॥ श्रीः के ते वर्मनि नोमूढा जाता ब्रह्मादयः सुराः // अत्यन्ताज्ञस्तदाहं कः क्षम्यता जगदम्बिके // 1 // क्षम्यतां क्षम्यतामम्ब शरणागतरक्षिणि जननी नैव गृह्णाति दोषान् स्वकलभस्य च // 2 // यथा प्रकाशः सूर्यस्य इन्दग्न्योस्ताह For Private and Personal Use Only