________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (48) करोतु सा // 12 // तमोपहंत्री भक्तानां तमोवत्यापि साऽचि. रात् // स्वीयैः संसविता स्वानां विश्वत्रासविनाशिनी॥१३॥ ब्रह्माणं या श्रियं देवी जनयामास निर्गुणा सगुणा सा सृष्टिकाले नतोऽहं तां तडित्प्रभाम् // 14 // वीजपूरं गदां चर्मपानपात्रं च विभ्रती // नागं लिङ्गं चयोनि च मस्तकेऽवतुसाम्बिका // 15 // कोट्युद्यद्रविसंप्रख्या त्रिनेत्रा चंद्रभूषणा / पद्मासना भगवती स्वेछाविश्वविनोदिनी // 16 // अस्या रजोगुणवती संपद्रूपस्वरूपिणी // कुर्यान्मनोरथं पूर्ण देवी श्रीविष्णुना सह // 17 // आद्यलक्ष्म्याः सत्ववती वाणी परमनिर्मला // तत्वप्रकाशिनी विष्णुगौरी धात्री पुनातुमाम् // 18 // यस्यामुदयमानायां विश्वं भवति नान्यथा // पंचाशद्वर्णरूपां तां धर्मादिपुरुषार्थदाम् // 16 // चन्द्राननां चन्द्र वर्णा चन्द्रभूषणभूषिताम् // चन्द्राभभूषणां चन्द्रमाल्याम्बरविलेपनाम् // 20 // नौमि तां परमानन्द सर्वज्ञत्वविधायिनी म् // वाचां वैभववृद्ध्यर्थं सर्वकामदुघेश्वरीम् // 21 // कालीजातः शिवो वाणीजनिका पार्बती शिवा // कुर्वातां मङ्गलं मह्य मुभौ जगदधीश्वरौ // 22 // काली वाणी स्वरूपी तावाद्यलक्ष्मीमयौ परौ ब्रह्माण्डभेदको स्यातां दारिद्र्यहरणे परौ // 23 // आद्यलक्ष्मीजन्मभूमिर्लक्ष्मीविष्णुस्त्रयीजनिः॥ ब्रहमाण्डपालकावेतौ मम धर्मस्य पालकौ // 24 // भवेतामनिशं लक्ष्मीवाणी रूपौ महाबलौ // आद्यलक्ष्मीस्वरूपौ मां पुष्पेतां करुणार्णवौ // 25 // ब्रह्माद्यलक्ष्मीजनका कालीजन्मा सरस्वती // मम मोदं विधीयतांब्रह्माण्डोत्पत्ति For Private and Personal Use Only