________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 28 ) वतु ते पदपङ्कजस्य // 9 // पद्मप्रभूतसनकादिकयोगिवर्यस्वान्ते विराजित पदे प्रण तातिनाशे // भीतातिभाञ्जिनि विभासिनि विश्वमातन्तेि स्मृतिर्भवतु ते पदपङ्कजस्य 11 // अन्ते स्मृतिप्रदमिमं स्तवराजम्ब यत्तेपठेत् प्रयतमानस एव भृत्वा // तस्येश्वरि प्रपदपङ्कजयोः प्रसादादन्ते स्मृतिर्भवत मङ्गलदेवतायाः // 11 // इति श्रीपराम्बायाश्चरणपङ्कजस्मरणदायकस्तवराजः समाप्तः॥ ॐ अज्ञानं निविडं तमोभगवति श्यामत्विषोऽपिक्षणात् क्षिन्ति क्षण दा विचित्रमहिमा मायामविद्यामयीम् // कुर्वाणा हि विचित्रचित्रचरितं स्वानां जनानां मदे भूयासुम ये दीनवत्सलतरा हक्कोणपातास्तव // 1 // श्रीमत्पदा बजमकरन्दजयां जनाना माकांक्षितोरुमधुरद्रवसंप्रपूर्णम् // नानाफलं ददति देवि दृगन्तपाताः कारुण्यवारिपरिपष्टसुरद्रु मास्ते // 2 // शौर्य बलं वपुषि सुन्दरतां ददाति विद्या सुकिर्तिमतजा कवितां प्रभूताम् // लक्षमी सुलक्षणयुतां तरुणी जनाय दीनाय देवि नमते करुणाकटाक्षः // 3 // कामाक्षि चंद्राव हर्षकरोजनानां ज्ञानं दिन विशदयंस्तव सर्यतल्यः॥ उन्मूलयनशुभकर्ममहीरुहं मे हस्तीव राजति शिवे करुणाकटाक्षः // 4 // इतिकरुणाकटाक्षमहिम्नःस्त्रोत्रं समाप्तम् // ॐ गुरुस्त्वं महातत्वबोधप्रदाता // मुमुक्षोरुपास्यः सदा For Private and Personal Use Only