________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 23 ) क्ष्येकदास्थिता तां कामेश्वरयंत्रितासुतराम् // 86 // पुरट मयांकुशपाशौ सुमनोवाणैक्षवंचापम् // कराम्बुजैः संदधती स्मेरमुखीं त्वांकदाद्रक्ष्ये // 87 // नानागुणावतारां नानानंद विधायिनीमवाम् // नानाचित्रचरित्रां भवभयनाशांकदाद्रक्ष्ये // 88 // यत्पादोद्भवपांशु शिरसिचधृत्वाविधिर्विष्णुः॥ रुद्रः स्रष्टापाता संहातांकदाद्रक्ष्ये // 89 // मनभुवनानुल्लंघ्य हि प्रकारकैःशोभतेसर्वैः ।ललिताख्यातातस्त्वां यातामम्बांकदा द्रक्ष्ये // 90 // स्वात्मस्वरूपिणीया संवित्कामेश्वराभिन्ना // प्रेष्ठास्टहणीयाता मरुणामीशांकदाद्रक्ष्ये // 92 // यदैरुपि गीतं भेदविहीनंपरंतत्वम् // तदहंजानेशोणं धामकदाहंसदा द्रक्ष्ये // 92 // यत्संतुष्ट्येहरिरपि मात्स्यरूपंचकारासौ // नृत्यतिहरःपुरस्तात् तामखिलेशीकदाद्रक्ष्ये // 93 // यस्याः रुपाकटाक्षात् विषमप्यमृतायतेतस्याः // द्रक्ष्येकदानुपादो योगोभोगायतेपुंसाम् // 94 // रक्षाविधौहिसत्यपि विमुखा यस्यानरक्षिताःसंति // सुखिनोभवंतिपुरुषाः शरणगतास्तां कदाद्रक्ष्ये // 95 // ऊोलोकोवदनं मध्यांगंमध्यलोकश्च // यस्याजघन्यमंगं यतलादिस्तांकदाद्रक्ष्ये // 96 // नयने के चिद्यस्यास्ताटंकावृषिजनाःपरेचाहुः // सूर्याचंद्रमसौतां वमोजावपरेचकदाद्रक्ष्ये // 97 // कापुरुषोपिदरिद्री सदग्रणी विश्वविख्यातः // यस्याःकटाक्षपूतो भवतिकदाहंचतांद्रक्ष्ये // 95 // यस्याअरुणिमतेजो विनिमग्नानसाकमात्मनासाध्यान् // ध्यायन्तियहितेषां वश्यास्तेतांकदाद्रक्ष्ये // 99 // सुख्यतिचरित्रमस्याः कर्णौ रूपंचनेत्रेच // निरतिशयंहदयंता For Private and Personal Use Only