________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (101) नितेस्वसौंदर्यस्वरूपेऽहंसमर्पये // 13 // इतिकजलादिसर्वसौ भाग्यद्रव्यंसमर्पयामि // यागगेहेसमागच्छ च नेकमणिमंडि ते // चित्रचातुर्यशोभाये मातर्दीपावलीयुते // 44 // इति याममंडपप्रवेशनप्रार्थना // पादुकेरत्नखचिते सुवर्णरचितेशुभे पदयोर्धेहिमातस्त्वं मछिरोलंकृतेशिवे // 15 // इतिपादुका समर्पणम् // शिवकामेश्वरांकोपवेशनं कल्पयामिते // पाद्य. माचमनंमिष्टपर्कचाचमनंददे 46 // इतिकामेश्वरांकोपवेशन पाद्याचमनमधुपर्कपुनराचमनसमर्पणम् // स्वर्णपाशांकुशावि क्षु चापवाणान्कौघृते // कामेशांकस्थितेपूजा मंगीकुरुकृपां कुरु // 17 // इतिध्यानपूजाप्रार्थना // स्वभावेनसुगंधायै सुगन्धन्तेशिवपियोचतुर्विधंतवप्रीत्यै गृहाणाम्बक्षमस्वमे 18 इतिचतुर्विधगंध समर्पणम् // स्वभावसुन्दरम् कृत्यै चाक्षतान्य म्बतेऽर्पये // अलंकारार्थमीशायै कृपयागृह्यतांत्वया // 19 // इत्यक्षत समर्पणम् // सूक्ष्ममुक्ताफलान्यंब / ह्यविद्धानिमनो हरे / मयानिवेदितानीशे ललाटेतेप्रगृह्यताम् 49 अविद्धसूक्ष्म मुक्ताफलाक्षतसमपर्णम् स्वाभाविकांगसुरभेनानापुष्पसमुद्रवाम्मालास्तबकसंयुक्तास्तुभ्यंमातःसमर्पये 50 ॥इतिनानापुपस्तबक मालासमर्पणम् // स्वघाणतर्पणेनैव तर्पितायैसमप्रये // धूपनानासुगंधते शिवार्थमेसुगृह्यताम् // 51 // सूर्या ग्निचन्द्रचपला यत्प्रकाशप्रकाशिताः // भासयंत्यखिलान दीपमालास्तस्यैसमर्पये // 52 // इतिदीपमालासमर्पणम् // आचम्यतांशुद्धरूपेमृतोपस्तरणायते // गंगोदकेनार्पितेन कृप याकरुणार्णवे // 53 // इतिमृतोपस्तर्णम् // परामृतंसीधुरसं For Private and Personal Use Only