________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (100) वस्त्रार्पणम् // ॐ आचमनंगद्धजलैः कारयाम्यंबशीतलैः / / स्मरणाच्छद्धिदेशीघ्रं कुरुतैथैःरुपानिधे 32 // इत्य चमनम्॥ ॐ सर्वमंगलरूपायै मणिसूत्रसुमंगलम् ॥श्रीमत्कंठेय॑याम्यम्ब स्वभावरमणीयके // 33 // इतिमंगलसूत्रसमर्पणम् // ॐ पादुकेरत्नघटिते // स्वर्णचातुर्यशोभिते ॥अंगीसत्यपदाब्जा भ्यां कृतार्थंकुरुमांशिवे // 34 // इतिपादुकार्पणम् // ॐस्थि साभवस्वर्णपीठे जगदाधाररूपिणि // केशप्रसाधनाशि सुगंधिद्रव्यमर्पये // 35 // इत्यासनंश्रीमत्केशेषुसुगंधिद्रव्यसमर्पणम् // ॐ धूपयेऽहंततः केशान् शिवमलयजेनते // शोध यित्वास्वलंरुत्यकंकत्यास्वर्णजातया 36 / इतिकेशानांधूपनम् मार्जनं अलंकर्णच // ॐ अस्मिनवसरेमातर्पणतयाम्यहम् मुखचन्द्रस्यसौंदर्य मालोक्यालादमावह // 37 // इति दर्पणार्पणम् // ततोहस्वर्णसूत्रैश्च कल्पद्रुकुसुमोच्चयः // केशा न्ग्रथनामिकामाक्षि प्रीतोभत्याखिलेश्वरि // 38 // इतिकेशग्रंथनम् // पादुकेरत्नखचिते सुवर्ण चितेशुभे // पादयोघे हिमातस्त्वं मच्छिरोलंकतेशिवे 39 // इतिपादुकासमर्पणम् अलङ्कारगृहेरम्ये स्वरूपालरुतेशिवे // त्रैलोक्यमंडपेमातर्मासमेह्याशुमोदय // 40 // इतिभूषामंडपप्रवेशनम्॥सिंहासनं पाद्यमध्ये तथाचमनकंशिवे // मधुपर्कप्रयछामि पुनराचमनं परे // 41 // इत्यासनपाद्यााचमनमधुपर्कपुनराचमनसमपणम् // यदलंकारणात्सर्वं जायतेऽ लंरुतंजगत् // सर्वाप्रलं कृतीस्तस्यै तुभ्यं देविसमर्पये // 42 // इतिसर्वालङ्कारसमर्पणम् // कजलादीनिसौभाग्य द्रव्याणिसकलानिते // योग्या For Private and Personal Use Only