________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 99 ) सारसमाकष्टैः चांपेयपाटलादिभिः // श्रीमत्केशादिसर्वागं सुस्नेहैःसंप्रलेपये // 20 // इत्यभ्यंगम् // ॐ सुगंधिमिश्रितैमात० // 21 // इत्युष्णो० // ॐ ततस्त्वांवारुणस्नानं कारये जगदम्बिके / जलैःकनककुम्भस्थैः सर्वतः शुद्धिदायिनि 22 // इतिवारुणस्नानम् // ॐ पयोदधिघृतैर्मातः गव्यैर्मधुभिरीश्वरि / / शर्कराभिःस्वर्णकुंभस्थितैस्त्वांस्नापयेशनैः // 23 // इतिपंचामृतस्नानम् // ॐपुनःपंचामृतैरेकीकृतैःसुद्धजलैस्ततः गंधजलैःशुद्धजलैः पुनस्त्वांस्नापयेंबिके // 24 // इतिपंचामतगंधजल शुद्धजलस्नानम् // ॐ नानाविधैः फलरसैमिष्टे मिष्टाम्लमिश्रकैः // स्नापयामि ततःशुद्धरूपे शुद्धजलैरहम् 25 इतिफलरसशुद्ध जलस्नानम् // रुक्मजलैःस्वर्णजलै रत्नान्वित जलैःशिवे // पुष्पजलैःशुद्धजलैः तवस्नानंसुकारये // 26 // इति रुक्मस्वर्णरत्नजलपुष्पजलशुद्ध जलस्नानम् // ॐसमस्त तीर्थचरणे मायामलीवनाशिनि॥सर्वतीर्थोदकैःस्नानम् कारयामिकपार्णवे // 27 // इतिसर्वतीर्थोदकस्नानम्॥ ॐसहस्रधारयास्तानम् सुवर्णकलऔरलम् // सहस्रैर्जलसंपूणे स्तव स्नानंप्रकल्पये // 28 // इतिसहस्रजलधारासहस्त्रजलकलश स्नानम् // ॐअंतर्बहिश्शुद्धरूपे सदाशुद्धत्वदायिनि // गंगोदकेनाचमनं तुभ्यंदत्तंप्रगृह्यताम् // 21 // इत्याचमनम् // ॐ सर्वांगपोंछनंकुर्वे तवदेविदयानिधे // ससूक्ष्मेणसुवस्त्रेण केशानांपोंछनंतथा // 30 // इत्यङ्गप्रोंछनार्थवस्त्रम् // ॐययै वाछादितंसर्वं ब्रह्मांडमखिलेश्वरि // तस्यै वस्त्राण्यमोल्यानि सुरंगाणिसमर्पये // 31 // इतिपरिधानोतरीयकंचुक्यादि. For Private and Personal Use Only