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अञ्जन
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अञ्जलि
जा. अट्ठ. 7.155; तुल. अञ्जनपब्बत; - चुण्ण नपुं., तत्पु. तृ. वि.. ब. व. - अञ्जनसदिसेहि लोमेहि समन्नागता, जा. स. [अञ्जनचूर्ण]. अञ्जन का चूर्ण या चूरा - गगनतलं । अट्ठ, 5.196; - सन्निभ त्रि., अञ्जन जैसा - मो पु.. प्र. अञ्जनचुण्णसमोकिण्णं विय, ध. स. अट्ठ. 15; - देवी वि., ए. व. - महासत्तस्स पन अञ्जनसन्निभो नाम मङ्गलहत्थी स्त्री., देवगम्भा की एक पुत्री का नाम - भातरो सुत्वा महापुओ. ध. प. अट्ट, 2.332. हट्टतुट्ठा तस्सा अञ्जनदेवी ति नाम करिंसु. जा. अट्ठ. 4.72; अञ्जन' पु.. [अञ्जन], आठ दिग्गजों में से एक, पश्चिमी - नालिका स्त्री., अञ्जन रखनेवाली छोटी डिबिया - दिशा के एक हाथी का नाम - एरावणो पुण्डरीको वामनो अञ्जनीति अञ्जननालिका, म. नि. अट्ठ. (उप.प.) 3.214; कुमुदोजनो, पुष्पदन्तो सब्बभुम्मो सुप्पतीको दिसागजा, - पब्बत पु.. अञ्जन के रंग वाले काले पहाड़ का नाम - अभि. प. 30. महाअटवियं अञ्जनपब्बतो नाम अत्थि जा. अट्ठ. 5.128; अञ्जन' पु.. देवदह के एक शाक्यप्रमुख देवदहसक्क के पुत्र नीला अञ्जनपब्बता, जा. अट्ठ. 7.292; - नाळी स्त्री.. का नाम - अञ्जनो चाथ कच्चाना आसुं तस्स सुता दुवे, म. अञ्जन रखने का डिब्बा - ओसधजननाली च, सलाका वं. 2.17. धम्मकुत्तरा, अप. 1.333; - पुञ्ज पु., अञ्जन का ढेर, अञ्जनिथविका स्त्री., अञ्जन रखने का छोटा डिब्बा - कं अञ्जन की राशि - अज्जनपुञ्जसमानवण्णेन इमिना तव द्वि. वि., ए. व. - अनजानामि, भिक्खवे, अञ्जनित्थविकन्ति, नागेन, जा. अट्ट. 2.306; लुद्दे अञ्जनपुञ्जाभे उग्गदण्डे महाव. 279. सुदारुणे, सद्धम्मो. 286; - मक्खित त्रि., अञ्जन द्वारा अञ्जनिसलाका स्त्री., अञ्जन लगाने वाली सलाका - तेन विलिप्त - त्ता नपुं.. प्र. वि., ब. व. - नेत्ता अञ्जनमक्खिता, खो पन समयेन अञ्जनिसलाका भूमियं पतिता फरुसा थेरगा. 772: म. नि. 2.262; - मय त्रि., अञ्जन से भरा होति, महाव. 279; - कं द्वि. वि., ए. व. - अनुजानामि, हुआ - यं नपुं.. प्र. वि., ए. व. - काळकूट अञ्जनमयं, भिक्खवे, अञ्जनिं अञ्जनिसलाकं चूळव. 256. उदा. अट्ठ. 244; - मूल पु.. एक प्रकार की मणि - अञ्जनी स्त्री.. क. अञ्जन रखने का पात्र - नि द्वि. वि., अञ्जनमूलो, राजपट्टो, अमतंसको, पियको, ब्राह्मणी चाति ए. व. - अनुजानामि, भिक्खवे, अञ्जनिन्ति, महाव. 2783; चतुब्बीसति मणि नाम. उदा. अट्ठ.81; - रुक्ख पु.. एक अजनीव नवा चित्ता, थेरगा. 773, न, भिक्खवे, उच्चावचा प्रकार का वृक्ष - अञ्जनरुक्खसारघटिकवण्णो महामच्छो अञ्जनी धारेतब्बा, महाव. 278; ख. एक पौधे का नाम, एक .... आकासं उल्लोकेत्वा, जा. अट्ठ. 1.316; - लोमसादिस औषधीय पौधा - केतका अञ्जनी चेव गोधुका तिणसूलिका, त्रि., सुरमे जैसे काले रङ्ग के बालों वाला/वाली - सा अप. 1.12. पाठा. कन्दली. स्त्री., प्र. वि., ए. व. - बाहा मुद् अञ्जनलोमसादिसा, जा. अञ्जलि पु., [अञ्जलि]. 1. करपुट, हथेली- ना तृ. वि., अट्ठ. 5.194: - वण्ण त्रि.. अंजन अथवा सुरमे जैसे काले ए. व. - सचाहं अञ्जलिना वा पिविस्सामि. अ. नि. रंग वाला - ण्णानं पु.. प. वि., ब. व. - रुओ अञ्जनवण्णानं 2(1).1763; - स्मिं सप्त. वि., ए. व. - पलितानि साधक केसानं अन्तरे एकमेव पलितं दिस्वा. जा. अट्ठ. 1.142; - सण्डासेन उद्धरित्वा मम अञ्जलिस्मिं पतिट्ठापेहि, म. नि. ण्णा पु.. प्र. वि., ब. व. - एकच्चे काळा अजनवण्णायेव, 2272; 2. सम्मान प्रकट करने हेतु सिर तक ले जाये गये सु. नि. अट्ठ. 109; - ण्णेन तृ. वि., ए. व. - वण्णं दोनों जुड़े हुए करतल - करपुटोञ्जलि, अभि. प. 2683; येन अञ्जनवण्णेन. ध. प. अट्ठ. 2.332; - वन नपुं.. साकेत के भगवा तेनञ्जलिं पणामेत्वा, सु. नि. (पृ.) 148; चूळव. 325; निकटवर्ती मृगोद्यान का नाम - नं द्वि. वि., ए. व. - राजा मागधो अजातसत ... भिक्खुसङ्घस्स अञ्जलिंपणामेत्वा, अञ्जनवनं ओभासेत्वा, स. नि. 1(1).65; - ने सप्त. वि., ए. दी. नि. 1.45; स. उ. प. में द्रष्ट. उदक., एक., कत., व. - साकेतं निस्साय अञ्जनवने विहरन्तो. जा. अट्ठ. पग्गहित.. पग्गहित-तुच्छ.. सुक्ख., प. के अन्त.; - क त्रि.. 1.296; ध. प. अट्ठ.2.184; - वनिय पु.. एक भिक्षु का नाम हाथ जोड़कर खड़ा हुआ व्यक्ति, सम्मान प्रकट करने हेतु - कतं बुद्धस्स सासनन्ति ... अञ्जनवनियो थेरो, थेरगा. खड़ा व्यक्ति - को पु.. प्र. वि., ए. व. - भगवतो पुरतो 55; - सक्क पु.. महाप्रजापती गौतमी के पिता का नाम - अट्टासि अजलिको भगवन्तं नमस्समानो, महाव.4; पाठा. पिता अञ्जनसको मे, माता मम सुलक्षणा, अप. 2.207; पञ्जलिको; स. उ. प. में द्रष्ट एक., ठित०, निपन्न. के - सदिस त्रि.. अञ्जन के समान, आंजन जैसा - सेहि पु.. अन्त:-कम्म नपुं० [अञ्जलिकर्मन]. हाथ जोड़कर प्रकट
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