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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंदी भा. 262 ***** 業將點點米米米米米米米洲紫米業 ने विडची आपु तिवारे तिहां माताने दूरख उपनो माता करियो में मारो पुत्व नहीए वाइनो पुत्र छे मारा धन जोई जतोनथीई अलगौ रहि स्थ मजूरी करी पेट भरी स्थ एवालकनो मुख देखोस्यु बीजी माताअणवो लौरतीतदा प्रधानजास्य एपुवनी माताछे दुखथको विहेतिवारे पुत्रमाता * ने आष्य ए प्रधाननी वुद्यः 42 कथा मसि त्य० एककोईको लोडं तोतेहनी स्त्री लंपटहुती तेअन्य पुरुष संवातेवनजालामध्ये गडू तिहां मैथुनादिक सेवती हुती उह मुश्च स्थिति जाल उपरे महुमालदीठो माषीनोप छ उठी घरे आवे बौजे दिन निज भरिने साथ लेई चाली ते स्त्री बोली स्वामी महाल देखाडु इम करी तिहां थी चालीया जालौ मध्ये गया जोवती हौंडे पिण न देखे पक्के पूर्ववत् सती मह ालदीठो इम कोलीने * देखायो तिवारतेकोसी तेस्त्रीनेदूराचारणौजाणोएकोलोनोउत्पातनिवुव४३ कथामुद्दी एककोइकमोहितनीसंघले कीति जसवीख्यात जेथापशिकहनी मोलवेनही तेएकणप्रदेसीदुर्वल देसांतरे जातांजे थापणि रूपवासणीमुकीगयो घणाकाल पर पाव्यो वासगी मांगो तेयोलबीरहियोद्रमगगहिलोडवो थको प्रोहितने कहे वासणी पापरे वासगी आपरे इम करतो कौंडे एकदा प्रधाने जातो देवी कहियो अहो प्रोहितएहनी वासणी आपी ते प्रोहित *संकाण इम करी प्रधान जाण्यो वा सांचते एहना दाम राख्या दौमे के इम करी राजा भागलि कोइएक पुरुषने हाथिने हाथ सर्वसंकेत कही मोक ल्य मुद्रका पापीने कहियो प्रोहितमन्हे मोकलीयो के सर्वसंकेत कहियो तिधारे स्त्रो वामणी ते पुरुष राजाने पापणी आपी पक्के ते राजा * घणीवासणी माहिमुकीने मगने तेडी करियो ताक्षरी होते वासणी तु पालखीने ल्य तिवारे वासणी पोलखी तिथिकह्यो स्वामि ताहरापगती रे देखीने हरष्यो वासणी लीधी पछे ते मोहित जिभक्केदी कडी वाली एराजानी बा 44 कथा अंकेय. कोडू एक पुरुष साई कारने नाम अंकित 端米諾諾諾諾諾米派米米諾諾器諾諾諾器諾諾諾諜罪 For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
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Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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