________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kallassagarsur Gyanmandir 281 भा. * भागलि चाल्या एकांतवन मध्येजालामाधि कंडरी कराव्यो भाषण समारगि भावी रह्यो तेहने कहि अहोमोटा परुष मारी की पावन मध्ये प्रसूतप्राप्तछे मुभाथी लानेछ तुम्हारी स्त्री मोकला तिवारे मोकली तेवेतिहांब इठा मुहुर्म मात्र रतीचावी तेमूल देव प्रतिईबोलो हे पूर्ण महानु भागव धा मणौद्य तम्हारी सो पुल प्राध्याए वेजनी बुध कथा पति. एक सौ घेभारने तत्य करीनाणे के तेवोकने विषय उपना ते * * देखोने पूछी यो एहनौ वे उपरे सरीखी प्रीत के ते वात राना सांभलो विसमय हुवा प्रधानने (पूछौया एवं प्रधान कहियो एवातना वे ए देखु एवरूपवेगुन जोबुदूमकरीते स्त्रीने लिची मोकली जे ताहरा भरिने पूर्वपश्चिम भोकलज्यो ते वेई मोकल्या माझ भाव्यो राजाने * कह्यो स्वामी जे ते पूर्वदिसीमोकल्यो इतो नेहने जातां पयीभावता मुर्य साहमा मुखत ते भणी ने उपरिहोणौनितिजाणवी विजाउपरिषधी ते राजान माने तेवली लिखी मोकली तारा वेळ पुरुषांने पूर्वपश्चिम अमुके ग्रामे मोकल व्योते मोकल्या कालांतरे ते प्रधान वे न फरमो कल्या प्रधाने कहियो जे ताहरा बेड भरिने असमाधि उपनी सांभली जे उपरे थोडी प्रीत हतोतेन फरने मकहियो एतोसदा. मांदोजरहेछे तिहां नगदू *बोजा तोरेगडू प्रधाने राजाने निवेद्यो एवात राजा मानी ते प्रधाननी वुद्ध वाणीए 41 कथा पुत्त * कोई एक पुरुषने वे स्त्री एकज #पुत्व के तिहां थौ प्रदेशे गयुतिहां तेहनु पिता मुबो वे सीधूरथौज ते पुत्वनी सारसंभालसरोखी करती थकी विचरे के ते पुत्र पिण मजा ए माहरी माता के एक न जाणे तदा तेये माताने बादडवो के पुत्रम्हरो के बीजी विटवा लागी कहे के ए पुनमाहरो के तेराज कुले गई तिलां मुत तेजाच्यो काई कारणले ने प्रधान बोल्य 'पको बाई तुम्हे वेडं एहने विच्चील्यो पापणपि तर ते वेटोपिक वर्षकमा करवतकरी EXNWRWXXRAKHIXXENEWHMMMMMEN XKXXX******XXXXXXXXXXXX For Private and Personal Use Only