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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Sher Kalassagarsun Gyarmandie नंदी प्रजाजिका कह्यो जे कोई वस्तु करे तेज कर करवा कुसल क एकवार दौठो न जाए इसीप्रतिज्ञा करौने घणो लोकाने जीपे ते वात राजा * सांभली नगर मध्ये उदघोष कराव्यो तदा कोई चचक भिक्षा फिरता पडहनो शब्दसांभली ने पडहो क्योराजा समक्षगयो च.कजाणी ते प्रवानिका पापणो मुख मोद्यो देषो रेएो करो मुझसुवाद करस्ये तेवचन सांभलौक्षुच कनग्नथयो तेतोतेणीदनथार लोक सवालागा हारीरे चारी इमकडो निपष्ट कीची तहालधुनी कमलाका रकौधो नेप्रवाजिका करवाअसक्य तेणे सुलकेनेप्रब्राजिका जीती एषु झकनी उत्पातकीवुध्य उपरि कथा 38 मग्गि• एककोइ पुरुष मूकलावु' करी पापची भार्याने लेवारणीवे सौचाल्या नेवारे चालतो गामांतरपछे स्त्रीने सरीर चिंता उपनी पछे ने स्त्रीसरोर नीचिंतानिव विवाभणी तिला वाहणाथी उतरौ वेगली गईतदा पासिंध्यंतरी हतौतिणे ते पुरुषने रुपवंत देखी अभिलाषा उपनी लेखनी स्त्री सरीषो रूपकरी भावीवाणिव दूठी पछे ते स्त्री शरीर चिंता टाली पावता तरी वालो खामी व्यतरी पायेके भापमाने छलस्ये वाह पण हाडावा ने ये ड्रोडायो ते सो रे बाल गो नापि भामाचरा भरतारने यंतरी मादिले रचाली पोकार वालागी भरता रनेशंका उपनी इल्डू 2 के ने स्त्री पायीमिली तेव्यत रोप्रति निट रवाले कल हथ या- ग्रामावि राउलेगवां ने पुरुषचिंतापरथयोपळ कारणीपुरुषेते पुरुष वेगलेवेसारीते स्त्रीनेरिजिनाधाईनेपहिलो ने पुरुषनेस्यमें तैहनोएभरतार इमकोय तरोई हाथलांचाकरीताकाल स्पर्शिनी भरतारने सुपौयतरीनिराकरी एकारणीकनी वृद्ध 25 कथा थि• मनदेव संचाते कंडरी कमागि जाता काइएक स्त्री माथे पुरुष पायतेनी सीपवंत देणीने अभिलाषा उपनी ने मलदेवने कहो। ए सी संजो संगमेने ताजी नहीं तोमा परेको इसरेके तभने जोगमे नसी नताव लोमथा भागलि चालि 柴柴米器装装暴紫米茶業聚苯業张業器灘养帮带张非常 For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
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Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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