________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsur Gyanmandir नंदी भा• * कर जे तला हुइ तेतला बीजे चोधे भारे मोक्ष पिण जाइ अने जम पिण हुइ वीजा केवली 3 बीजे चउथे 5 पांचमे आरे पिण मोच जाई तेबिजे बारे मोक्ष जाइ ते बीजे चारजे श्रीऋषभदेव स्वामीने वारिते बीस तीर्थंकराने वारेपांचमेचारे प्रत्येकबुड्डी जंबवामी गया एउत्सर्पिणीने विषे मोक्षसंपर्णके दिये आगली उमर्पिचौकालने विषे केवलीथासी तेहना जन्म दुखमदुषमकालेबीजेचारेहोसी अने मोक्षविजे पारजासीचौथे चारेजा स्थे हिवे तीर्थकरनो जन्मतो बीजा आरा सात वरस पांच मास दिन विणगये थके जन्म होमी मोक्ष पिण वीजे आरजासी ते वीस तीर्थंकरानो जन्मपिण मोक्षपिण वीजे आरे हुडू अने चौथे आरे एक चरम सीर्थकर हुस्खे एतावता तीर्थकरानो सदाई बीजे चौथे आरे जन्म पिण हुडू मोचपिण जाई इति कालद्वारर गतिहार३ जे मनुष्यनी गतिपणां थकी मीझडू अन्यगति मांहि सोझ बोनथीपिण किडांर नो पायो सौझे ने कहे के चोथी नरक लगे ते नरग गति थी 1 पृथिवी पाणी वनस्पतीना मंत्री तिथंच पचेन्द्री थी पाव्याए तिथंचना भेदर स्त्री बने पुरुष थी तथा कृत नपुंसक सीको एमनुष्यनीगति 3 देवता 4 नीकायना सर्व देव थी ए देवगति 4 एहनानीकल्या अनंतर मनुष्य मध्ये थायी सौम तीर्थंकर ते नरग गतिना तथा देवगति प्रावीने सीझ ते नरगविणना तथा देवता विमाणीक थी आवे अने तेउवायुमाहिना पंचन्द्री संगी तिथंच मांहि आबी कोईक धर्म सांभले ते पणिन * सहते थे इद्रीचउरेंद्रीसमुछिमना भाब्याए च्यारिम्णन पामे वलीतीच मनुष्य असुरकुमार व्यंतर जोतिषी एहना चाव्या तौकरन याद मनुष्य मोक्ष जाए देवगति 4 इति गतिहारं 3 वेदद्वारे वर्तमान कालनी अपेक्षया ये अपगत वेदनी सीझ अनुभव्या पाश्री बिडं बेदि सीझ तीर्थंकर स्त्रीवेद पुरुष वेदअनुभञ्या हुई नपुंसक वेदनहुवे इतिवेदहारं 4 तीर्थकरतीर्थकरी बेडरूप सीझ 5 इति तीर्थद्वारंपन्धिगद्वारे लिङ्गण अन्तलिङ्ग त हेक्यसलि - सवेहिं दवलिंगे भावेण सलिंगसव 1 ते द्रव्य यकी स्खलिङ्गी अन्य लिंगी रहस्थ लिंगी सोभे अने भावलिंगे एक स्खलिङ्गीज सीझ 6 इतिलिंगद्वार 影器著迷紫紫薯紫米紫米影帝张業 INKHINE 諾諾张器米器浴器器狀號號罷器調器影器路器器器諾 For Private and Personal Use Only