________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंदी भा. 諾誤器梁器諾器黑米諾器器狀辦諾张器器带米米 ६चारिबहारे वर्तमानतो एक यथाख्यात चारित्रे वर्त तो सीझ ते पणि सामाईकादिकपूर्व अनुभव्या पाबीछे के पनि समीपे सामाईक 1 मच्मसंपराय 2 यथा ख्यात 3 एतिन चारित्वना मोक्ष जाई 1 तथा सामाईक 1 छेदोपस्थापनीय 3 सूक्ष्म सम्पराय३ यथाख्यात 4 ए४ नासीझ 2 तथा सामाइक 1 * परिहार विसचिर सूक्ष्मसंपरायः यथाख्यात नासीझ तथा सामायिक 1 छेदोपस्थापनिर परिहारविसचिव सूक्ष्मसंपराय४ यथाख्यात५ ना सीझ 5 तीर्थ करतो सामायिक / सूक्ष्मस पराय र यथाख्यात 3 तीन चारित्ना मोझ इति चारित्रवार 7 बुद्विवारे प्रत्येक बुद्ध्यादिक३ सोझो इति बुद्धिवार 8 ग्यान * हारे पूर्व अनुभव्या पाश्री कोईने मतिज्ञान 1 श्रुतज्ञान 2 हुवे मतिनान१ श्रुतर अवधि 3 अथवा मति 1 श्रुत 2 मनपर्यव३ मति 1 त 2 अवधि 3 * मनपर्यवज्ञान वर्तमान काले केवलज्ञान पांमिसीझ तीर्थकर४ ज्ञानसहितहोइ इति ज्ञानद्दार : अवगाहनाबारे जघन्य बेहाथना सीझे उत्कृष्टी 500 धनुष्यनी अवगाहना सीझे तु शब्द थी मादेवीनी परि५५२५ धनुष्यना सीझ अने तीर्थकरनी अवगाहना जघन्य सात हाथ उत्कष्टी 500 धनुष्य * नी शेषसर्वमध्यम अवगाहना जाणवी इति अवगाहनाहारं 10 उत्कृष्ट हारे कोई एक समकित थी पया अनंतो काल अईपुदगल देसुणो संसार भमे तो उत्कष्टो पछे समकित्यादिरत्न पामी सीमे केतला क असंख्याता कालना पद्या केतला एक संख्याता कालना पद्या को एक अणपया पिणसीको ए उत्तष्टहार 11 अंतरद्वारे मोक्षनो विरहजघन्य एक समय उत्कृष्टो छ मास लगे अांतर पडें इति अंतरवार 12 मण समय हारे जघन्य समय * निरंतर सोझ उत्साष्टा पाठ मास लगे सीझ इति निरंतरहार 13 गणद्वारे जघन्य एक समय एक सीझ उत्कृष्टा 108 सीझ ते संख्या किमते दूम श्रीऋषभ देवने वारे सोडाते जिम ऋषभ देव ए पोता संधाते सौहाते अपेचादू बली श्रीक्षभदेव दस साल साथे संथारो कोधो तिहां 108 सहस एक अभिच नक्षत्र मांहि सीखातेअपेक्षया इति गणणहारं 14 अल्पवहुत हारते एकेलबार वे विण आदि सिहाने सिह थोडा तेबको 带業業影器端兼業聯辦業叢叢叢叢叢狀需引: 職業叢叢茶器 For Private and Personal Use Only