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कौसल
( ९२ )
क्रोधवर्द्धन
कौसल-बकरेके समान मुख धारण करनेवाले स्कन्ददेवका क्रथन-(१) एक यक्ष, जिसके साथ पक्षिराज गरुडने एक नाम ( वन० २२८ । ४)।
युद्ध किया था ( आदि. ३२ । १८)। (२) एक कौसल्या-(१) ययातिनन्दन महाराज पूरुकी पत्नी और
असुर, जो भूतलपर राजा 'सूर्याक्ष' के रूपमें उत्पन्न जनमेजय (प्रवीर ) की पत्नी, इनका दूसरा नाम पौष्टी' हुआ था ( आदि० ६७ । ५७ ) । (३) धृतराष्ट्रका था ( आदि० ९५ । १०-११)। (२) एक पुत्र (आदि. ११६ । ११)। काशिराजकी पत्नी तथा अम्बा: अम्बिका एवं अम्बालिका- क्रमजित-एक क्षत्रियनरेश, जो युधिष्ठिरकी सभामें उनके की माता ( आदि. ९५। ५१ )। (३) दशरथ- पास बैठते थे (सभा० ४ । २८)। नन्दन श्रीरामकी माता (वन० २७४ । ७-८ )। (४) क्रव्याद-पितरोंका एक गण (शान्ति० २६९ । १५)। मिथिलानरेश महाराज जनककी पटरानी, इनका पतिको
काथ-(१) एक प्रसिद्ध राजा, जो सिंहिकाकुमार राहुके संन्यास न लेनेके लिये समझाना ( शान्ति. १८ ।
अंशसे उत्पन्न हुआ था (आदि. ६७ । ४०)। यह
द्रौपदीके स्वयंवरमें उपस्थित था (आदि० १८६ ॥१५)। कौस्तुभ-समुद्रसे प्रकट हुई एक मणि जो भगवान् विष्णुके जारूथीनगरीमें श्रीकृष्णद्वारा पराजित हुआ था (वन.
वक्षःस्थलका आभूषण बनी (आदि. १८। ३६ )। १२।३०)। इसने दुर्योधनकी सेनामें सम्मिलित हो . मणिरत्न कौस्तुभका प्रादुर्भाव (उद्योग० १०२ १२)। अभिमन्युपर धावा किया था (द्रोण० ३७ । २५ )। क्रतु-ब्रह्माजीके एक मानसपुत्र ( आदि० ६५ । १०;
इसका पुत्र अभिमन्युद्वारा मारा गया (द्रोण० ४६ । आदि. ६६ । शान्ति.१६६।१६)। बालखिल्य
२६-२७)। इसके द्वारा कलिङ्गराजकुमारका वध नामक ऋषि ऋतुके ही पुत्र हैं (आदि०६६।९)।
हुआ और पाण्डवपक्षीय, पर्वतीयनरेशद्वारा इसका वध ये अर्जुनके जन्म-समयमें पधारे थे (आदि० १२२२५२)।
हुआ ( कर्ण० ८५। १५-१६ )। (२) पूरुवंशी पराशरके राक्षस-सत्रमें राक्षसोंकी जीवनरक्षाके लिये गये
महाराज कुरुके प्रपौत्र एवं धृतराष्ट्रके एक पुत्र ( आदि. ये (आदि. १००।९)। ये इन्द्र और ब्रह्माजीके
९४ । ५८ )।(३) एक वानर सेनापति (वन. सभामें विराजमान होते हैं (सभा० ७।१७ सभा०
२८३ । १९ )।(४)(क्रथन) धृतराष्ट्रका एक १५। १९)। स्कन्दके जन्मकालमें भी ये पधारे थे
पुत्र | भीमसेनद्वारा इसका वध (कर्ण०५१ । १६)।
(५) स्कन्दका एक सैनिक (शल्य० ४५। ७०)। (शल्य०४५। १०)। शरशय्यापर पड़े हुए भीष्मजीके पास गये थे ( शान्ति. १७।१०)। इक्कीस
(६) एक नाग, जो बलरामजीके परमधाम पधारते
समय उनके स्वागतके लिये गया था (मौसल०४।१६) प्रजापतियोंमें ये भी हैं (शान्ति० ३३४ । ३५-३७)। सात चित्रशिखण्डी' ऋषियोंमें भी सुकी गणना की क्रिया-दक्ष प्रजापतिकी एक पुत्री और धर्मराजकी पत्नी गयी है ( शान्ति० ३३५।२७)।आठ प्रकृतियों में (आदि. ६६ । १४)। भी इनका स्थान है (शान्ति. ३४०।३४)। इन्हें क्रीत-एक प्रकारका अबन्धुदायाद पुत्र, जिसे धन आदि शिवभक्तिद्वारा सहस्रों पुत्रोंकी प्राप्ति हुई (अनु०१४। देकर खरीद लिया गया हो (भादि. ११९ । ३४)। ८७-८८)। उत्तरायण आरम्भ होनेपर भीष्मजी देखने- क्रूर-एक भारतीय जनपद (भीष्म० ९ । ६५)। के लिये आये थे (अनु० २६ । ४)। ये महायोगेश्वर करा अथवा क्रोधा दक्षप्रजापतिकी पुत्री । कश्यपकी माने गये हैं (अनु० ९२ । २१)।
पत्नी (आदि. ६५ । १२-१३, आदि०६६ । १३)। क्रथ-(१)एक क्षत्रिय राजा, जो क्रोधवशसंज्ञक असुरके
इस क्रूरा या क्रोधाके क्रूर स्वभाववाले असंख्य पुत्र-पौत्र 'अंशसे उत्पन्न हुआ था ( आदि० ६७ । ६१)। हैं और यही क्रोधवश' संज्ञक असुरोंकी जननी है (२) एक प्राचीन देश, जिसपर विदर्भनरेश भीष्मकने (आदि० ६५ । ३२)। विजय पायी थी ( सभा० १४ । २१)। (३) एक क्रोध-एक विख्यात दानव, जो काला नामक कश्यपपत्नीका राजराजेश्वर, जिन्हें भीमसेनने दिग्विजयके समय परास्त
पुत्र था ( आदि०६५। ३५)। किया था ( सभा० ३०।७)।(४) एक महर्षि,
क्रोधन-एक ऋषि, जो इन्द्रकी सभामें विराजते हैं (सभा. जिन्होंने शान्ति दूत बनकर हस्तिनापुर जाते हुए। श्रीकृष्णकी परिक्रमा की थी ( उद्योग० ८३ । २७)। (५) एक कौरव-योद्धा (द्रोण० १२० । १०-११)। क्रोधना-स्कन्दकी अनुचरी मातृका (शल्य० ४६ । १)। (६) स्कन्दका एक सैनिक (शल्य० ४५। ७०)। क्रोधवर्द्धन-एक असुर, जो 'दण्डधार' नामक राजाके
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