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होना। (स.३५) पाऊण विमुंचदे णाणी। विमुंचदि विमुंचदे विमुंचए (व.प्र.ए.स.४०७,३५) विमुक्क वि [विमुक्त] छूटा हुआ,बंधनमुक्त। (भा.१२४)
वाहिजरमरणवेयणडाहविमुक्का सिवा होति। (भा.१२४) विमुच्च सक [वि+मुच्] छोड़ना, त्याग करना। (प्रव.जे.९४) विमुच्चदे कम्मधूलीहिं। विमुत्त वि विमुक्त] छूटा हुआ, बंधन मुक्त। तया विमुत्तो हवइ।
(स.३१५) विमोइद वि [विमोचित] छुड़ाया हुआ,मुक्त हुआ,छोड़ा गया।
विमोइदो गुरुकलत्तपुत्तेहिं। (प्रव.चा.२) विमोक्ख पुं [विमोक्ष] मुक्ति, छुटकारा। (स.२८९, सू.२३) जीवोवि ण पावइ विमोक्खं । (स.२९१) -मग्ग पुं [मार्ग] मुक्तिपथ, मोक्षमार्ग। णग्गो विमोक्खमग्गो। (सू.२३) विमोच सक [वि+मुच्] परित्याग करना, छोड़ना। करेमि बंधेमि
तह विमोचेमि। (सू.२६६) विमोचित देखो विमोइद। (चा.३४) -आवास पुं [आवास] विमोचितावास, छोड़े हुए आवास, अचौर्यव्रत की एक भावना। विमोचितावास जं परोधं च। (चा.३४) विमोह वि [विमोह] विपर्यय, उल्टाज्ञान, विपरीत ज्ञान।
संसयविमोहविभमविवज्जियं। (निय.५१) विमोहिय वि [विमोहित] मोह को प्राप्त, मोहासक्त। (मो.६७) विसएसु विमोहिया मूढा। (मो.६७)
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