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अणुमत्त न [अणुमात्र] किंचित् भी। (पंचा. १६७) जस्स हिदयेणुमत्तं। (पंचा.१६७) अणुमत्ता वि [अनुमत]अनुमति देने वाला। (प्रव.शे. ६८, निय.७७) अणुमत्ता णेव कत्तीणं। अणुमहंत वि [अणुमहान्त] छोटे-बड़े, मूर्तिक-अमूर्तिक, बहुप्रदेशी।
(पंचा.४) अणण्णमइया अणुमहंता। अणुमण्ण एक [अनु+मन्] अनुमति देना, अनुमोदन करना, प्रसन्न होना, प्रशंसा करना। अणुमण्णदि (प्रव.६५) किरियासु णाणुमण्णदि। अणुमोदण न [अनुमोदन] अनुमति, सम्मति। (निय.६३)
कदकारिदाणुमोदणरहिदं। अणुमोदणा स्त्री [अनुमोदना]अनुमति, सम्मति। (द.१३) पावं
अणुमोदणाणं। अणुरत्त वि [अनुरक्त] अनुरागप्राप्त। (मो. ५२) अणुवेक्खा स्त्री [अनुप्रेक्षा] भावना, चिंतन, विचार। अणुवेक्खाओ (प्र.ब.द्वा.८७) अणुवेक्खं (द्वि.ए.द्वा.८७)भावेज्जं अणुवेक्खं। (द्वा.८७) अणुहव सक [अनु+भू] अनुभव करना। (पंचा.१६३, प्रव.जे.४३,
७१,७२) सो तेण सोक्खमणुहवदि। (पंचा.१६३) अणेग/अणेय वि [अनेक] बहुत, एक से अधिक। (स.
७६,७७,प्रव.जे.३२, निय.११७, भा.१४,१६) पुग्गलकम्म अणेयविहं। (स.७६)-कम्म पुं [कर्म] अनेक कर्म। - विध/विह
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